ETV Bharat / state

गांधी सेतु के लोकार्पण समारोह में तेजस्वी यादव को आमंत्रित नहीं किए जाने पर भड़की RJD - गांधी सेतु के लोकार्पण समारोह

गांधी सेतु के पूर्वी लेन के उद्घाटन कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) को नहीं बुलाए जाने पर राजद ने नाराजगी जाहिर की है. राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि इस योजना को कार्यान्वित कराने में तेजस्वी यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. पढ़ें पूरी खबर..

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
author img

By

Published : Jun 7, 2022, 5:52 PM IST

पटना: महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का लोकार्पण (East Lane of Mahatma Gandhi Setu Inaugurated) हो गया है. केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने इस पुल का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव को आमंत्रित नहीं किया गया. जिसको लेकर राजद के प्रवक्ता ने आक्रोश प्रकट किया है. राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि इस योजना को कार्यान्वित कराने में नेता प्रतिपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. लेकिन उन्हें भी सामान्य विधायक की श्रेणी मे रखा गया. जबकि, पुल का एक बड़ा भाग उनके निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर में पड़ता है.

ये भी पढ़ें-बोले नितिन गडकरी- '2024 से पहले बिहार का रोड नेटवर्क अमेरिका के बराबर कर देंगे'

राजद ने सरकार पर बोला हमला: राजद प्रवक्ता ने कहा कि 2005 में बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद महात्मा गांधी सेतु के रखरखाव पर समुचित ध्यान नहीं देने से पुल की हालत खराब हो गई थी. तेजस्वी यादव जब राघोपुर से विधानसभा का चुनाव जीतकर आये और बिहार में महागठबंधन की सरकार में वे पथ निर्माण विभाग के मंत्री बने तो गांधी सेतु का पुनर्निर्माण उनके प्राथमिकता सूची में थी. 20 नवम्बर 2015 को वे मंत्रीपद की शपथ लिए और 30 दिसम्बर 2015 को केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर गांधी सेतु के पुनर्निर्माण कराने का अनुरोध किया था.

तेजस्वी ने शुरू करवाया था पुल का पुनर्निर्माण: राजद प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव 19 अप्रैल 2016 को पुनः गांधी सेतु पुनर्निर्माण की पुरी कार्ययोजना के साथ गडकरी जी से मिलकर योजना को अविलम्ब कार्यान्वित करने का अनुरोध किया था. जिस पर सहमती व्यक्त करते हुए 22 जून 2016 को सेतु के पुनर्निर्माण हेतु केन्द्र सरकार द्वारा 1742 करोड की योजना स्वीकृत की गई. प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नेता और तत्कालिन केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गडकरी से मिलकर इसका विरोध भी किया था. लेकिन नीतिन गडकरी ने तेजस्वी को दिए आश्वासन पर कायम रहे और तेजस्वी यादव के सरकार में रहते हुए हीं पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हो गया. जिसे 3.5 वर्ष में पूरा होना था पर बिहार की सरकार बदल जाने की वजह से इतना लम्बा समय लग गया.

"आज के लोकार्पण समारोह के लिए अखबारों में छपे विज्ञापन से तेजस्वी प्रसाद का हीं नाम नदारद था. ऐसे भी विज्ञापन में जब बिहार सरकार के मंत्रियों के नाम हैं तो स्थानीय विधायक और नेता प्रतिपक्ष के रूप में तेजस्वी प्रसाद का नाम भी रहना चाहिए था. प्रोटोकॉल के अनुसार नेता प्रतिपक्ष को मंत्री के समकक्ष माना जाता है. जबकी लोकार्पण के मंच पर ऐसे लोग भी विराजमान थे जिन्होंने 2016 में इस योजना का विरोध किया था."- चितरंजन गगन, राजद प्रवक्ता

ये भी पढ़ें-महाजाम से मिलेगी मुक्ति, महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का हुआ उद्घाटन

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का लोकार्पण (East Lane of Mahatma Gandhi Setu Inaugurated) हो गया है. केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने इस पुल का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव को आमंत्रित नहीं किया गया. जिसको लेकर राजद के प्रवक्ता ने आक्रोश प्रकट किया है. राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि इस योजना को कार्यान्वित कराने में नेता प्रतिपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. लेकिन उन्हें भी सामान्य विधायक की श्रेणी मे रखा गया. जबकि, पुल का एक बड़ा भाग उनके निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर में पड़ता है.

ये भी पढ़ें-बोले नितिन गडकरी- '2024 से पहले बिहार का रोड नेटवर्क अमेरिका के बराबर कर देंगे'

राजद ने सरकार पर बोला हमला: राजद प्रवक्ता ने कहा कि 2005 में बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद महात्मा गांधी सेतु के रखरखाव पर समुचित ध्यान नहीं देने से पुल की हालत खराब हो गई थी. तेजस्वी यादव जब राघोपुर से विधानसभा का चुनाव जीतकर आये और बिहार में महागठबंधन की सरकार में वे पथ निर्माण विभाग के मंत्री बने तो गांधी सेतु का पुनर्निर्माण उनके प्राथमिकता सूची में थी. 20 नवम्बर 2015 को वे मंत्रीपद की शपथ लिए और 30 दिसम्बर 2015 को केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर गांधी सेतु के पुनर्निर्माण कराने का अनुरोध किया था.

तेजस्वी ने शुरू करवाया था पुल का पुनर्निर्माण: राजद प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव 19 अप्रैल 2016 को पुनः गांधी सेतु पुनर्निर्माण की पुरी कार्ययोजना के साथ गडकरी जी से मिलकर योजना को अविलम्ब कार्यान्वित करने का अनुरोध किया था. जिस पर सहमती व्यक्त करते हुए 22 जून 2016 को सेतु के पुनर्निर्माण हेतु केन्द्र सरकार द्वारा 1742 करोड की योजना स्वीकृत की गई. प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नेता और तत्कालिन केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गडकरी से मिलकर इसका विरोध भी किया था. लेकिन नीतिन गडकरी ने तेजस्वी को दिए आश्वासन पर कायम रहे और तेजस्वी यादव के सरकार में रहते हुए हीं पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हो गया. जिसे 3.5 वर्ष में पूरा होना था पर बिहार की सरकार बदल जाने की वजह से इतना लम्बा समय लग गया.

"आज के लोकार्पण समारोह के लिए अखबारों में छपे विज्ञापन से तेजस्वी प्रसाद का हीं नाम नदारद था. ऐसे भी विज्ञापन में जब बिहार सरकार के मंत्रियों के नाम हैं तो स्थानीय विधायक और नेता प्रतिपक्ष के रूप में तेजस्वी प्रसाद का नाम भी रहना चाहिए था. प्रोटोकॉल के अनुसार नेता प्रतिपक्ष को मंत्री के समकक्ष माना जाता है. जबकी लोकार्पण के मंच पर ऐसे लोग भी विराजमान थे जिन्होंने 2016 में इस योजना का विरोध किया था."- चितरंजन गगन, राजद प्रवक्ता

ये भी पढ़ें-महाजाम से मिलेगी मुक्ति, महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का हुआ उद्घाटन

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.