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सदन से बाहर निकलकर बोले RJD विधायक- स्पीकर से सीएम नीतीश मांगे माफी, नहीं तो दें इस्तीफा - Bihar Legislature Budget Session

बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार और स्पीकर विजय सिन्हा के बीच हुई तीखी नोकझोंक (Nitish kumar anger on Speaker) के बाद राजद ने नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है. राजद विधायकों ने कहा कि सदन में सीएम ने अध्यक्ष को धमकाया था. यह लोकतंत्र की हत्या है. इसके विरोध में हम काला बिल्ला लगाकर कार्यवाही में भाग लेगें. पढ़ें पूरी खबर..

rjd demands resignation from cm after nitish kumar anger on speaker
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Published : Mar 15, 2022, 12:26 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा में बजट सत्र (Bihar Legislature Budget Session) के दौरान सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Speaker Vijay Sinha) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के बीच हुई तीखी नोकझोंक को लेकर विपक्ष हमलावर है. मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के बीच तू-तू मैं-मैं ने राजनीतिक रंग ले लिया है और विपक्ष ने पूरे मसले पर हंगामा शुरू कर दिया है. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले राजद ने प्रवेश द्वार पर जमकर हंगामा किया और सरकार विरोधी नारे लगाए. राजद नेताओं ने मुख्यमंत्री पर आसन का अपमान करने का आरोप लगाते हुए सीएम से इस्तीफे की मांग (RJD demands resignation from CM) की है.

पढ़ें- बिहार विधानसभा में स्पीकर से भिड़े CM नीतीश, विपक्ष ने दी नसीहत- 'सदन की गरिमा की चिंता करे NDA'

बोले राजद नेता-'आसन से माफी मांगे मुख्यमंत्री': बिहार विधानसभा में सोमवार को जिस तरीके से विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच तू तू मैं मैं हुआ और मुख्यमंत्री ने अध्यक्ष को जमकर खरी-खोटी सुनाई, पूरे घटनाक्रम पर भाजपा नेताओं ने तो चुप्पी साध रखी है. लेकिन विपक्ष पूरी तरह हमलावर है. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. सदन की कार्यवाही हंगामे के चलते 2:00 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. राजद लगातार सीएम को आसन से माफी मांगने की मांग पर अड़ा है.

कार्यवाही में नहीं आए विजय सिन्हा: आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे. विजय सिन्हा की जगह डॉक्टर प्रेम कुमार ने कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाला. लेकिन विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही 2:00 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. मुख्यमंत्री के व्यवहार से भाजपा नेताओं में नाराजगी है और भाजपा खेमे से भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं.

पढ़ें: जिस BJP विधायक के सवाल पर स्पीकर से भिड़े CM नीतीश, उन्होंने बताई विवाद की असली वजह

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग: राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में जिस तरीके का व्यवहार विधानसभा अध्यक्ष के साथ किया, वह लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है. हम लोग एकजुट होकर मुख्यमंत्री का विरोध कर रहे हैं और हम लोगों ने काला बिल्ला लगाकर सदन की कार्यवाही में भाग लेने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री जब तक आसन से माफी नहीं मांगेंगे तब तक विरोध जारी रहेगा.

"लोकतंत्र के इतिहास में कल की घटना शर्मनाक थी. यह पहली घटना है जिसमें लगा कि सदन नियमों से नहीं चल रहा. सदन के कस्टोडियन विधानसभा अध्यक्ष हैं. अध्यक्ष मुख्यमंत्री से भी ऊपर हैं. सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर ऐसा व्यवहार किया गया जैसे लगा हो कि लोकतंत्र मर गया हो. जो कुछ भी कहा गया वो शर्मनाक है. लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमने काली पट्टी लगाई है. सदन में सीएम को माफी मांगनी चाहिए."- आलोक मेहता, प्रधान महासचिव, राजद

पढ़ें: नीतीश कुमार पर भड़के चिराग के प्रवक्ता, कहा- 'ऐसा लगा कि सदन में स्पीकर को खुलेआम धमकी दे रहे थे CM'

वहीं राजद प्रवक्ता रामानुज प्रसाद ने कहा कि कल का दिन काला दिन था और मुख्यमंत्री ने लोकतांत्रिक मूल्यों को तार-तार करने का काम किया है. किसी भी कीमत पर हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते. मुख्यमंत्री को माफी मांगना चाहिए नहीं तो वह पद से इस्तीफा दें. आसन का अपमान किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.

