पटना: पिछले कई सालों से बिहार की एक्टिव पॉलिटिक्स से लालू यादव भले ही दूर हैं, लेकिन बिहार की सियासत में बिना लालू का नाम लिए शायद ही बिहार विधानमंडल का कोई सत्र गुजरता है. इस बार भी राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब देते वक्त नीतीश कुमार ने लालू का नाम लिए बगैर उनकी चर्चा कर दी और अब आरजेडी नेताओं ने इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि युवा तेजस्वी ने चुनाव में जिस तरह की पीड़ा उन्हें पहुंचाई है.
सीएम नीतीश कुमार विपक्ष में किया था कटाक्ष
राज्यपाल के अभिभाषण पर सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को राजद नेताओं पर जमकर कटाक्ष किया था. नीतीश कुमार जब सरकार की तरफ से उत्तर दे रहे थे. इस दौरान आरजेडी नेता लगातार टोकटाक कर रहे थे. इस पर सीएम नीतीश कुमार ने नाराजगी जताई थी. यह कह दिया कि आरजेडी नेताओं का सदन में टोका-टोकी करना मजबूरी है क्योंकि अगर यह नहीं करेंगे तो इन्हें जेल से फोन आ जाएगा और फिर जवाब देना पड़ेगा.
लालू के बिना नहीं होता पूरा काम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अप्रत्यक्ष रूप से लालू यादव पर हमला बोला था. इसे लेकर आरजेडी नेताओं ने आरोप लगाया है कि बिना लालू का नाम लिए या बिना लालू का जिक्र किए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई काम पूरा नहीं हो पाता. यही वजह है कि बात बेबात वे उन्हें याद किया करते हैं. आरजेडी नेता सुबोध कुमार ने कहा कि यह नीतीश कुमार की पीड़ा है जो सदन में निकल रही है क्योंकि एक 30-31 साल के युवा तेजस्वी ने उन्हें पानी पिला दिया है.
इधर, जेडीयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि यह बात किसी से छिपी नहीं है कि किस तरह आरजेडी के नेताओं को लालू का फोन आता है. उन्होंने कहा कि सदन में जब मुख्यमंत्री राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार का जवाब दे रहे थे. उस दौरान आरजेडी के नेता लगातार टोका टाकी कर रहे थे जो कहीं से उचित नहीं है.
सदन से बाहर सीएम नीतीश ने हंसी मजाक करार दिया
मंगलवार को बिहार विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब सरकार का जवाब दे रहे थे. इस दौरान आरजेडी के नेता टुकटुकी कर रहे थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजनेताओं पर कटाक्ष किया था. हालांकि सदन से बाहर निकलने के बाद नीतीश कुमार ने इसे हंसी मजाक करार दिया था.