पटना: पूर्व सीएम डॉ. जगन्नाथ मिश्रा की अंत्योष्टि के दौरान उन्हें दिया जा रहा गार्ड ऑफ ऑनर में बिहार पुलिस की राइफलें फुस्स हो गईं. दरअसल, पूर्व सीएम को 22 जवानों द्वारा सलामी दी जानी थी. जवानों ने बंदूकों को हवा में तान बार-बार ट्रिगर दबा, फायर करने की कोशिश की. लेकिन फायर नहीं हो सका. इस पर पूरे मामले की पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने निंदा की है.
जिस समय पूर्व सीएम को सलामी दी जा रही थी, उस दौरान वहां सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे. रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने इसी बात पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार पुलिस की क्या हालत है. इसका सीधा उदाहरण सीएम नीतीश कुमार ने देख लिया. वो स्वयं इसके चश्मदीद हैं. पूर्व सीएम डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के अंत्योष्टि के समय दी जा रही सलामी में राइफलों ने काम नहीं किया और फायर नहीं हो सके. निश्चित तौर इससे प्रतीत होता है कि पुलिस महकमे की क्या हालत बना कर रखी गई है. इस पूरे मामले पर भी अगर सीएम माफी नहीं मांगते हैं, तो उन्हें गद्दी छोड़ देनी चाहिए.
'क्यों पीटते हैं सुशासन का ढोल'
पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इन सब के बाद भी सीएम नीतीश कुमार सुशासन का ढोल पीटते हैं, जबकि हालात क्या हैं. ये शासन, प्रशासन और बिहार की जनता देख रही है. इसका उदाहरण आज के गार्ड ऑफ ऑनर में देखने को मिल गया. कुशवाहा ने कहा कि कानून व्यवस्था के नाम पर बिहार फिसड्डी होता जा रहा है लेकिन मुख्यमंत्री दावे पर दावे किए जा रहे हैं. अब भी समय है कि बिहार की जनता से वो माफी मांगे और कह दे कि हमसे यह राज्य नहीं संभल पाएगा.
'आरक्षण खत्म करना बीजेपी और आरएसएस की साजिश'
वहीं, कुशवाहा ने आरक्षण पर मोहन भागवत के दिए गए बयान पर भी प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस दोनों मिलकर आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रहे हैं. ये दोनों किसी को देश भक्त तो किसी को देश विरोधी करार देते हैं. देश भक्ति की आड़ में ये आरक्षण हटाने की साजिश कर रहे हैं. रालोसपा इसका पूर्ण विरोध करेगी. हम इनकी मंशा को सफल नहीं होने देंगे.