ETV Bharat / state

RJD ने कॉन्ट्रैक्ट पर बहाली को बनाया मुद्दा, जगदानंद बोले- 'ठेके के CM' करवा रहे हैं ठेके पर काम

इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में ठेके पर बहाली का मुद्दा सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है क्योंकि विपक्षी दल आरजेडी ने दावा किया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो ठेके पर बहाली बंद की जाएगी.

जगदानंद सिंह
जगदानंद सिंह
author img

By

Published : Jan 20, 2020, 5:18 PM IST

Updated : Jan 22, 2020, 8:17 AM IST

पटना: प्रदेश में करीब 5 लाख से भी ज्यादा लोग वर्तमान में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं. ये लोग किसी प्राइवेट कंपनी के नहीं, बल्कि सरकार के अधीन ठेके पर नौकरी कर रहे हैं. आए दिन ठेके पर बहाल ये लोग अपनी सेवा शर्त, वेतन और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन करते रहते हैं. सरकार ने इनके लिए एक कमेटी भी बनाई थी. लेकिन, आज तक उसकी रिपोर्ट लागू नहीं हुई.

इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में ठेके पर बहाली का मुद्दा सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि विपक्षी दल आरजेडी ने दावा किया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो ठेके पर बहाली बंद की जाएगी.

6 साल से लंबित है बहाली प्रक्रिया
बिहार कर्मचारी चयन आयोग के जरिए बहाली की प्रक्रिया पिछले करीब 6 साल से लंबित है. इसके अलावा बिहार में पिछले कई सालों से ग्रुप सी के पदों पर बहाली नहीं हुई. जिसके कारण सचिवालय समेत पूरे बिहार के अन्य कार्यालयों में हजारों की संख्या में पद रिक्त पड़े हैं. ऐसे में सरकार ने ठेके पर बहाली के जरिए कामकाज जारी रखने का रास्ता निकाला. लेकिन, ये रास्ता सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है.

patna
सचिवालय (फाइल फोटो)

बिहार सरकार ने बनाई थी विशेष कमेटी
सरकार ने अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी भी कुछ साल पहले बनाई थी. लेकिन, उसका कार्यकाल में लगातार बढ़ता रहा. इस कमेटी का जन्म ठेके पर बहाल कर्मचारियों की सेवा को नियमित कर्मचारियों के बराबर करने की सरकार में घोषणा की थी. लेकिन, अब तक सरकार की घोषणा पूरी नहीं हो पाई है. इधर नियोजित शिक्षक जो करीब चार लाख हैं, वे भी लगातार सेवा नियमित करने की मांग को लेकर हड़ताल और आंदोलन करते रहे हैं.

patna
डॉ. सीपी ठाकुर, बीजेपी नेता

आरजेडी ने नीतीश कुमार को बताया ठेके का सीएम
विपक्षी पार्टी आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो ठेके पर बहाली की प्रक्रिया खत्म की जाएगी. जो सिस्टम लालू राबड़ी के शासन काल के समय था उसी सिस्टम को लागू किया जाएगा. वहीं, बीजेपी के नेता डॉ. सीपी ठाकुर ने भी कहा कान्ट्रैक्ट पर बहाली किसी भी तरह से उचित नहीं है क्योंकि ऐसे कर्मचारियों में ना सिर्फ हमेशा असुरक्षा का भाव रहता है बल्कि राज्य का भी आर्थिक नुकसान होता है.

ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा की रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में 19 दोषी करार, जानें अब तक क्या-क्या हुआ

महत्वपूर्ण तथ्य :
बिहार में नियोजन पर काम कर रहे शिक्षकों की संख्या- करीब 400000
अन्य विभागों में ठेके पर काम कर रहे कर्मियों की संख्या- करीब 3.5 लाख
नियोजन पर काम कर रहे कर्मियों के लिए बनाई गई थी कमेटी
अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में बनी थी हाई लेवल कमिटी

पटना: प्रदेश में करीब 5 लाख से भी ज्यादा लोग वर्तमान में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं. ये लोग किसी प्राइवेट कंपनी के नहीं, बल्कि सरकार के अधीन ठेके पर नौकरी कर रहे हैं. आए दिन ठेके पर बहाल ये लोग अपनी सेवा शर्त, वेतन और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन करते रहते हैं. सरकार ने इनके लिए एक कमेटी भी बनाई थी. लेकिन, आज तक उसकी रिपोर्ट लागू नहीं हुई.

इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में ठेके पर बहाली का मुद्दा सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि विपक्षी दल आरजेडी ने दावा किया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो ठेके पर बहाली बंद की जाएगी.

6 साल से लंबित है बहाली प्रक्रिया
बिहार कर्मचारी चयन आयोग के जरिए बहाली की प्रक्रिया पिछले करीब 6 साल से लंबित है. इसके अलावा बिहार में पिछले कई सालों से ग्रुप सी के पदों पर बहाली नहीं हुई. जिसके कारण सचिवालय समेत पूरे बिहार के अन्य कार्यालयों में हजारों की संख्या में पद रिक्त पड़े हैं. ऐसे में सरकार ने ठेके पर बहाली के जरिए कामकाज जारी रखने का रास्ता निकाला. लेकिन, ये रास्ता सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है.

patna
सचिवालय (फाइल फोटो)

बिहार सरकार ने बनाई थी विशेष कमेटी
सरकार ने अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी भी कुछ साल पहले बनाई थी. लेकिन, उसका कार्यकाल में लगातार बढ़ता रहा. इस कमेटी का जन्म ठेके पर बहाल कर्मचारियों की सेवा को नियमित कर्मचारियों के बराबर करने की सरकार में घोषणा की थी. लेकिन, अब तक सरकार की घोषणा पूरी नहीं हो पाई है. इधर नियोजित शिक्षक जो करीब चार लाख हैं, वे भी लगातार सेवा नियमित करने की मांग को लेकर हड़ताल और आंदोलन करते रहे हैं.

