पटना: विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है. राजद में टूट के बाद तेजस्वी के नेतृत्व में विधायकों ने राजभवन मार्च किया. साथ ही मंगलवार को आरजेडी के दलित ने विधायकों ने राजभवन मार्च के दौरान आरक्षण के मुद्दे पर राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा.
दलित आरक्षण के मसले पर राजद का अलग स्टैंड
गौरतलब है कि बिहार के तमाम दलित विधायक आरक्षण को लेकर अभियान चला रहे हैं. उद्योग मंत्री श्याम रजक, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी समेत तमाम मंत्री और विधायक लगातार बैठक कर रहे हैं. वहीं, आरजेडी दलित आरक्षण को लेकर अलग से अभियान चला रही है. इसी क्रम में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी के तमाम दलित विधायकों ने राजभवन मार्च कर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा.
'केंद्र सरकार के मंत्रालयों में दलित-पिछड़ी जाति के सचिव नगण्य'
पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा कि देश में दलितों को आरक्षण से वंचित किया जा रहा है. हम लोग उसके खिलाफ चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाएंगे. उन्होंने कहा कि संविधान के तहत मिले अधिकार से दलितों को वंचित किया जा रहा है. मिसाल के तौर पर 43 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एक भी ओबीसी एसोसिएट प्रोफेसर नहीं है. वहीं, 496 कुलपतियों में मात्र 6 आदिवासी, 6 दलित और 36 पिछड़ी जाति के कुलपति मौजूदा समय में हैं. केंद्र सरकार के मंत्रालयों में दलित और पिछड़ी जाति के सचिव नहीं है.