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रियलिटी चेक: राजधानी के संप हाउस की क्या है दशा? कहीं फिर न डूब जाए पटना, जानिए दावों की सच्चाई - नगर निगम पटना

2019 में पटना शहर में भीषण जलजमाव के बाद सरकार और नगर विकास विभाग हर साल मानसून से पहले संप हाउस की मरम्मत कराता है. इस बार भी संप हाउस में काफी काम किए गए हैं. नए उपकरण भी लगाए गए हैं ताकि इस बार पटना बारिश में ना डूबे. ये दावा भी है कि इस बार पटनावासियों को जलजमाव की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. पढ़िये ईटीवी भारत की ये रिपोर्ट....

संप हाउस
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Published : May 15, 2021, 8:29 PM IST

Updated : May 15, 2021, 9:01 PM IST

पटनाः साल 2019 में पटना शहर में जलजमाव के कारण नगर निगम और बुडको के साथ-साथ सरकार की खूब किरकिरी हुई थी. जलजमाव के दौरान यह पाया गया था कि पटना के कई संप हाउस काम ही नहीं करते हैं. जिसके बाद बुडको हर साल मानसून आने से पहले संप हाउस की मरम्मती का कार्य करता है. ताकि बारिश के समय संप हाउस में कोई खराबी ना आए. इस बार भी संप हाउस के ऑपरेटरों का दावा है कि सभी संप हाउस की मरम्मति का कार्य पूरा हो गया है. इस बार बारिश में पटना नहीं डूबेगा.

दरअसल अगले महीने से मानसून आने की संभवाना है. ऐसे में शहर में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न ना हो इसके लिए नगर विकास विभाग लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है. नगर विकास विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद लगातार अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं .साथ ही उन्हें हिदायत भी दे रहे हैं कि समय से सभी काम को पूरा कर लें.

देखें रिपोर्ट

वहीं, मानसून आने से पहले सीएम नीतीश कुमार भी नगर विकास विभाग और नगर निगम के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हर साल करते हैं. जलजमाव की स्थिति को लेकर नगर निगम, बुडको और नगर विकास विभाग की तरफ से क्या तैयारी की गई है, सीएम अधिकारियों के साथ बैठक कर फीडबैक लेते हैं. साथ ही जरूरत पड़ी तो वो कई संप हाउस का भी दौरा करते हैं.

आपको याद ही होगा कि 2019 में 3 दिन की बारिश ने सरकार को पूरी तरह से पानी पानी कर दिया था. हर तरफ सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. वो किरकिरी दोबारा ना हो उस को लेकर सीएम नीतीश कुमार नगर विकास विभाग के अधिकारियों को नाला उड़ाही, संप हाउस की मरम्मती को लेकर निर्देशित भी करते हैं. नाला उड़ाही को लेकर नगर निगम सभी बड़े छोटे नालों की सफाई की प्रक्रिया अंतिम दौर में है. ऐसे में नालों के पानी संप हाउस के माध्यम से पुनपुन नदी या फिर गंगा नदी में प्रवाहित होता है.

संप हाउस
संप हाउस

ये भी पढ़ेंः भोजपुर: गंगा घाट पर खुले में फेकी जा रही पीपीई किट, ऐसे तो और फैलेगा कोरोना संक्रमण!

योगीपुर इलाके में बने संप हाउस की स्थिति

इस साल संप हाउस स्थिति क्या है इसको लेकर ईटीवी भारत ने सबसे पहले योगीपुर इलाके में बने संप हाउस की स्थिति का रियलिटी चेक किया. क्योंकि इस संप हाउस के माध्यम से कंकड़बाग, राजेंद्र नगर और कुछ बाईपास के इलाका का पानी यहां से निकाला जाता है. यहां पर 8 पंप लगाए गए हैं. जो विभिन्न क्षमता के हैं. पुराने सभी पंप हाउस का रिपेयरिंग का काम पूरा हो गया है. दो नए पंप लगाए जा रहे हैं. ताकि जरूरत पड़ने पर इन पंप से भी पानी को निकाला जा सके. साथ ही अगर पावर कटिंग हो तो जनरेटर के माध्यम से पंप को चलाया जा सके. इसके लिए भी व्यवस्था कर ली गई है.

