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राज्यसभा चुनाव में RJD ने 'A टू Z' की बजाय 'MY' को दी तरजीह

राजद के दोनों प्रत्याशी मीसा भारती तथा फैयाज आलम ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल कर दिया. ऐसे में एक बार फिर से एमवाई समीकरण की बातें होने लगी है. पढ़ें पूरी खबर...

RJD MY Politics
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Published : May 28, 2022, 10:22 PM IST

पटना: राज्यसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की पुत्री मीसा भारती और बिस्फी के पूर्व विधायक फैयाज आलम के राज्यसभा भेजने के निर्णय के बाद एक बार फिर से राजद के मुस्लिम-यादव (एम-वाई ) समीकरण (RJD MY Politics) को लेकर चर्चा शुरू हो गई. कहा जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव में राजद नेता तेजस्वी यादव के ए टू जेड की नीति पर पार्टी के प्रमुख लालू प्रसाद का एम वाई समीकरण हावी रहा.

ये भी पढ़ें - Rajya Sabha Election 2022: RJD से मीसा भारती और फैयाज अहमद ने भरा पर्चा

राजद के दोनों प्रत्याशी मीसा भारती तथा फैयाज आलम ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल कर दिया. लालू के पुत्र और राजद के नेता तेजस्वी यादव पिछले कुछ महीनों से राजद को ए टू जेड की पार्टी बताते रहे हैं. इस दौरान स्थानीय कोटे के विधान परिषद के चुनाव में कई सवर्णों को टिकट थमाकर राजद ने इसके संकेत भी दे दिए थे. कहा जाता है कि बोचहा विधानसभा उपचुनाव में राजद को इसका लाभ भी हुआ था, लेकिन राज्यसभा के चुनाव में राजद ने एकबार फिर अपने परमरागत वोट बैंक से जुड़े लोगों पर विश्वास जताया है.

मीसा भारती को फिर से राज्यसभा भेजा जाना तय माना जा रहा था लेकिन एक उम्मीदवार को लेकर असमंजस था. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों राज्य और केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से राज्यसभा और विधान परिषद द्विवार्षिक चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए पार्टी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को अधिकृत कर दिया था. गौरतलब है कि इस बैठक में तेजस्वी यादव शामिल नहीं हुए थे.

इसमें कोई शक नहीं कि राजद ने एम वाई समीकरण के बदौलत ही बिहार की सत्ता पर पांच वर्षो तक बनी रही. लेकिन, पिछले विधानसभा चुनाव के बाद तेजस्वी ने राजद को ए टू जेड की पार्टी बताते रहे हैं. इधर, राजद के कोई नेता इस संबंध में बोलना नहीं चाह रहे। राजद के एक वरिष्ठ नेता हालांकि कहते हैं कि राजद सभी जाति, वर्गों को साथ लेकर चलने पर विश्वास रखती है. राज्यसभा चुनाव को सिर्फ नहीं देखना चाहिए.

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पटना: राज्यसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की पुत्री मीसा भारती और बिस्फी के पूर्व विधायक फैयाज आलम के राज्यसभा भेजने के निर्णय के बाद एक बार फिर से राजद के मुस्लिम-यादव (एम-वाई ) समीकरण (RJD MY Politics) को लेकर चर्चा शुरू हो गई. कहा जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव में राजद नेता तेजस्वी यादव के ए टू जेड की नीति पर पार्टी के प्रमुख लालू प्रसाद का एम वाई समीकरण हावी रहा.

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राजद के दोनों प्रत्याशी मीसा भारती तथा फैयाज आलम ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल कर दिया. लालू के पुत्र और राजद के नेता तेजस्वी यादव पिछले कुछ महीनों से राजद को ए टू जेड की पार्टी बताते रहे हैं. इस दौरान स्थानीय कोटे के विधान परिषद के चुनाव में कई सवर्णों को टिकट थमाकर राजद ने इसके संकेत भी दे दिए थे. कहा जाता है कि बोचहा विधानसभा उपचुनाव में राजद को इसका लाभ भी हुआ था, लेकिन राज्यसभा के चुनाव में राजद ने एकबार फिर अपने परमरागत वोट बैंक से जुड़े लोगों पर विश्वास जताया है.

मीसा भारती को फिर से राज्यसभा भेजा जाना तय माना जा रहा था लेकिन एक उम्मीदवार को लेकर असमंजस था. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों राज्य और केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से राज्यसभा और विधान परिषद द्विवार्षिक चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए पार्टी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को अधिकृत कर दिया था. गौरतलब है कि इस बैठक में तेजस्वी यादव शामिल नहीं हुए थे.

इसमें कोई शक नहीं कि राजद ने एम वाई समीकरण के बदौलत ही बिहार की सत्ता पर पांच वर्षो तक बनी रही. लेकिन, पिछले विधानसभा चुनाव के बाद तेजस्वी ने राजद को ए टू जेड की पार्टी बताते रहे हैं. इधर, राजद के कोई नेता इस संबंध में बोलना नहीं चाह रहे। राजद के एक वरिष्ठ नेता हालांकि कहते हैं कि राजद सभी जाति, वर्गों को साथ लेकर चलने पर विश्वास रखती है. राज्यसभा चुनाव को सिर्फ नहीं देखना चाहिए.

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