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'मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिए BJP की चाल है समान नागरिक संहिता' - आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी

देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की मांग उठ रही है. बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए लिए मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने को बीजेपी का एजेंडा है.

Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav
Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav
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Published : Dec 17, 2022, 10:47 PM IST

पटना: देश में समान नागरिक संहिता की मांग उठने लगी है. आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (RJD Vice President Shivanand Tiwari ) ने कहा, बीजेपी नेता यूससी (Uniform Civil Code) को लेकर भ्रमित हैं. वे इसे देश में एक गर्म विषय बना रहे हैं, लेकिन चर्चा के लिए अपनी बातों को मेज पर नहीं रख रहे हैं. उन्होंने कहा, यदि आप देश में यूसीसी को लागू करना चाहते हैं, तो आपको इसका खाका लाना चाहिए, जिस पर हम इसके बिंदुओं पर चर्चा करेंगे. यूसीसी के माध्यम से आप किन बिंदुओं को संबोधित करेंगे. आप इसे कैसे लागू करेंगे? नरेंद्र मोदी सरकार को इसे स्पष्ट करना चाहिए.

ये भी पढ़ें- देश में समान नागरिक संहिता की जरूरत : दिल्ली हाईकोर्ट

समान नागरिक संहिता पर बीजेपी करे स्पष्ट: आरजेडी नेता ने कहा, मान लीजिए कि मुस्लिम पुरुषों को चार शादियां करने की अनुमति है. क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इस तरह की प्रथा को रोकना चाहती है? हिंदू समुदाय में भी पुरुष कई महिलाओं के साथ कई शादियां करते हैं. क्या यह यूसीसी के तहत मुद्दा है? बीजेपी को इसे स्पष्ट करने की आवश्यकता है. यह देखते हुए कि देश में विभिन्न धर्म और जातियां हैं, उन्होंने कहा कि केंद्र को इस बारे में विचार करना चाहिए कि वह यूसीसी को कैसे लागू करेगा.

''अतीत में वह (बीजेपी) जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लेकर आए हैं. क्या केंद्र द्वारा भी इस पर ध्यान दिया गया है? वर्तमान में यूसीसी पर कोई स्पष्टता नहीं है. वे केवल मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए शोर मचा रहे हैं. यूसीसी हिंदू और मुसलमानों या देश के किसी भी अन्य समुदाय को समान रूप से प्रभावित करेगा.'' - शिवानंद तिवारी, उपाध्यक्ष, आरजेडी

ध्रुवीकरण करना चाहती है बीजेपी: आरजेडी के एक अन्य वरिष्ठ नेता चितरंजन गगन ने कहा कि, बीजेपी को वास्तविक मुद्दों जैसे महंगाई, कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी आदि से कोई लेना-देना नहीं है. वे राजनीतिक उद्देश्य के लिए ऐसे विवादास्पद मुद्दों को सामने लाते हैं. उनकी मंशा हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण करना है. पूरी कवायद 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए हो रही है.

बीजेपी पर बिहार में शांति भंग करने का आरोप: आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, बिहार की स्थिति अन्य राज्यों से अलग है. इसका बिहार में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हम बीजेपी से स्पष्टता चाहते हैं. बिहार के लोग शांति से रह रहे हैं. तो इसकी क्या जरूरत है? राज्य सरकार सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही है और यहां हर धर्म के लोग शांति से रह रहे हैं. बीजेपी बिहार में शांति भंग करना चाहती है. वह ऐसा मुद्दा क्यों ला रही है, जिसका जनता से कोई लेना-देना नहीं है.

