पटना: बिहार के 109वें स्थापना दिवस के अवसर पर राज्यभर में इसे बिहार दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने बिहार दिवस सिर्फ सांकेतिक रूप से मनाने का निर्णय लिया है. आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष कई विभागों ने गत वर्ष में हुए बेहतरीन कामों की प्रस्तुति दी.
इसी क्रम में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पिछले दिनों विभाग द्वारा किए गए कार्यों और उपलब्धियों का उल्लेख किया. विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने विभाग के कार्यों और उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि राज्य भर में भूमि संबंधित कार्यों में तेजी लाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं.
1. राज्य के नागरिकों को पारदर्शी, संवेदनशील और सक्रिय भूमि प्रबंधन प्रणाली प्रदान करने के उद्देश्य से विभाग द्वारा इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के उपयोग पर गंभीरता से काम किया जा रहा है.
2 . राज्य के जमाबंदी पंजीओं के कंप्यूटरीकरण का कार्य जुलाई 2017 में विभाग द्वारा प्रारंभ किया गया. अब तक राज्य के 3 करोड़ 54 लाख जमाबंदी को मात्र 1 वर्ष में पूरा किया गया. साथ ही राज्य के सभी मानचित्रों को डिजिटाइज कर पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया गया है. वर्तमान में नागरिक राज्यवासी सभी मौजों के 1.36 लाख नक्शा तथा 3.78 करोड़ तक जमाबंदी ऑनलाइन देख सकते हैं.
3. जमाबंदियों के डिजिटाइजेशन के उपरांत इन जमाबंदियों के आधार पर राज्य की जनता को जमाबंदी देखने की ऑनलाइन सुविधा, ऑनलाइन दाखिल खारिज, ऑनलाइन भू लगान भुगतान तथा ऑनलाइन भूमि दखल कब्जा प्रमाण पत्र देना प्रारंभ किया गया.
4. ऑनलाइन माध्यम से अब तक कुल 41.5 लाख दाखिल खारिज के मामले निष्पादित किए गए हैं.
5. राज्य के सभी 534 अंचलों में ऑनलाइन माध्यम से लगान भुगतान सुविधा प्रारंभ कर दी गई है. ऑनलाइन भू लगान भुगतान के तहत अब तक कुल 61 लाख रैयत ऑनलाइन भू लगान जमा कर चुके हैं.
6. बिहार विशेष संरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के 20 जिलों के 90 अंचलों में 209 सर्वे कैंप स्थापित कर 5099 मौजों में सर्वे का कार्य प्रगति पर है.
7. सर्वे कार्य में गति लाने के लिए संविदा आधारित विभिन्न पदों पर कुल 6325 नियुक्तियां की गई.
8. जमाबंदी पंजीयन, जमाबंदी में रैयतों के नाम, खाता, खसरा, रकवा और लगान की त्रुटियों के सुधार की गति को तीव्र करने के लिए विभाग द्वारा परिमार्जन पोर्टल विकसित किया गया है. इस पोर्टल के माध्यम से अब तक कुल 457433 आवेदनों का निपटारा किया जा चुका है.
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गौरतलब है कि पिछले दिनों नेशनल काउंसिल आफ अप्लाइड इकोनामिक रिसर्च(NCEAR) के द्वारा बिहार द्वारा किए जा रहे भू-अभिलेख के डिजिटाइजेशन एवं आधुनिकीकरण के क्षेत्र में 125 फीसदी सुधार कर देश में 8वां स्थान प्राप्त किया है.