पटना: प्रदेश में करीब 5 लाख से भी ज्यादा लोग वर्तमान में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं. ये लोग किसी प्राइवेट कंपनी के नहीं, बल्कि सरकार के अधीन ठेके पर नौकरी कर रहे हैं. आए दिन ठेके पर बहाल ये लोग अपनी सेवा शर्त, वेतन और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन करते रहते हैं. सरकार ने इनके लिए एक कमेटी भी बनाई थी. लेकिन, आज तक उसकी रिपोर्ट लागू नहीं हुई.
इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में ठेके पर बहाली का मुद्दा सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि विपक्षी दल आरजेडी ने दावा किया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो ठेके पर बहाली बंद की जाएगी.
6 साल से लंबित है बहाली प्रक्रिया
बिहार कर्मचारी चयन आयोग के जरिए बहाली की प्रक्रिया पिछले करीब 6 साल से लंबित है. इसके अलावा बिहार में पिछले कई सालों से ग्रुप सी के पदों पर बहाली नहीं हुई. जिसके कारण सचिवालय समेत पूरे बिहार के अन्य कार्यालयों में हजारों की संख्या में पद रिक्त पड़े हैं. ऐसे में सरकार ने ठेके पर बहाली के जरिए कामकाज जारी रखने का रास्ता निकाला. लेकिन, ये रास्ता सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है.
बिहार सरकार ने बनाई थी विशेष कमेटी
सरकार ने अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी भी कुछ साल पहले बनाई थी. लेकिन, उसका कार्यकाल में लगातार बढ़ता रहा. इस कमेटी का जन्म ठेके पर बहाल कर्मचारियों की सेवा को नियमित कर्मचारियों के बराबर करने की सरकार में घोषणा की थी. लेकिन, अब तक सरकार की घोषणा पूरी नहीं हो पाई है. इधर नियोजित शिक्षक जो करीब चार लाख हैं, वे भी लगातार सेवा नियमित करने की मांग को लेकर हड़ताल और आंदोलन करते रहे हैं.
आरजेडी ने नीतीश कुमार को बताया ठेके का सीएम
विपक्षी पार्टी आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो ठेके पर बहाली की प्रक्रिया खत्म की जाएगी. जो सिस्टम लालू राबड़ी के शासन काल के समय था उसी सिस्टम को लागू किया जाएगा. वहीं, बीजेपी के नेता डॉ. सीपी ठाकुर ने भी कहा कान्ट्रैक्ट पर बहाली किसी भी तरह से उचित नहीं है क्योंकि ऐसे कर्मचारियों में ना सिर्फ हमेशा असुरक्षा का भाव रहता है बल्कि राज्य का भी आर्थिक नुकसान होता है.
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महत्वपूर्ण तथ्य :
बिहार में नियोजन पर काम कर रहे शिक्षकों की संख्या- करीब 400000
अन्य विभागों में ठेके पर काम कर रहे कर्मियों की संख्या- करीब 3.5 लाख
नियोजन पर काम कर रहे कर्मियों के लिए बनाई गई थी कमेटी
अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में बनी थी हाई लेवल कमिटी