पटना: काफी समय से राज्यसभा में लटका ट्रिपल तलाक बिल मंगलवार को पास हो गया. इस बिल को राज्यसभा में पारित कराने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों ने अहम भूमिका निभाई. बिल के पास होते ही सत्तासीन बीजेपी में खुशी की लहर दौड़ गई. वहीं, बिहार बीजेपी ने बिल पारित होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे पूरे देश में महिला सशक्तिकरण को मजबूती मिलेगी.
बिहार बीजेपी उपाध्यक्ष देवेश सिंह ने कहा तीन तलाक को कुप्रथा बताते हुए कहा कि संसद में तीन तलाक कानून बनाकर इसे खत्म कर दिया गया है. मुस्लिम महिलाओं के लिए यह क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है. देवेश ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन तलाक जैसे मुद्दे पर क्रांतिकारी कदम उठाया है. एक बर्बर कानून की समाप्ति हुई है. मुस्लिम महिलाएं अब खुद को सुरक्षित महसूस करेगी. बीजेपी नेता ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह क्रांतिकारी कदम है.
ऐसे पास हुआ बिल...
लंबे समय से तीन तलाक बिल राज्यसभा में पड़ा हुआ था. मंगलवार को राज्यसभा में हुई वोटिंग के दौरान कई पार्टियों ने सदन से वॉकआउट कर दिया. वोटिंग में बिल के समर्थन में 99 तो विरोध में 84 सदस्यों ने वोटिंग की.
तीन तलाक बिल
- कोई पति अगर मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है, तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा.
- तीन तलाक के मामले पर स्वयं पत्नी या उसका करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केस दर्ज करा सकता है.
- पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है क्योंकि महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 बिल के मुताबिक एक समय में तीन तलाक देना अपराध है.
सजा का प्रवधान...
- तीन तलाक के मामले में मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष सुने बगैर पति को जमानत नहीं दे पाएंगे.
- पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है. मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी.
- पीड़ित पत्नी और बच्चे के भरण पोषण का खर्च मजिस्ट्रेट तय करेंगे, जो पति को देना होगा.
- तीन तलाक पर बने कानून में छोटे बच्चों की निगरानी व रखावाली मां के पास रहेगी.
- नए कानून में समझौते के विकल्प को भी रखा गया है.
- इस कानून के तहत पत्नी की पहल पर ही समझौता हो सकता है, लेकिन मजिस्ट्रेट की उचित शर्तों के साथ.