पटना: राजधानी में कोरोना काल के दौरान लोग पेयजल के लिए परेशान हो रहे हैं. शहर में नगर निगम लोगों की प्यास बुझाने के लिए घर-घर पानी की सप्लाई तो करता ही है, साथ ही सार्वजनिक जगहों पर गर्मी के मौसम में निगम प्रशासन द्वारा लोगों को शुद्ध पानी भी पिलाया जाता है. राजधानी पटना के विभिन्न भीड़ वाले इलाकों में निगम प्रशासन पेयजल की व्यवस्था करता है. निगम प्रशासन ने लोगों की प्यास बुझाने का दावा किया था. सरकार और निगम प्रशासन के दावों का ईटीवी भारत ने जायजा लिया.
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गांधी मैदान का लिया जायजा
राजधानी पटना में इन दिनों तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. हर दिन तपिश बढ़ती जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ संक्रमण भी अपना पैर पसार रहा है. गांधी मैदान इलाके में हर दिन हजारों लोग अपनी सफर की शुरुआत करते हैं. गांधी मैदान इलाके से लोग अशोक राजपथ होते हुए पीएमसीएच, पटना यूनिवर्सिटी सहित गायघाट की ओर जाते हैं. वहीं, दूसरी ओर दानापुर कि और भी लोग जाते हैं. बिहार सरकार द्वारा यहां सरकारी बस डिपो की भी व्यवस्था की गई है.
पीने के पानी के लिए भटकते लोग
सरकारी बसों के माध्यम से हर दिन हजारों लोग बिहार के विभिन्न जिलों में जाते हैं. गर्मी के मौसम में खासकर तपिश के समय लोगों को अधिक प्यास लगती है. प्यास बुझाने के लिए लोग इधर-उधर भटकते भी रहते हैं. निगम प्रशासन की तरफ से यहां पर शुद्ध पेयजल के लिए टंकी की व्यवस्था तो की गई थी, लेकिन ये टंकी 3 सालों से बंद है. यहां पर पानी तो छोड़िए, टंकी में टोटी का भी पता नहीं है.
''इस टंकी को चालू करने के लिए निगम प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई कर्मी नहीं आए हैं. लोग पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकते हैं. ठेले वाले उनकी प्यास बुझाते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो निगम प्रशासन के कर्मी सिर्फ टैक्स लेने के लिए इस इलाके में आते हैं. शुद्ध पेयजल टंकी की मरम्मती को लेकर कोई भी कार्य योजना उनकी तरफ से नहीं की जाती है''- स्थानीय
इनकम टैक्स चौराहे का निरीक्षण
बढ़ती तपिश के मौसम में लोगों की प्यास बुझाने के लिए निगम प्रशासन की तरफ से इनकम टैक्स चौराहे पर पहले शुद्ध पेयजल की टंकी लगाई गई थी. लेकिन, कुछ सालों से उस टंकी को वहां से निगम प्रशासन ने समाप्त कर दिया. यहां पर शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है.
ट्रैफिक पुलिस के लिए भी नहीं व्यवस्था
इनकम टैक्स चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस भी है, लेकिन उनके लिए भी पानी की कोई व्यवस्था निगम प्रशासन या सरकार की तरफ से नहीं की गई है. इनकम टैक्स चौराहे पर रिक्शा चालक की मानें तो वो पटना में 1 साल से रिक्शा चला रहा है. इनकम टैक्स चौराहा से वो गांधी मैदान या फिर राजा बाजार के इलाके तक लोगों को छोड़ने जाता है.
