पटना: कोरोना काल में इस साल के अंत होने वाले संभावित बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अब सभी राजनीतिक दल वर्चुअल रैली और बैठकों की रणनीति अपना रहे हैं. प्रदेश में इस रैली की शुरूआत भाजपा ने की थी. इसी कड़ी में 7 अगस्त को मुख्यमंंत्री नीतीश कुमार भी राजनीतिक वर्चुअल रैली से बिहार के लोगों को संबोधित करेंगे.
इस डिजिटल रैली को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे के आमने-सामने है. राजद जदयू पर सीधे तौर पर लगातार हमला बोल रही है. हालांकि, विपक्ष के हर सवाल का जवाब जदयू खेमे से संयमित तरीके से दिये जा रहे हैं.
'सीएम को सता रहा चुनाव का फिक्र'
जदयू की डिजिटल रैली पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में लोग बाढ़ और कोरोना संक्रमण को लेकर परेशान हैं. संक्रमण के कारण सैकड़ों लोग अपनी जान गांवा चुके हैं. बाढ़ से लाखों की आबादी बेघर हो गई है. उन्हें खाने तक नहीं नसीब हो रहा.
लेकिन इन सब से इतर बिहार सरकार चुनावी तैयारी में मशगूल है. नीतीश सरकार को जनता की कोई फिक्र नहीं है. राजद नेता ने कहा कि बीजेपी और जदयू वर्चुअल रैली में लगी हुई है, उन्हें चुनाव की चिंता सता रही है. आगामी विधानसभा चुनाव में जनता इनका बराबर हिसाब करेगी.
'गरीबों की मदद करे सरकार'
राजद नेता ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पर बाढ़ और संक्रमण से हालात बहुत ही बदतर होते जा रहे हैं. कोरोना संकट के चलते बिहार के करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं और डंबल इंजन की सरकार चुनाव तैयारी में जुटी है. राजग अपने बीते 15 साल की उपलब्धियां नहीं बता रहा है. क्योंकि उनके पास बताने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि इस दोहरी संकट के दौरान सरकार गरीबों की मदद करें. सरकार चुनाव और वर्चुअल रैली की चिंता छोड़कर पहले गरीब और बेहाल लोगों तक मदद पहुंचाए.
इससे पहले भाजपा ने की थी डिजिटल रैली
गौरतलब है कि इससे पहले बीते 8 जुन को भाजपा ने सबसे पहले वर्चुअल रैली के जरिए बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंका था. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनता को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया था. अब इसी राह पर चलते हुए जदयू भी आगामी 7 अगस्त को वर्चुअल रैली का आयोजन कर रही है. इस रैली को सीएम नीतीश कुमार संबोधित करेंगे. बता दें कि इस समय भी जदयू के वरीय नेता विधानसभावर डिजिटल माध्यम से लोगों से संवाद कर रहे हैं.