"हमलोग मांग करते हैं कि सीएम इस्तीफा दें. लोकतंत्र की हत्या नहीं होने दी जाएगी. कभी सदन में ऐसा नहीं हुआ था. सीएम ने सभी के सामने स्पीकर को धमकाने का काम किया है. यह सारे सदस्यों के अधिकारों का हनन है. हम इसका प्रतिकार करते हैं."- रामानुज प्रसाद,राजद प्रवक्ता

क्या है पूरा मामला: 10 फरवरी को लखीसराय में एक डीएसपी रैंक के अधिकारी और दो स्टेशन हाउस अधिकारियों ने स्पीकर के साथ दुर्व्यवहार किया था. विधानसभा में यह मामला उठाए जाने के बाद इस मामले को सदन विशेषाधिकार समिति देख रही है. गृह विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पिछले एक महीने में बिहार के लखीसराय में अपराध में वृद्धि के संबंध में एक संक्षिप्त प्रश्न का का जवाब दिया था. जब बीजेपी सदस्य संजय सरावगी ने कहा कि पुलिस ने स्पीकर के साथ बदसलूकी के मामले में अब तक पूरी कार्रवाई नहीं है, इस पर विजय सिन्‍हा ने बिजेंद्र यादव से दो दिन में फिर से जवाब देने को कहा.

पढ़ें- VIDEO : बिहार विधानसभा में आगबबूला हुए CM नीतीश, बोले- आप खुलेआम कर रहे संविधान का उल्लंघन

आगबबूला हुए CM नीतीश: विधानसभा में लखीसराय के मामले पर सवाल जवाब का दौर चलने की कार्यवाही को सीएम नीतीश कुमार विधानसभा के अपने कक्ष में देख रहे थे. सदन में मामले को उठता देख सीएम नीतीश तत्काल सदन में पहुंचे और नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार की ओर से जांच की जा रही और विशेषाधिकार समिति का एक मामला बार-बार विधानसभा में उठाया गया जा रहा है. रिपोर्ट को देख रही विशेषाधिकार समिति अपनी राय देगी, इसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा. इसलिए इस मामले को सदन में बार-बार उठाया जाना जायज नहीं है. सदन की कार्यवाही ऐसे नहीं चलती है.

विधानसभा अध्यक्ष बोले- 'आप ही बता दीजिए कैसे चलता है सदन': वहीं सीएम के भड़कने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि कुर्की जब्ती नहीं हुई है. इसका जवाब नहीं दिया जा सका. आप ही बता दें कि सदन कैसे चलेगा वैसे ही चलाएंगे. सदन में जब प्रश्न आया कि कुर्की जब्ती कब होगा उसी में एक मामला जोड़ा गया जिसमें सारे विधायकों ने तीन बार हंगामा किया. हमने आग्रह किया कि विशेषाधिकार कमेटी में मामला चल रहा है उसपर चर्चा नहीं होगी. मामला उठा कि आयोजनकर्ता व उद्घाटनकर्ता की आजतक अरेस्टिंग नहीं हुई है. इस मामले को सरकार क्यों गंभीरता से नहीं ली? पुलिस के द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है. जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं मैं आपसे सीखता हूं.

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पटना: बिहार विधानसभा में बजट सत्र (Bihar Legislature Budget Session) के दौरान सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Speaker Vijay Sinha) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के बीच हुई तीखी नोकझोंक को लेकर विपक्ष हमलावर है. मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के बीच तू-तू मैं-मैं ने राजनीतिक रंग ले लिया है और विपक्ष ने पूरे मसले पर हंगामा शुरू कर दिया है. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले राजद ने प्रवेश द्वार पर जमकर हंगामा किया और सरकार विरोधी नारे लगाए. राजद नेताओं ने मुख्यमंत्री पर आसन का अपमान करने का आरोप लगाते हुए सीएम से इस्तीफे की मांग (RJD demands resignation from CM) की है.

पढ़ें- बिहार विधानसभा में स्पीकर से भिड़े CM नीतीश, विपक्ष ने दी नसीहत- 'सदन की गरिमा की चिंता करे NDA'

बोले राजद नेता-'आसन से माफी मांगे मुख्यमंत्री': बिहार विधानसभा में सोमवार को जिस तरीके से विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच तू तू मैं मैं हुआ और मुख्यमंत्री ने अध्यक्ष को जमकर खरी-खोटी सुनाई, पूरे घटनाक्रम पर भाजपा नेताओं ने तो चुप्पी साध रखी है. लेकिन विपक्ष पूरी तरह हमलावर है. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. सदन की कार्यवाही हंगामे के चलते 2:00 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. राजद लगातार सीएम को आसन से माफी मांगने की मांग पर अड़ा है.

कार्यवाही में नहीं आए विजय सिन्हा: आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे. विजय सिन्हा की जगह डॉक्टर प्रेम कुमार ने कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाला. लेकिन विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही 2:00 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. मुख्यमंत्री के व्यवहार से भाजपा नेताओं में नाराजगी है और भाजपा खेमे से भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं.

