पटनाः बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र (Bihar Legislature Winter Session) आज से शुरू हो रहा है. इस सत्र में विपक्ष के द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों के साथ ही महागठबंधन की एकजुटता पर भी सबकी नजर है. क्योंकि आरजेडी-कांग्रेस की दूरियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. सत्र से पहले विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी आरजेडी और कांग्रेस साथ नजर नहीं आए थे.
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कांग्रेस की शिकायत इस बात को लेकर है कि जो पार्टी अपने सहयोगी दलों को साथ लेकर नहीं चलती और उपचुनाव के मौके पर एक तरफा निर्णय लेती है, उसके साथ आगे बढ़ना संभव नहीं है. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि बिहार में कांग्रेस और राजद (Congress and RJD in Bihar) के रास्ते अलग हो चुके हैं. शीतकालीन सत्र में दोनों अपने-अपने मुद्दों पर अलग-अलग नजर आएंगे. यह बिल्कुल तय है. कांग्रेस नेता ने कहा कि हम अपने मुद्दों को मजबूती से सदन में उठाएंगे. हमें कोई वजह नहीं दिखती कि हम सरकार को घेरने के लिए एक साथ नजर आएं.
हालांकि राजद नेता इस मुद्दे पर काफी संभलकर बयान दे रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल के एमएलसी रामबली चंद्रवंशी (RJD MLC Rambali Chandravanshi)ने कहा कि कांग्रेस के बारे में कोई भी निर्णय आलाकमान लेता है. इस बारे में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच बातचीत के बाद ही कुछ निर्णय होगा. राजद एमएलसी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के नेता चाहे जो कहें, ये सबको पता है कि कांग्रेस आलाकमान का निर्णय ही फाइनल होगा. उसके बाद ही हम कुछ बोलने की स्थिति में होंगे.
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दरअसल, बिहार में विधानसभा की 2 सीटों के लिए उपचुनाव के दौरान जब राष्ट्रीय जनता दल ने कांग्रेस की दावेदारी वाली सीट कुशेश्वरस्थान (Kusheshwarsthan Seat) पर भी अपना उम्मीदवार उतार दिया, उसके बाद से ही दोनों की राहें अलग नजर आने लगीं. इन सबके बीच जब इस बारे में राजद सुप्रीमो लालू यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास (Bhakt Charan Das) को भकचोन्हर दास कह दिया था. उनके इस बयान के बाद बिहार कांग्रेस के नेता और भड़क गए थे. तब से राजद और कांग्रेस के बीच की दूरियां जगजाहिर हैं.
अब भविष्य में प्रदेश कांग्रेस के नेता राजद के साथ चलने से इंकार कर रहे हैं लेकिन राजद नेताओं को यह उम्मीद है कि लालू यादव और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत से मामला सुलझ जाएगा. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि शीतकालीन सत्र में राजद और कांग्रेस एक साथ नजर आते हैं या सिर्फ वामदल और राजद महागठबंधन का हिस्सा बन कर रह जाते हैं.
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