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राजस्व विभाग ने ऑनलाइन सेवाओं की निगरानी के लिए बनाया नया सॉफ्टवेयर

अपर मुख्य सचिव ने जमीनी सेवाओं की प्रगति से संबंधित रिपोर्ट अंचल से साप्ताहिक स्तर पर मांगने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इसमें संबंधित डाटा इंट्री नहीं करने वाले राजस्व कर्मी का वेतन रोका जाए. साथ ही मुख्यालय स्तर पर दो नवनियुक्त राजस्व पदाधिकारी जो कंप्यूटर के जानकार हैं वह विभाग के नेटवर्क पर नजर बनाए रखेंगे.

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Published : Aug 10, 2020, 9:57 PM IST

पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विभागीय कामकाज को लेकर काफी गंभीर दिख रहा है. विभाग द्वारा ऑनलाइन सेवाओं पर निगरानी रखने के लिए आईटी सेक्शन को नया सॉफ्टवेयर बनाने का आदेश दिया है. जिससे ऑनलाइन द्वारा होने वाले विभागीय कामकाज की निगरानी की जा सके और जो भी डाटा एंट्री ऑपरेटर और विभागीय कर्मी तय समय सीमा के भीतर काम नहीं करते हैं उस पर कार्रवाई की जा सके. विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने आज समीक्षात्मक बैठक के बाद यह निर्देश दिए हैं.

अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा है कि ऑनलाइन म्यूटेशन, एलपीसी के साथ-साथ रजिस्टर-2 में सुधार करने वाले पोर्टल "परिमार्जन" जमाबंदी में सुधार के अलावा आरटीपीएस काउंटर के जरिए मिलने वाली सेवाओं की समयसीमा तय है. सामान्य धारणा है कि राजस्व कर्मी रयत से संपर्क करने के लिए समय का बेजा इस्तेमाल करते हैं और उनसे पैसे लेने के बाद ही उनका काम करते हैं. अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा इससे विभाग की बड़ी बदनामी होती है. इसमें सुधार के लिए सभी ऑनलाइन सेवाओं पर कड़ी निगरानी करने की तैयारी की जा रही है.

पॉइंट ऑफ डिले नोटिफिकेशन का कंसेप्ट
ऑनलाइन मोटेशन में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायतों पर नकेल कसने के लिए पॉइंट ऑफ डिले नोटिफिकेशन का कंसेप्ट विभाग लाया है. इसमें हर एक कर्मी के लिए निर्धारित समय सीमा बीतने के बाद काम नहीं होने पर उसकी सूचना उच्च अधिकारियों तक पहुंचेगी. लंबित मामलों के लिए कंप्यूटर जनित अलर्ट जारी होगा और हर एक महीने के आखिरी दिन पूरे राज्य के लंबित मोटेशन मामलों का आंकड़ा कंप्यूटर के डेटाबेस बेस पर दिखने लगेगा. विवेक कुमार सिंह ने सभी पुराने मामलों की समीक्षा विभाग द्वारा अलग से करने का भी निर्देश दिया है. विभाग का मानना है कि हजारों ऐसे मामले हैं जो एक साल बीतने के बावजूद बिना किसी वैध कारण से लंबित है.

डीएम को जारी किया जाएगा निर्देश
समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव ने यह भी कहा की जिलों के डीएम की उदासीनता के कारण विशेष सर्वेक्षण का काम नहीं हो पा रहा है. इस संबंध में विभाग सभी जिलों के डीएम को निर्देश जारी करेगा. गौरतलब है कि कई जिलों में बाढ़ है जिसके कारण जमीनी स्तर पर सर्वे नहीं हो सकता है. इस पर विभाग का कहना है कि इन अधिकारियों से पुराने खतियान किससे अहम जानकारी यानी तेरीज लेखन का काम कराया जाए.

पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विभागीय कामकाज को लेकर काफी गंभीर दिख रहा है. विभाग द्वारा ऑनलाइन सेवाओं पर निगरानी रखने के लिए आईटी सेक्शन को नया सॉफ्टवेयर बनाने का आदेश दिया है. जिससे ऑनलाइन द्वारा होने वाले विभागीय कामकाज की निगरानी की जा सके और जो भी डाटा एंट्री ऑपरेटर और विभागीय कर्मी तय समय सीमा के भीतर काम नहीं करते हैं उस पर कार्रवाई की जा सके. विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने आज समीक्षात्मक बैठक के बाद यह निर्देश दिए हैं.

अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा है कि ऑनलाइन म्यूटेशन, एलपीसी के साथ-साथ रजिस्टर-2 में सुधार करने वाले पोर्टल "परिमार्जन" जमाबंदी में सुधार के अलावा आरटीपीएस काउंटर के जरिए मिलने वाली सेवाओं की समयसीमा तय है. सामान्य धारणा है कि राजस्व कर्मी रयत से संपर्क करने के लिए समय का बेजा इस्तेमाल करते हैं और उनसे पैसे लेने के बाद ही उनका काम करते हैं. अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा इससे विभाग की बड़ी बदनामी होती है. इसमें सुधार के लिए सभी ऑनलाइन सेवाओं पर कड़ी निगरानी करने की तैयारी की जा रही है.

पॉइंट ऑफ डिले नोटिफिकेशन का कंसेप्ट
ऑनलाइन मोटेशन में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायतों पर नकेल कसने के लिए पॉइंट ऑफ डिले नोटिफिकेशन का कंसेप्ट विभाग लाया है. इसमें हर एक कर्मी के लिए निर्धारित समय सीमा बीतने के बाद काम नहीं होने पर उसकी सूचना उच्च अधिकारियों तक पहुंचेगी. लंबित मामलों के लिए कंप्यूटर जनित अलर्ट जारी होगा और हर एक महीने के आखिरी दिन पूरे राज्य के लंबित मोटेशन मामलों का आंकड़ा कंप्यूटर के डेटाबेस बेस पर दिखने लगेगा. विवेक कुमार सिंह ने सभी पुराने मामलों की समीक्षा विभाग द्वारा अलग से करने का भी निर्देश दिया है. विभाग का मानना है कि हजारों ऐसे मामले हैं जो एक साल बीतने के बावजूद बिना किसी वैध कारण से लंबित है.

डीएम को जारी किया जाएगा निर्देश
समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव ने यह भी कहा की जिलों के डीएम की उदासीनता के कारण विशेष सर्वेक्षण का काम नहीं हो पा रहा है. इस संबंध में विभाग सभी जिलों के डीएम को निर्देश जारी करेगा. गौरतलब है कि कई जिलों में बाढ़ है जिसके कारण जमीनी स्तर पर सर्वे नहीं हो सकता है. इस पर विभाग का कहना है कि इन अधिकारियों से पुराने खतियान किससे अहम जानकारी यानी तेरीज लेखन का काम कराया जाए.

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