संप हाउस, जोगीपुर
संप हाउस, जोगीपुर

'विभाग की तरफ से सभी तैयारी कर ली गई है. इस बार इन इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी.क्योंकि विभाग की तरफ से लगातार इस पंप पर कार्य किए जा रहे हैं. जितने भी पुराने पंप हैं सब की मरम्मती का कार्य पूरा हो गया है, संप हाउस में बने लेवी में जितने भी गाद जमा होते हैं. उसे भी निकाल दिया गया है'- दीपक कुमार, पंप चालक

योगीपुर में लगे 8 पंपों की क्षमता

  • 1.375 HP
  • 2.335 HP
  • 3.335 Hp
  • 4.270 HP
  • 5.250 HP
  • 6.250 HP
  • 7.198 HP
  • 8.170 HP

सैदपुर संप हाउस मरम्मती का कार्य अंतिम चरण में

2019 में दूसरा सबसे जलजमाव का क्षेत्र सैदपुर का इलाका था. इलाके में राजेंद्र नगर से लेकर नाला रोड गांधी मैदान के इलाके का पानी इस संप के माध्यम से निकाला जाता है. लेकिन उस दौरान मशीन खराब होने की वजह से पंप नहीं चालू होने पर इन इलाकों में काफी जलजमाव की स्थिति बन गई थी. लोगों को जलजमाव की वजह से 15 दिनों से अधिक घर में रहना पड़ा था. इन इलाकों में भी दोबारा जलजमाव की स्थिति उत्पन्न ना हो इसके लिए सरकार इन इलाकों पर भी विशेष तौर पर ध्यान रखती है. ताकि जितने भी कार्य नगर निगम द्वारा या बुडको द्वारा किए जा रहे हैं, वो कितना पूरा हुआ लगातार नगर विकास विभाग के अधिकारी बुडको और नगर निगम के अधिकारियों के साथ समीक्षा करते रहते हैं. सैदपुर इलाके में पहले तीन पंप के माध्यम से पानी निकासी का कार्य किया जाता था. 2019 के जलजमाव की वजह से यहां पर भी पंपओं की संख्या बढ़ा दी है.

संप हाउस, सैदपुर
संप हाउस, सैदपुर

'सैदपुर में पंपों का मरम्मती का कार्य लगभग 10 दिनों में पूरा हो जाएगा. यहां पर पुराने जितने भी पंप थे सभी का रिपेयरिंग का काम पूरा हो गया है, लेवी में जमा गाद को निकाल दिया गया है .साथ ही 3 ने पंप भी हाई स्पीड के लगाए जा रहे हैं. सैदपुर संप हाउस में पहले से लगाए गए पंप की क्षमता 500 HP की थी. अब बढ़ाकर इसे 1000 HP का कर दिया गया है. इस बार किसी भी सूरत में इन इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होने देंगे'. दिगंबर कुमार, पंप चालक

बोरिंग रोड में भी लगाया गया नया पंप
बोरिंग रोड में रहने वाले लोगों को भी बारिश के पानी से जलजमाव की स्थिति से गुजरना पड़ता है. 2019 में जिस तरह से 3 दिन की बारिश ने पूरे पटना को डुबोया था. उनमें बोरिंग रोड का इलाका भी था. इन इलाकों में अधिकतर अधिकारियों का आवास है. 2019 के जलजमाव की स्थिति में नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव खुद पानी में उतर कर पानी निकलवाने का काम करते हुए देखे गए थे. लेकिन दोबारा इन इलाकों में जलजमाव की स्थिति न बने बोरिंग रोड में बने संप हाउस को अब हर साल मरम्मत किया जाता है.

संप हाउस
संप हाउस

यहां पर हाई स्पीड का एक नया पंप भी लगा दिया गया है. ताकि अधिक बारिश हो तो इस पंप के माध्यम से भी पानी को निकाला जा सके. इसके अलावा यदि बिजली बारिश के समय कट जाए तो पंप बंद ना हो, पंप लगातार चलते रहें इसके लिए हाई स्पीड जनरेटर की भी व्यवस्था यहां पर की गई है.ताकि भीषण बारिश में भी इन इलाकों में जलजमाव ना हो सके.