''पिछले आठ सालों में बीजेपी सरकार ''हर मोर्चे पर विफल'' रही. नोटबंदी, जीएसटी, किसान विधेयक (जो बाद में वापस ले लिया गया) लाया, जिसने आम लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया. अब उनके पास जनता के सामने जाने और यह कहने के लिए कुछ भी नहीं है कि ये नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां हैं. देश की विकास दर, देशवासियों की प्रति व्यक्ति आय आदि नीचे की ओर चली गई. इसलिए वे आम लोगों को दंडित करने के लिए गैर-कल्याणकारी मुद्दों के साथ आ रहे हैं.'' - मृत्युंजय तिवारी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आरजेडी

पटना: देश में समान नागरिक संहिता की मांग उठने लगी है. आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (RJD Vice President Shivanand Tiwari ) ने कहा, बीजेपी नेता यूससी (Uniform Civil Code) को लेकर भ्रमित हैं. वे इसे देश में एक गर्म विषय बना रहे हैं, लेकिन चर्चा के लिए अपनी बातों को मेज पर नहीं रख रहे हैं. उन्होंने कहा, यदि आप देश में यूसीसी को लागू करना चाहते हैं, तो आपको इसका खाका लाना चाहिए, जिस पर हम इसके बिंदुओं पर चर्चा करेंगे. यूसीसी के माध्यम से आप किन बिंदुओं को संबोधित करेंगे. आप इसे कैसे लागू करेंगे? नरेंद्र मोदी सरकार को इसे स्पष्ट करना चाहिए.

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समान नागरिक संहिता पर बीजेपी करे स्पष्ट: आरजेडी नेता ने कहा, मान लीजिए कि मुस्लिम पुरुषों को चार शादियां करने की अनुमति है. क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इस तरह की प्रथा को रोकना चाहती है? हिंदू समुदाय में भी पुरुष कई महिलाओं के साथ कई शादियां करते हैं. क्या यह यूसीसी के तहत मुद्दा है? बीजेपी को इसे स्पष्ट करने की आवश्यकता है. यह देखते हुए कि देश में विभिन्न धर्म और जातियां हैं, उन्होंने कहा कि केंद्र को इस बारे में विचार करना चाहिए कि वह यूसीसी को कैसे लागू करेगा.

''अतीत में वह (बीजेपी) जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लेकर आए हैं. क्या केंद्र द्वारा भी इस पर ध्यान दिया गया है? वर्तमान में यूसीसी पर कोई स्पष्टता नहीं है. वे केवल मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए शोर मचा रहे हैं. यूसीसी हिंदू और मुसलमानों या देश के किसी भी अन्य समुदाय को समान रूप से प्रभावित करेगा.'' - शिवानंद तिवारी, उपाध्यक्ष, आरजेडी

ध्रुवीकरण करना चाहती है बीजेपी: आरजेडी के एक अन्य वरिष्ठ नेता चितरंजन गगन ने कहा कि, बीजेपी को वास्तविक मुद्दों जैसे महंगाई, कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी आदि से कोई लेना-देना नहीं है. वे राजनीतिक उद्देश्य के लिए ऐसे विवादास्पद मुद्दों को सामने लाते हैं. उनकी मंशा हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण करना है. पूरी कवायद 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए हो रही है.

बीजेपी पर बिहार में शांति भंग करने का आरोप: आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, बिहार की स्थिति अन्य राज्यों से अलग है. इसका बिहार में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हम बीजेपी से स्पष्टता चाहते हैं. बिहार के लोग शांति से रह रहे हैं. तो इसकी क्या जरूरत है? राज्य सरकार सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही है और यहां हर धर्म के लोग शांति से रह रहे हैं. बीजेपी बिहार में शांति भंग करना चाहती है. वह ऐसा मुद्दा क्यों ला रही है, जिसका जनता से कोई लेना-देना नहीं है.

''पिछले आठ सालों में बीजेपी सरकार ''हर मोर्चे पर विफल'' रही. नोटबंदी, जीएसटी, किसान विधेयक (जो बाद में वापस ले लिया गया) लाया, जिसने आम लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया. अब उनके पास जनता के सामने जाने और यह कहने के लिए कुछ भी नहीं है कि ये नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां हैं. देश की विकास दर, देशवासियों की प्रति व्यक्ति आय आदि नीचे की ओर चली गई. इसलिए वे आम लोगों को दंडित करने के लिए गैर-कल्याणकारी मुद्दों के साथ आ रहे हैं.'' - मृत्युंजय तिवारी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आरजेडी

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