पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आखिरकार गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया. इसको लेकर प्रदेश की सियासत एक बार फिर से गर्म हो चली है.
पिछले कई महीनों से महागठबंधन में कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग कर रहे जीतन राम मांझी ने पहले भी अल्टीमेटम दिया था. इसी क्रम में हम ने महागठबंधन से निकलने की घोषणा कर दी है. जिस पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि मांझी एक बार फिर झांसे में आ गए हैं.
'अपना अपमान भूल गए मांझी'
आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जिस समय नीतीश कुमार ने उन्हें बेइज्जत किया था, तब उनके मुश्किल समय में लालू यादव और राजद ने उनकी मदद की थी. इतना ही नहीं आरजेडी ने उनके बेटे को एमएलसी भी बनाया. उन्होंने कहा कि सोचने वाली बात है कि मांझी अपना अपमान कैसे भूल गए.
'कोऑर्डिनेशन कमेटी बहाना'
मृत्युंजय तिवारी ने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हमेशा जीतन राम मांझी को अभिभावक स्वरुप माना है. फिर भी मांझी ने ऐसा फैसला किया है. वहीं कोऑर्डिनेशन कमेटी के सवाल पर राजद नेता ने कहा कि कोऑर्डिनेशन कमेटी तो एक बहाना था. मांझी को जदयू में जाना ही था, खैर उनको हमारी शुभकामनाएं.