ETV Bharat / state

कोरोना संकट के कारण बिहार में राजस्व संग्रह में 82.29 फीसदी की कमी

बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि कोरोना संकट के कारण राज्य के राजस्व संग्रह में पिछले वर्ष के अप्रैल माह की तुलना में इस साल अप्रैल में 82.29 प्रतिशत की कमी आई है.

patna
patna
author img

By

Published : May 19, 2020, 1:12 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण काल में राजस्व संग्रह में कमी दर्ज की गई है. वर्ष 2019 के अप्रैल में राज्य का अपना राजस्व संग्रह 2,542.23 करोड़ रुपये था, जबकि 24 मार्च से लॉकडाउन लागू हो जाने के कारण अप्रैल में मात्र 450.21 करोड़ रुपये का ही राजस्व संग्रह हो सका.

वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, 'अप्रैल, 2020 में जहां वेतन, पेंशन, आपदा प्रबंधन, सामाजिक सुरक्षा, लोकऋण के मूलधन व ब्याज की वापसी तथा पंचायतों के अनुदान पर 12,202 करोड़ रुपये खर्च हुए, वहीं सभी तरह के संसाधनों से मात्र 9,861 करोड़ रुपये ही प्राप्त हो पाया. इस कारण 2,341 करोड़ के घाटे को पहले की बचत की राशि से पूरा किया गया.'

अप्रैल 2020 में मात्र 450.21 करोड़ संग्रह
मोदी ने बताया कि वर्ष 2019 के अप्रैल में राज्य का अपना राजस्व संग्रह 2,542.23 करोड़ रुपये की तुलना में 24 मार्च से लॉकडाउन लागू हो जाने के कारण अप्रैल 2020 में मात्र 450.21 करोड़ रुपये ही हो पाया. उन्होंने कहा, 'वाणिज्य कर का अप्रैल, 2019 के 1,622.23 करोड़ रुपये की तुलना में अप्रैल, 2020 में मात्र 256.21 करोड़, निबंधन से 299.21 करोड़ की जगह 4.0 करोड़, परिवहन से 189. 68 करोड़ की जगह 31 करोड़, खनन से 71. 16 करोड़ की जगह 60 करोड़ व अन्य स्रोतों से 359. 95 करोड़ की तुलना में केवल 99 करोड़ रुपये का ही संग्रह हो पाया.'

खर्च व आय में 2,341 करोड़ रुपये का घाटा
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य को अपने अन्य स्रोतों से कुल 450.21 करोड़ के राजस्व संग्रह के साथ केंद्रीय करों में हिस्से के रूप में 4,632 करोड़ रुपये व भारत सरकार से अनुदान के तौर पर 2,450 करोड़ सहित सभी अन्य संसाधनों से केवल 9,861 करोड़ प्राप्त हुआ, जिस कारण खर्च व आय में 2,341 करोड़ रुपये का घाटा रहा.

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण काल में राजस्व संग्रह में कमी दर्ज की गई है. वर्ष 2019 के अप्रैल में राज्य का अपना राजस्व संग्रह 2,542.23 करोड़ रुपये था, जबकि 24 मार्च से लॉकडाउन लागू हो जाने के कारण अप्रैल में मात्र 450.21 करोड़ रुपये का ही राजस्व संग्रह हो सका.

वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, 'अप्रैल, 2020 में जहां वेतन, पेंशन, आपदा प्रबंधन, सामाजिक सुरक्षा, लोकऋण के मूलधन व ब्याज की वापसी तथा पंचायतों के अनुदान पर 12,202 करोड़ रुपये खर्च हुए, वहीं सभी तरह के संसाधनों से मात्र 9,861 करोड़ रुपये ही प्राप्त हो पाया. इस कारण 2,341 करोड़ के घाटे को पहले की बचत की राशि से पूरा किया गया.'

अप्रैल 2020 में मात्र 450.21 करोड़ संग्रह
मोदी ने बताया कि वर्ष 2019 के अप्रैल में राज्य का अपना राजस्व संग्रह 2,542.23 करोड़ रुपये की तुलना में 24 मार्च से लॉकडाउन लागू हो जाने के कारण अप्रैल 2020 में मात्र 450.21 करोड़ रुपये ही हो पाया. उन्होंने कहा, 'वाणिज्य कर का अप्रैल, 2019 के 1,622.23 करोड़ रुपये की तुलना में अप्रैल, 2020 में मात्र 256.21 करोड़, निबंधन से 299.21 करोड़ की जगह 4.0 करोड़, परिवहन से 189. 68 करोड़ की जगह 31 करोड़, खनन से 71. 16 करोड़ की जगह 60 करोड़ व अन्य स्रोतों से 359. 95 करोड़ की तुलना में केवल 99 करोड़ रुपये का ही संग्रह हो पाया.'

खर्च व आय में 2,341 करोड़ रुपये का घाटा
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य को अपने अन्य स्रोतों से कुल 450.21 करोड़ के राजस्व संग्रह के साथ केंद्रीय करों में हिस्से के रूप में 4,632 करोड़ रुपये व भारत सरकार से अनुदान के तौर पर 2,450 करोड़ सहित सभी अन्य संसाधनों से केवल 9,861 करोड़ प्राप्त हुआ, जिस कारण खर्च व आय में 2,341 करोड़ रुपये का घाटा रहा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.