'इस बार सभी पंपों को रिपेयरिंग कर दी गई है कुछ पंप नया भी लगा दिया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर इन्हें भी चलाया जा सके'- गणेश कुमार यादव, पंप चालक

ये भी पढ़ेंः हद हो गई! केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने 2 बार नहीं 4 बार किया एक ही एंबुलेंस का उद्घाटन

क्या-क्या की गई है तैयारी

  • सरकार ने पटना में जल निकासी के लिए 39 संप हाउस लगाए हैं. ताकि शहर में जलजमाव की स्थिति बारिश के समय ना हो सके. इसके अलावा कुछ नए जगहों पर छोटे 9 नए संप हाउस बनाये जा रहे हैं. ताकि उन इलाकों में भी जलजमाव न हो सके, कांग्रेस मैदान, आरके रेवेन्यू ,सदलपुर, बहादुरपुर टीवी टावर के अलावा अन्य जगह पर भी संप हाउस लगाए जा रहे हैं.
  • संप हाउस के लिए अलग से पावरग्रिड बनाया गया है. ताकि सभी पंपों को बिजली मिलती रहे. इसके साथ ही अब बारिश के समय जलजमाव ना हो, इसके लिए अलग से कंट्रोल रूम बनाया गया है. ताकि लोगों की शिकायत का निवारण कंट्रोल रूम के माध्यम से हो सके.
  • सभी संप हाउस में ऐसा उपकरण लगाया गया है. जिसके जरिए यह पता चलेगा कि संप हाउस के अंदर कितना पानी आया है और इसके आने की गति क्या है. किस अनुपात से संफ हाउस पानी खींच कर बाहर निकालकर फेंक रहा है. सभी पंपों की मॉनिटरिंग बुडको द्वारा की जा रही है.
    बुडको कंट्रोल रूम में लगी पंपो की क्षमता की लिस्ट
    बुडको कंट्रोल रूम में लगी पंपो की क्षमता की लिस्ट


    आपको बता दें कि मानसून से पहले सीएम नीतीश कुमार हर साल जलजमाव की स्थिति ना हो इसके लिए समीक्षा बैठक करते हैं. साथ ही कई संप हाउस का दौरा भी करते हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि इस बार समीक्षा बैठक के दौरान सीएम नीतीश कुमार नगर विकास विभाग के अधिकारियों के माध्यम से नगर निगम और बुडको को क्या कुछ दिशा निर्देश देते हैं.

पटनाः साल 2019 में पटना शहर में जलजमाव के कारण नगर निगम और बुडको के साथ-साथ सरकार की खूब किरकिरी हुई थी. जलजमाव के दौरान यह पाया गया था कि पटना के कई संप हाउस काम ही नहीं करते हैं. जिसके बाद बुडको हर साल मानसून आने से पहले संप हाउस की मरम्मती का कार्य करता है. ताकि बारिश के समय संप हाउस में कोई खराबी ना आए. इस बार भी संप हाउस के ऑपरेटरों का दावा है कि सभी संप हाउस की मरम्मति का कार्य पूरा हो गया है. इस बार बारिश में पटना नहीं डूबेगा.

दरअसल अगले महीने से मानसून आने की संभवाना है. ऐसे में शहर में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न ना हो इसके लिए नगर विकास विभाग लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है. नगर विकास विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद लगातार अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं .साथ ही उन्हें हिदायत भी दे रहे हैं कि समय से सभी काम को पूरा कर लें.

देखें रिपोर्ट

वहीं, मानसून आने से पहले सीएम नीतीश कुमार भी नगर विकास विभाग और नगर निगम के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हर साल करते हैं. जलजमाव की स्थिति को लेकर नगर निगम, बुडको और नगर विकास विभाग की तरफ से क्या तैयारी की गई है, सीएम अधिकारियों के साथ बैठक कर फीडबैक लेते हैं. साथ ही जरूरत पड़ी तो वो कई संप हाउस का भी दौरा करते हैं.

