पटनाः एनआरसी पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर बिहार की सियासत तेज हो गई है. प्रदेश में एनआरसी लागू करने को लेकर राजनीतिक दलों के बीच अलग-अलग राय है. बीजेपी जहां पूरे देश में एनआरसी लागू करवाना चाहती है, वहीं जदयू फिलहाल कुछ भी खुल कर नहीं बोल पा रही है. दूसरी तरफ जदयू के स्टैंड पर आरजेडी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
आरजेडी के प्रदेश प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने एनआरसी पर केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि इस मुद्दे पर सरकार कम्युनल पॉलिटिक्स करना चाहती है. आरजेडी विधायक के मुताबिक जहां बंगाल सरकार ने राज्य में एनआरसी लागू करने से साफ मना कर दिया है. जबकि नीतीश कुमार अभी तक अपनी स्थिति स्पष्ट कर सके हैं. आरजेडी नेता ने कहा कि नीतीश कुमार को इस पर चुप्पी तोड़नी चाहिए.
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एनआरसी पर पशोपेश में जदयू
बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओर कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने एनआरसी को पूरे देश में लागू करने की मांग की है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घोषणा के बाद इस कानून को लेकर कोई संशय नहीं है. वहीं, संसदीय कार्य मंत्री और जदयू नेता श्रवण कुमार एनआरसी मुद्दे पर जवाब देने से बचते रहे. श्रवण कुमार ने बताया कि इस इस मुद्दे पर पार्टी प्रवक्ता ही कुछ कह सकते हैं.
बीजेपी नेता उठाते रहे हैं एनआरसी की मांग
बता दें कि बिहार बीजेपी के नेता लगातार सीमांचल में एनआरसी लागू करने की मांग उठाते रहे हैं. बीजेपी कोटे से पिछड़ा मंत्री विनोद कुमार राज्य में 35 से 40 बांग्लादेशी घुसपैठिये होने की बात कह चुके हैं. बीजेपी नेता के दावे के मुताबिक सिर्फ सीमावर्ती जिलों में ही करीब चार लाख मतदाता और 15 से 20 लाख आबादी बांग्लादेशी घुसपैठियों की है. विनोद सिंह बिहार सहित पूरे देश में नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजनशिप (एनआरसी) लागू करने की मांग उठा चुके हैं.