''इस इलाके में शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है. पहले मैं बिजली विभाग की कैंटीन में काम करता था और अब रिक्शा चला रहा हूं. 1978 से ही हम पटना में हैं पहले सड़क किनारे शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हुआ करती थी, लेकिन अब नहीं है''- रामू, पटना वासी
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बोरिंग रोड चौराहे पर पड़ताल
गर्मी के मौसम में लोगों की प्यास बुझाने के लिए सरकार की तरफ से लंबे-लंबे दावे किए जाते हैं. लेकिन, उनके दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है. शुद्ध पेयजल को लेकर हम राजधानी पटना के विभिन्न इलाके में पड़ताल के दौरान बोरिंग रोड चौराहा पहुंचे. सरकार की तरफ से सड़क पर चलने वाले राहगीरों के लिए प्यास बुझाने को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
''अप्रैल माह में लगातार तपिश बढ़ती जा रही है. इन इलाके में शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है. जब भी प्यास लगती है तो सड़क किनारे ठेले वाले से पानी मांग कर पी लेते हैं''- शहजाद आलम, पटनावासी
पटना जंक्शन पर रियलिटी चेक
शुद्ध पेयजल की पड़ताल को लेकर ईटीवी भारत की टीम पटना जंक्शन स्थित नेहरू गोलंबर के पास पहुंची. यहां पर हजारों तादाद में लोग सफर करने के लिए पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन पर आते हैं. रेलवे के माध्यम से लोग विभिन्न जिलों में अपना सफर तय करते हैं. वहीं, दूसरी ओर दूसरे प्रदेशों से लोग भी पटना आते हैं. पटना जंक्शन से बाहर उनके लिए पानी पीने की कोई व्यवस्था सरकार की तरफ से नहीं की गई है.
पुलिस कर्मियों के लिए भी नहीं कोई व्यवस्था
लगातार गर्मी के मौसम में तापमान में वृद्धि हो रही है. चिलचिलाती धूप में लोग पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं. पटना जंक्शन स्थित नेहरू गोलंबर के पास पुलिस चेक पोस्ट है. यहां पर ट्रैफिक पुलिस से लेकर बिहार पुलिस के जवान अपनी ड्यूटी करते हैं. इनके लिए भी पानी की कोई व्यवस्था ना तो विभाग की तरफ से की गई है और ना ही नगर निगम के तरफ से की गई है.
''यहां पर शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है. जब भी हमें प्यास लगती है, तो बोतल खरीदकर पानी पीना पड़ता है. हमारे विभाग की तरफ से पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है और ना ही नगर निगम की तरफ से यहां पर टंकी बनाई गई है''- शमीम अहमद, एएसआई
निगम प्रशासन के सभी दावे फेल
बता दें कि 2020 मार्च महीने में जब कोरोना संक्रमण ने अपने पांव पसारना शुरू कर दिए थे, तब सरकार के आदेश पर देशभर में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. सभी लोग घरों में कैद हो गए थे. ऐसे में लोगों की सुरक्षा को लेकर सड़क पर दिनरात तैनात पुलिस वालों को चिलचिलाती धूप में ड्यूटी करनी पड़ रही थी. उस समय भी पानी की व्यवस्था निगम प्रशासन और ना ही इनके विभाग की ओर से की गई थी.
कोरोना काल में पेयजल के लिए तरसते लोग
खबर चलने के बाद नगर निगम ने वाटर टैंकर के माध्यम से विभिन्न सार्वजनिक जगहों पर व्यवस्था की थी. वहीं, विभाग की तरफ से भी इन्हें हर दिन पानी की बोतल दी जाती थी. 2021 में इस बार भी अप्रैल माह में कोरोना संक्रमण अपने पांव पसार रहा है. हालांकि, इस बार सुखद है कि सरकार ने अभी तक लॉकडाउन नहीं लगा है.
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अप्रैल माह में लगातार तापमान में वृद्धि देखने को मिल रही है. ऐसे में आम लोगों से लेकर हमारी सुरक्षा करने वाले जवानों के लिए सरकार की तरफ से इस बार भी शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है. मजबूरन आम लोग ठेले वालों से पानी मांगकर पीते हैं. वहीं, जवान अपने पैसे लगाकर पानी पीने को मजबूर हैं.
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