आपको याद ही होगा कि 2019 में 3 दिन की बारिश ने सरकार को पूरी तरह से पानी पानी कर दिया था. हर तरफ सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. वो किरकिरी दोबारा ना हो उस को लेकर सीएम नीतीश कुमार नगर विकास विभाग के अधिकारियों को नाला उड़ाही, संप हाउस की मरम्मती को लेकर निर्देशित भी करते हैं. नाला उड़ाही को लेकर नगर निगम सभी बड़े छोटे नालों की सफाई की प्रक्रिया अंतिम दौर में है. ऐसे में नालों के पानी संप हाउस के माध्यम से पुनपुन नदी या फिर गंगा नदी में प्रवाहित होता है.

संप हाउस
संप हाउस

ये भी पढ़ेंः भोजपुर: गंगा घाट पर खुले में फेकी जा रही पीपीई किट, ऐसे तो और फैलेगा कोरोना संक्रमण!

योगीपुर इलाके में बने संप हाउस की स्थिति

इस साल संप हाउस स्थिति क्या है इसको लेकर ईटीवी भारत ने सबसे पहले योगीपुर इलाके में बने संप हाउस की स्थिति का रियलिटी चेक किया. क्योंकि इस संप हाउस के माध्यम से कंकड़बाग, राजेंद्र नगर और कुछ बाईपास के इलाका का पानी यहां से निकाला जाता है. यहां पर 8 पंप लगाए गए हैं. जो विभिन्न क्षमता के हैं. पुराने सभी पंप हाउस का रिपेयरिंग का काम पूरा हो गया है. दो नए पंप लगाए जा रहे हैं. ताकि जरूरत पड़ने पर इन पंप से भी पानी को निकाला जा सके. साथ ही अगर पावर कटिंग हो तो जनरेटर के माध्यम से पंप को चलाया जा सके. इसके लिए भी व्यवस्था कर ली गई है.

संप हाउस, जोगीपुर
संप हाउस, जोगीपुर

'विभाग की तरफ से सभी तैयारी कर ली गई है. इस बार इन इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी.क्योंकि विभाग की तरफ से लगातार इस पंप पर कार्य किए जा रहे हैं. जितने भी पुराने पंप हैं सब की मरम्मती का कार्य पूरा हो गया है, संप हाउस में बने लेवी में जितने भी गाद जमा होते हैं. उसे भी निकाल दिया गया है'- दीपक कुमार, पंप चालक

योगीपुर में लगे 8 पंपों की क्षमता

  • 1.375 HP
  • 2.335 HP
  • 3.335 Hp
  • 4.270 HP
  • 5.250 HP
  • 6.250 HP
  • 7.198 HP
  • 8.170 HP

सैदपुर संप हाउस मरम्मती का कार्य अंतिम चरण में

2019 में दूसरा सबसे जलजमाव का क्षेत्र सैदपुर का इलाका था. इलाके में राजेंद्र नगर से लेकर नाला रोड गांधी मैदान के इलाके का पानी इस संप के माध्यम से निकाला जाता है. लेकिन उस दौरान मशीन खराब होने की वजह से पंप नहीं चालू होने पर इन इलाकों में काफी जलजमाव की स्थिति बन गई थी. लोगों को जलजमाव की वजह से 15 दिनों से अधिक घर में रहना पड़ा था. इन इलाकों में भी दोबारा जलजमाव की स्थिति उत्पन्न ना हो इसके लिए सरकार इन इलाकों पर भी विशेष तौर पर ध्यान रखती है. ताकि जितने भी कार्य नगर निगम द्वारा या बुडको द्वारा किए जा रहे हैं, वो कितना पूरा हुआ लगातार नगर विकास विभाग के अधिकारी बुडको और नगर निगम के अधिकारियों के साथ समीक्षा करते रहते हैं. सैदपुर इलाके में पहले तीन पंप के माध्यम से पानी निकासी का कार्य किया जाता था. 2019 के जलजमाव की वजह से यहां पर भी पंपओं की संख्या बढ़ा दी है.

