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'जहरीली शराब से मौत मामले में सरकार को बुलानी चाहिए सर्वदलीय बैठक, आई वॉश है समीक्षा बैठक' - patna news today in hindi

लोगों की जान जाने के बाद समीक्षा बैठक करने की सरकार प्रतिक्षा करती है. यह सिर्फ आई वॉश है. जहरीली शराब से मौत मामले और शराबबंदी कानून को लेकर समीक्षा बैठक की जगह सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी. यह कहना है आरजेडी (RJD) प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का. पढ़ें पूरी खबर..

Review Meeting On Liquour Ban
Review Meeting On Liquour Ban
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Published : Nov 15, 2021, 4:47 PM IST

पटना: बिहार में जहरीली शराब (Poisonous liquor) की हाल की कई घटनाओं और इस साल 100 से अधिक मौतों को लेकर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) 16 नवंबर को हाई लेवल मीटिंग (Review Meeting On Liquour Ban) करने वाले हैं. इस पर बिहार में लगातार सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने कहा कि समीक्षा बैठक की जगह सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी.

इसे भी पढ़ें- बिहार में जहरीली शराब से मौत पर एक्शन में CM नीतीश, 16 नवंबर को लेंगे बड़ा फैसला

राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि शराबबंदी कानून को लेकर जो समीक्षा बैठक सरकार करने वाली है, उससे कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून को लेकर सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए.

"अगर नियत साफ हो तो सभी दलों के नेताओं को बुलाना चाहिए, विपक्ष का भी साथ लेना चाहिए. सरकार की समीक्षा बैठक सिर्फ आई वॉश है. शराब माफियाओं, तस्करों को सरकार का संरक्षण रहा है. सरकार कार्रवाई कर नहीं सकती है. बड़ी मछलियों को पकड़ नहीं सकती है."- मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता

देखें वीडियो

इसे भी पढ़ें : शराबबंदी के गुजरात मॉडल को लेकर बिहार में सियासी संग्राम

मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक से पता चलता कि आखिर शराबबंदी कानून (Prohibition Law In Bihar ) में क्या-क्या खामियां है और किस तरह से इस कानून को पूरी तरह से लागू किया जाएगा. लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया है जो कि गलत है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कई बार लॉ एंड ऑर्डर को लेकर समीक्षा बैठक कर चुकी है, उसका फलाफल क्या निकला है सभी लोग जानते हैं. अभी भी लगातार राज्य में अपराध बढ़ रहा है लेकिन सरकार में बैठे लोगों को अपराध दिखता ही नहीं है.

ये भी पढ़ें : शराबकांड पर CM नीतीश के तेवर तल्ख.. अब कुछ भी करने को हैं तैयार.. 16 के बाद 'लापरवाह' अफसरों पर लेंगे एक्शन

आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि शराबबंदी कानून का भी हाल बुरा है. सैंकड़ों लोगों की जहरीली शराब पीने से जान चली गई और सरकार प्रतिक्षा करती है कि जान जाने के बाद समीक्षा करेंगे. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के तीखे सवालों का जवाब सरकार के पास नहीं है. शराब लोग न पीये इसकी कोई व्यवस्था नहीं है. शराब आज भी धड़ल्ले से बिक रही है.

ये भी पढ़ें : जिस शराबबंदी के कारण नीतीश कुमार को मिली थी वाहवाही, अब उसी मॉडल पर उठने लगे गंभीर सवाल

बता दें कि बिहार के समस्तीपुर, सिवान, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज से लगातार जहरीली शराब से मौत का तांडव होने के बाद नीतीश कुमार काफी नाराज हैं. सभी आला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी को डिटेल के साथ 16 नवंबर को उपस्थित होने का निर्देश दिया है. इस बैठक को लेकर विपक्ष हमलावर है.

गौरतलब है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक 3 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. 55 लाख लीटर देसी शराब और 100 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की गई है. 700 से ज्यादा पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई, 400 से अधिक सरकारी कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. वहीं 200 से अधिक की बर्खास्तगी और 60 से अधिक थानाध्यक्षों को शराब मामले की वजह से हटाया जा चुका है लेकिन सबके बावजूद 2021 की बात करें तो अब तक जहरीली शराब से पीकर मरने वालों की संख्या 100 से अधिक हो चुकी है.

पटना: बिहार में जहरीली शराब (Poisonous liquor) की हाल की कई घटनाओं और इस साल 100 से अधिक मौतों को लेकर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) 16 नवंबर को हाई लेवल मीटिंग (Review Meeting On Liquour Ban) करने वाले हैं. इस पर बिहार में लगातार सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने कहा कि समीक्षा बैठक की जगह सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी.

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राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि शराबबंदी कानून को लेकर जो समीक्षा बैठक सरकार करने वाली है, उससे कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून को लेकर सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए.

"अगर नियत साफ हो तो सभी दलों के नेताओं को बुलाना चाहिए, विपक्ष का भी साथ लेना चाहिए. सरकार की समीक्षा बैठक सिर्फ आई वॉश है. शराब माफियाओं, तस्करों को सरकार का संरक्षण रहा है. सरकार कार्रवाई कर नहीं सकती है. बड़ी मछलियों को पकड़ नहीं सकती है."- मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता

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मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक से पता चलता कि आखिर शराबबंदी कानून (Prohibition Law In Bihar ) में क्या-क्या खामियां है और किस तरह से इस कानून को पूरी तरह से लागू किया जाएगा. लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया है जो कि गलत है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कई बार लॉ एंड ऑर्डर को लेकर समीक्षा बैठक कर चुकी है, उसका फलाफल क्या निकला है सभी लोग जानते हैं. अभी भी लगातार राज्य में अपराध बढ़ रहा है लेकिन सरकार में बैठे लोगों को अपराध दिखता ही नहीं है.

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आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि शराबबंदी कानून का भी हाल बुरा है. सैंकड़ों लोगों की जहरीली शराब पीने से जान चली गई और सरकार प्रतिक्षा करती है कि जान जाने के बाद समीक्षा करेंगे. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के तीखे सवालों का जवाब सरकार के पास नहीं है. शराब लोग न पीये इसकी कोई व्यवस्था नहीं है. शराब आज भी धड़ल्ले से बिक रही है.

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बता दें कि बिहार के समस्तीपुर, सिवान, मुजफ्फरपुर, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज से लगातार जहरीली शराब से मौत का तांडव होने के बाद नीतीश कुमार काफी नाराज हैं. सभी आला प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी को डिटेल के साथ 16 नवंबर को उपस्थित होने का निर्देश दिया है. इस बैठक को लेकर विपक्ष हमलावर है.

गौरतलब है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक 3 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. 55 लाख लीटर देसी शराब और 100 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की गई है. 700 से ज्यादा पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई, 400 से अधिक सरकारी कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. वहीं 200 से अधिक की बर्खास्तगी और 60 से अधिक थानाध्यक्षों को शराब मामले की वजह से हटाया जा चुका है लेकिन सबके बावजूद 2021 की बात करें तो अब तक जहरीली शराब से पीकर मरने वालों की संख्या 100 से अधिक हो चुकी है.

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