patna
डॉ. सीपी ठाकुर, बीजेपी नेता

आरजेडी ने नीतीश कुमार को बताया ठेके का सीएम
विपक्षी पार्टी आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो ठेके पर बहाली की प्रक्रिया खत्म की जाएगी. जो सिस्टम लालू राबड़ी के शासन काल के समय था उसी सिस्टम को लागू किया जाएगा. वहीं, बीजेपी के नेता डॉ. सीपी ठाकुर ने भी कहा कान्ट्रैक्ट पर बहाली किसी भी तरह से उचित नहीं है क्योंकि ऐसे कर्मचारियों में ना सिर्फ हमेशा असुरक्षा का भाव रहता है बल्कि राज्य का भी आर्थिक नुकसान होता है.

ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा की रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में 19 दोषी करार, जानें अब तक क्या-क्या हुआ

महत्वपूर्ण तथ्य :
बिहार में नियोजन पर काम कर रहे शिक्षकों की संख्या- करीब 400000
अन्य विभागों में ठेके पर काम कर रहे कर्मियों की संख्या- करीब 3.5 लाख
नियोजन पर काम कर रहे कर्मियों के लिए बनाई गई थी कमेटी
अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में बनी थी हाई लेवल कमिटी

Intro:बिहार में करीब 500000 से भी ज्यादा लोग वर्तमान में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं। ये लोग किसी प्राइवेट कंपनी के नहीं बल्कि सरकार के अधीन ठेके पर नौकरी कर रहे हैं। आए दिन ठेके पर बहाल ये लोग अपनी सेवा शर्त वेतन और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन करते रहते हैं। सरकार ने इनके लिए एक कमेटी भी बनाई थी लेकिन आज तक उस की रिपोर्ट लागू नहीं हुई। चुनावी साल में सरकार के लिए ठेके पर बहाली का मुद्दा मुश्किलें खड़ी कर सकता है क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल ने दावा किया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो ठेके पर बहाली बंद होगी।


Body:बिहार कर्मचारी चयन आयोग के जरिए बहाली की प्रक्रिया पिछले करीब 6 साल से लंबित है इसके अलावा बिहार में पिछले कई सालों से ग्रुप सी के पदों पर बहाली नहीं हुई जिसके कारण सचिवालय समेत पूरे बिहार के अन्य कार्यालयों में हजारों की संख्या में पद रिक्त पड़े हैं ऐसे में सरकार ने ठेके पर बहाली के जरिए कामकाज जारी रखने का रास्ता निकाला। लेकिन यह रास्ता सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है।
बिहार में करीब 5 लाख से ज्यादा लोग कॉन्ट्रैक्ट की नौकरी से अपना जीवन यापन कर रहे हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर लोग गंभीर मानसिक पीड़ा के साथ काम कर रहे हैं क्योंकि इनकी नौकरी स्थाई नहीं है। इस बारे में विपक्ष लगातार सवाल खड़े करते रहा है जबकि ठेके पर बहाल कर्मचारी आंदोलन करते हैं कि उनकी सेवा को स्थाई किया जाए। इसको लेकर सरकार ने अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी भी कुछ साल पहले बनाई थी लेकिन उसका कार्यकाल में लगातार बढ़ता रहा। इस कमेटी का जन्म ठेके पर बहाल कर्मचारियों की सेवा को नियमित कर्मचारियों के बराबर करने की सरकार में घोषणा की थी लेकिन अब तक सरकार की घोषणा पूरी नहीं हो पाई है इधर नियोजित शिक्षक जो करीब चार लाख हैं वह भी लगातार सेवा नियमित करने की मांग को लेकर हड़ताल और आंदोलन करते रहे हैं। चुनावी साल में आंदोलन और तीव्र रूप लेने वाला है। विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बना रहा है।
विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो ठेके पर बहाली की प्रथा खत्म हो जाएगी। जो सिस्टम लालू राबड़ी के शासन काल के समय था उसी सिस्टम को लागू किया जाएगा। बीजेपी के नेता डॉ सीपी ठाकुर ने भी कहा कान्ट्रेक्ट पर बहाली किसी भी तरह से उचित नहीं है क्योंकि ऐसे कर्मचारियों में ना सिर्फ हमेशा असुरक्षा का भाव रहता है बल्कि राज्य का भी आर्थिक नुकसान होता है।


Conclusion:ठेके पर बहाली का विरोध कर रहे राजद ने तो साफ कर ही दिया कि अगर उनका शासन आया तो वह सिर्फ नियमित बहाली करेंगे। इधर जदयू की सहयोगी पार्टी बीजेपी के प्रमुख नेता भी नियोजन के बजाय नियमित बहाली पर जोर दे रहे हैं। बिहार के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों ने भी सरकार से तुरंत उनकी मांगें मानने की चेतावनी दी है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में ठेके पर बहाली को लेकर नीतीश सरकार की कठिन परीक्षा होनी तय है।

महत्वपूर्ण तथ्य-

बिहार में नियोजन पर काम कर रहे शिक्षकों की संख्या- करीब 400000
अन्य विभागों में ठेके पर काम कर रहे कर्मियों की संख्या- करीब 3.5 लाख
नियोजन पर काम कर रहे कर्मियों के लिए बनाई गई कमेटी-
अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में बनाई गई हाई लेवल कमिटी

जगदानंद सिंह प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय जनता दल
डॉ सीपी ठाकुर पूर्व केंद्रीय मंत्री
Last Updated : Jan 22, 2020, 8:17 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.