संप हाउस, सैदपुर
संप हाउस, सैदपुर

'सैदपुर में पंपों का मरम्मती का कार्य लगभग 10 दिनों में पूरा हो जाएगा. यहां पर पुराने जितने भी पंप थे सभी का रिपेयरिंग का काम पूरा हो गया है, लेवी में जमा गाद को निकाल दिया गया है .साथ ही 3 ने पंप भी हाई स्पीड के लगाए जा रहे हैं. सैदपुर संप हाउस में पहले से लगाए गए पंप की क्षमता 500 HP की थी. अब बढ़ाकर इसे 1000 HP का कर दिया गया है. इस बार किसी भी सूरत में इन इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न नहीं होने देंगे'. दिगंबर कुमार, पंप चालक

बोरिंग रोड में भी लगाया गया नया पंप
बोरिंग रोड में रहने वाले लोगों को भी बारिश के पानी से जलजमाव की स्थिति से गुजरना पड़ता है. 2019 में जिस तरह से 3 दिन की बारिश ने पूरे पटना को डुबोया था. उनमें बोरिंग रोड का इलाका भी था. इन इलाकों में अधिकतर अधिकारियों का आवास है. 2019 के जलजमाव की स्थिति में नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव खुद पानी में उतर कर पानी निकलवाने का काम करते हुए देखे गए थे. लेकिन दोबारा इन इलाकों में जलजमाव की स्थिति न बने बोरिंग रोड में बने संप हाउस को अब हर साल मरम्मत किया जाता है.

संप हाउस
संप हाउस

यहां पर हाई स्पीड का एक नया पंप भी लगा दिया गया है. ताकि अधिक बारिश हो तो इस पंप के माध्यम से भी पानी को निकाला जा सके. इसके अलावा यदि बिजली बारिश के समय कट जाए तो पंप बंद ना हो, पंप लगातार चलते रहें इसके लिए हाई स्पीड जनरेटर की भी व्यवस्था यहां पर की गई है.ताकि भीषण बारिश में भी इन इलाकों में जलजमाव ना हो सके.

'इस बार सभी पंपों को रिपेयरिंग कर दी गई है कुछ पंप नया भी लगा दिया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर इन्हें भी चलाया जा सके'- गणेश कुमार यादव, पंप चालक

ये भी पढ़ेंः हद हो गई! केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने 2 बार नहीं 4 बार किया एक ही एंबुलेंस का उद्घाटन

क्या-क्या की गई है तैयारी

  • सरकार ने पटना में जल निकासी के लिए 39 संप हाउस लगाए हैं. ताकि शहर में जलजमाव की स्थिति बारिश के समय ना हो सके. इसके अलावा कुछ नए जगहों पर छोटे 9 नए संप हाउस बनाये जा रहे हैं. ताकि उन इलाकों में भी जलजमाव न हो सके, कांग्रेस मैदान, आरके रेवेन्यू ,सदलपुर, बहादुरपुर टीवी टावर के अलावा अन्य जगह पर भी संप हाउस लगाए जा रहे हैं.
  • संप हाउस के लिए अलग से पावरग्रिड बनाया गया है. ताकि सभी पंपों को बिजली मिलती रहे. इसके साथ ही अब बारिश के समय जलजमाव ना हो, इसके लिए अलग से कंट्रोल रूम बनाया गया है. ताकि लोगों की शिकायत का निवारण कंट्रोल रूम के माध्यम से हो सके.
  • सभी संप हाउस में ऐसा उपकरण लगाया गया है. जिसके जरिए यह पता चलेगा कि संप हाउस के अंदर कितना पानी आया है और इसके आने की गति क्या है. किस अनुपात से संफ हाउस पानी खींच कर बाहर निकालकर फेंक रहा है. सभी पंपों की मॉनिटरिंग बुडको द्वारा की जा रही है.
    बुडको कंट्रोल रूम में लगी पंपो की क्षमता की लिस्ट
    बुडको कंट्रोल रूम में लगी पंपो की क्षमता की लिस्ट


    आपको बता दें कि मानसून से पहले सीएम नीतीश कुमार हर साल जलजमाव की स्थिति ना हो इसके लिए समीक्षा बैठक करते हैं. साथ ही कई संप हाउस का दौरा भी करते हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि इस बार समीक्षा बैठक के दौरान सीएम नीतीश कुमार नगर विकास विभाग के अधिकारियों के माध्यम से नगर निगम और बुडको को क्या कुछ दिशा निर्देश देते हैं.
Last Updated : May 15, 2021, 9:01 PM IST
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