पटना: सूबे की जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में जुटी है. आरजेडी लगातार अपने ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये स्वास्थ्य केंद्र(PHC) और उपस्वास्थ्य केंद्र की खस्ताहाल तस्वीरें पेश कर सरकार पर चौतरफा वार कर रही है. साथ ही घोटालों का आरोप भी लगा रही है.
'राज्य के एक हजार से अधिक पीएचसी और उप पीएचसी लंबे समय से बंद हैं, लेकिन इन स्वास्थ्य केंद्र के भवन निर्माण खर्च और उक्त पीएचसी में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाने वाला रुपया कहां जा रहा है. इसका सरकार को जबाव देना चाहिए. सरकार इन जर्जर अस्पातलों को कागजी तौर पर चलाकर सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार कर रही है. इसे उजागर करने के लिए हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं'.- शक्ति सिंह, राजद नेता
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तस्वीर में जो आप देख रहे है यह प्रदेश के अमंगलकारी स्वास्थ्य मंत्री और सत्ता लोलुप मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचारी करतूतों से ठप्प पड़े पारू विधानसभा के सरैया प्रखण्ड का रेफरल अस्पताल है। 15 वर्षों में इन्होंने इसे इस स्थिति में लाकर छोड़ दिया है। @MuzaffarpurRjd pic.twitter.com/noPOSHaD8M
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) May 20, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) May 20, 2021
तेजस्वी लगातार ग्रामीण स्वास्थ्य ढ़ांचे पर साध रहे निशाना
तेजस्वी यादव(TEJSHAWI YADAV) भी लगातार ट्वीट (tweet) कर बदहाल स्वास्थ्य ढ़ांचे पर सरकार को घेर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि 2005 में स्वास्थ्य उपकेंद्र 10337 थे, 2020 में कम क्यों? 2005 में 101 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 2020 में 57 बचे.
सरैया प्रखण्ड के रेफरल अस्पताल की बदहाली
पारू विधानसभा के सरैया प्रखण्ड का रेफरल अस्पताल की बदहाल स्थिति की तस्वीर को दिखाते हुए तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट करते हुए लिखा कि "यह अफ्रीका का जंगल नहीं बल्कि बिहार का स्वास्थ्य केंद्र है. नीतीश जी कहते है डॉक्टर, दवा, उपकरण और स्वास्थ्यकर्मी हम नियुक्त नहीं कर सकते इसलिए 15 वर्ष पूर्व निर्मित स्वास्थ्य उपकेंद्रों और रेफ़रल अस्पताल में स्वतः इतना जंगल उग आए ताकि खंडहरों में ऑक्सिजन की कोई कमी ना रहे".
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मधुबनी के जनता मालिकों का कहना है कि जिले में ऐसे सैकड़ों स्वास्थ्य केंद्र बंद कराने के लिए नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करना चाहिए। https://t.co/w2wSjOJljK
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 26, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 26, 2021मधुबनी के जनता मालिकों का कहना है कि जिले में ऐसे सैकड़ों स्वास्थ्य केंद्र बंद कराने के लिए नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करना चाहिए। https://t.co/w2wSjOJljK
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 26, 2021
थावे प्रखंड के इन्द्रवां के स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद
गोपालगंज जिले के थावे प्रखंड के इन्द्रवां गांव स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र की तस्वीर भी बदहाल है. इसकी कुछ तस्वीरों को ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने लिखा कि "गोपालगंज जिले से बिहार सरकार में तीन मंत्री है. स्वास्थ्य मंत्री बगल के जिले से है फिर यहाँ के स्वास्थ्य उपकेंद्रों यह स्थिति है. राजनीतिक विद्वेष के चलते नीतीश सरकार ने यहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था को इतना जर्जर बना दिया है कि जिलावासियों को ईलाज के लिए गोरखपुर जाना पड़ता है."
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हज़ारों की संख्या में बिहार में बंद पड़े (लेकिन कागजों में सुचारु रूप से संचालित) ऐसे हज़ारों स्वास्थ्य केंद्रों को मुख्यमंत्री @NitishKumar जी और बीजेपी के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
कल्पना करिए, प्रतिवर्ष कितने हज़ारों करोड़ का ग़बन हो रहा है। https://t.co/3EZFccEoYh
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— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 25, 2021
कल्पना करिए, प्रतिवर्ष कितने हज़ारों करोड़ का ग़बन हो रहा है। https://t.co/3EZFccEoYhहज़ारों की संख्या में बिहार में बंद पड़े (लेकिन कागजों में सुचारु रूप से संचालित) ऐसे हज़ारों स्वास्थ्य केंद्रों को मुख्यमंत्री @NitishKumar जी और बीजेपी के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 25, 2021
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सबौर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बदहाल
स्वास्थ्य व्यवस्था का जायजा लेने के लिए जब RJD MLA अशराफ अली साहब सबौर प्रखंड अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ममलखा पहुंचे तो वहां भी उन्होंने घोर अभाव पाया.
सकरी का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बीमार!
मधुबनी के सकरी का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था को लेकर ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने लिखा कि "मधुबनी जिले में कागजों पर कार्यरत यह (PHC) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. इसकी दशा आप स्वयं देखिए. वर्षों से यह बंद है. इसके संचालन के नाम पर आवंटित फंड कहाँ जाता होगा? नीतीश कुमार के संगठित भ्रष्टाचार के सौजन्य से बिहार में ऐसे हज़ारों स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े है".
कोठिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सपायर्ड मिली दवाइयां
मोरवा विधायक रणविजय साहू के द्वारा ताजपुर प्रखंड के कोठिया पंचायत के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण करने के दौरान प्रभारी समेत अधिकांश स्टाफ़ गायब मिला. गिनी-चुनी दवाएं. तेजस्वी ने ट्वीट में लिखा कि जो दवाएं उपलब्ध भी थी, वो एक्स्पायर्ड थी. स्वास्थ्य उपकरण भी गायब थे. स्वास्थ्यमंत्री और CM को वर्चुअल से अधिक ऐक्चूअल पर ध्यान देना चाहिए
लालू यादव भी साध रहे ट्विटर के जरिये नीतीश पर निशाना
लालू यादव(lalu yadav) ने ट्वीट कर लिखा, "मधुबनी के जनता मालिकों का कहना है कि जिले में ऐसे सैकड़ों स्वास्थ्य केंद्र बंद कराने के लिए नीतीश कुमार को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करना चाहिए".
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