पढ़ें: जिस BJP विधायक के सवाल पर स्पीकर से भिड़े CM नीतीश, उन्होंने बताई विवाद की असली वजह

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग: राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में जिस तरीके का व्यवहार विधानसभा अध्यक्ष के साथ किया, वह लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है. हम लोग एकजुट होकर मुख्यमंत्री का विरोध कर रहे हैं और हम लोगों ने काला बिल्ला लगाकर सदन की कार्यवाही में भाग लेने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री जब तक आसन से माफी नहीं मांगेंगे तब तक विरोध जारी रहेगा.

"लोकतंत्र के इतिहास में कल की घटना शर्मनाक थी. यह पहली घटना है जिसमें लगा कि सदन नियमों से नहीं चल रहा. सदन के कस्टोडियन विधानसभा अध्यक्ष हैं. अध्यक्ष मुख्यमंत्री से भी ऊपर हैं. सारे नियम कायदों को ताक पर रखकर ऐसा व्यवहार किया गया जैसे लगा हो कि लोकतंत्र मर गया हो. जो कुछ भी कहा गया वो शर्मनाक है. लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमने काली पट्टी लगाई है. सदन में सीएम को माफी मांगनी चाहिए."- आलोक मेहता, प्रधान महासचिव, राजद

पढ़ें: नीतीश कुमार पर भड़के चिराग के प्रवक्ता, कहा- 'ऐसा लगा कि सदन में स्पीकर को खुलेआम धमकी दे रहे थे CM'

वहीं राजद प्रवक्ता रामानुज प्रसाद ने कहा कि कल का दिन काला दिन था और मुख्यमंत्री ने लोकतांत्रिक मूल्यों को तार-तार करने का काम किया है. किसी भी कीमत पर हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते. मुख्यमंत्री को माफी मांगना चाहिए नहीं तो वह पद से इस्तीफा दें. आसन का अपमान किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.

"हमलोग मांग करते हैं कि सीएम इस्तीफा दें. लोकतंत्र की हत्या नहीं होने दी जाएगी. कभी सदन में ऐसा नहीं हुआ था. सीएम ने सभी के सामने स्पीकर को धमकाने का काम किया है. यह सारे सदस्यों के अधिकारों का हनन है. हम इसका प्रतिकार करते हैं."- रामानुज प्रसाद,राजद प्रवक्ता

क्या है पूरा मामला: 10 फरवरी को लखीसराय में एक डीएसपी रैंक के अधिकारी और दो स्टेशन हाउस अधिकारियों ने स्पीकर के साथ दुर्व्यवहार किया था. विधानसभा में यह मामला उठाए जाने के बाद इस मामले को सदन विशेषाधिकार समिति देख रही है. गृह विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पिछले एक महीने में बिहार के लखीसराय में अपराध में वृद्धि के संबंध में एक संक्षिप्त प्रश्न का का जवाब दिया था. जब बीजेपी सदस्य संजय सरावगी ने कहा कि पुलिस ने स्पीकर के साथ बदसलूकी के मामले में अब तक पूरी कार्रवाई नहीं है, इस पर विजय सिन्‍हा ने बिजेंद्र यादव से दो दिन में फिर से जवाब देने को कहा.

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आगबबूला हुए CM नीतीश: विधानसभा में लखीसराय के मामले पर सवाल जवाब का दौर चलने की कार्यवाही को सीएम नीतीश कुमार विधानसभा के अपने कक्ष में देख रहे थे. सदन में मामले को उठता देख सीएम नीतीश तत्काल सदन में पहुंचे और नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार की ओर से जांच की जा रही और विशेषाधिकार समिति का एक मामला बार-बार विधानसभा में उठाया गया जा रहा है. रिपोर्ट को देख रही विशेषाधिकार समिति अपनी राय देगी, इसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा. इसलिए इस मामले को सदन में बार-बार उठाया जाना जायज नहीं है. सदन की कार्यवाही ऐसे नहीं चलती है.

विधानसभा अध्यक्ष बोले- 'आप ही बता दीजिए कैसे चलता है सदन': वहीं सीएम के भड़कने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि कुर्की जब्ती नहीं हुई है. इसका जवाब नहीं दिया जा सका. आप ही बता दें कि सदन कैसे चलेगा वैसे ही चलाएंगे. सदन में जब प्रश्न आया कि कुर्की जब्ती कब होगा उसी में एक मामला जोड़ा गया जिसमें सारे विधायकों ने तीन बार हंगामा किया. हमने आग्रह किया कि विशेषाधिकार कमेटी में मामला चल रहा है उसपर चर्चा नहीं होगी. मामला उठा कि आयोजनकर्ता व उद्घाटनकर्ता की आजतक अरेस्टिंग नहीं हुई है. इस मामले को सरकार क्यों गंभीरता से नहीं ली? पुलिस के द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है. जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं मैं आपसे सीखता हूं.

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