पटना: दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. भाजपा ने केजरीवाल सरकार के रवैए पर हैरानी जताते हुए कहा है कि राजनीतिक कारणों से मामले को लटकाया जा रहा था. दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर केजरीवाल सरकार ने इस मामले में देरी की.
केजरीवाल सरकार ने आखिरकार कन्हैया कुमार के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. केजरीवाल सरकार ऐसा करने में 4 साल का वक्त लग गया. इसको लेकर भाजपा ने केजरीवाल सरकार के मंसूबे पर सवाल खड़े किए हैं.
अनुमति देने में क्यों 4 साल लग गए
भाजपा उपाध्यक्ष देवेश कुमार ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल टुकड़े-टुकड़े गैंग को संरक्षण दे रहे थी, जिसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा हो उसे बचाने की कोशिश में जुटे थे. राजनीतिक कारणों से उन्होंने पूरे मामले को 4 साल तक लटकाया और जब चुनाव संपन्न हो गए तब जाकर उन्होंने अनुमति दी.
दिल्ली सरकार ने दी मुकदमा चलाने की अनुमति
दरअसल, देशद्रोह के मामले में सीआरपीसी के सेक्शन 196 के तहत जब तक सरकार मंजूरी नहीं दे देती, तब तक अदालत आरोप-पत्र पर संज्ञान नहीं ले सकती. इसलिए कन्हैया कुमार के खिलाफ चलाए जा रहे देशद्रोह के मामले में दिल्ली सरकार की अनुमति लेना अनिवार्य था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गत 24 फरवरी को कन्हैया कुमार के खिलाफ दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी.
- मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत ऐसे सामान्य अनुरोध को लेकर ऐसा नहीं कर सकती.
- याचिका में वर्ष 2016 के देशद्रोह मामले को लेकर समयबद्ध अभियोजन को मंजूरी देने की मांग की गई थी.
- गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस बाबत दिल्ली सरकार को निर्देश देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद वकील शशांक देव सुधी ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी.
- वकील शशांक देव ने अपनी दलील में कहा था कि तीन महीने के भीतर अभियोजन स्वीकृति पर फैसला दिया जाना था, लेकिन यह मामला दिल्ली सरकार के पास एक साल से अधिक समय से लंबित है.
कन्हैया कुमार प्रकरण में कब क्या हुआ...
फरवरी, 2016
- जेएनयू कैंपस में कुछ छात्रों द्वारा कथित रूप से राष्ट्र विरोधी नारे लगाए जाने के बाद देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया.
14 जनवरी, 2019
- दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और सात कश्मीरी छात्रों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया.
- पुलिस ने आरोप पत्र में राजद्रोह, जानबूझ कर चोट पहुंचाना, जालसाजी, फर्जी दस्तावेज का उपयोग करना, गैरकानूनी रूप से इकट्ठे होना, दंगा और आपराधिक षड्यंत्र रचने जैसे आरोप लगाए हैं.
- भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.