पटना: आज मकर संक्रांति पर इस बार शतभिषा नक्षत्र के साथ रवि योग का भी संयोग बन रहा है. पौष शुक्ल चतुर्थी के दिन मकर संक्रांति को मनाया जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने से परिवार में कुशलता बनी रहती है. इसके अलावा इस दिन तिल और गुड़ के दान का विशेष महत्व है.
बन रहा रवि योग का संयोग: पटना के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित प्रेम सागर पांडेय ने बताया कि इस बार मकर संक्रांति शतभिषा नक्षत्र के रवि योग के संयोग के साथ मनाया जा रहा है. यह योग संपन्नता लाता है. मकर संक्रांति के मौके पर तिल और गुड़ का विशेष रूप से दान किया जाता है. किसी पवित्र जलाशय पर स्नान-दान का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन सूर्य मकर राशि अर्थात शनि गृह में प्रवेश करते है, जिससे सूर्य उत्तरायण होकर देवताओं के दिन में परिवर्तन करता है.
"इस दिन लोगों को अपने सामर्थ्य के अनुसार ऊनी वस्त्र, दुशाला, कंबल, धार्मिक पुस्तक, पंचांग, तिल एवं गुड़ आदि का दान करना चाहिए. इस दिन दान का विशेष महत्व होता है. इसके अलावा गाय, ब्रह्मण और दीन को ससम्मान दान से शुभ कामनाओं की पूर्ति होती है."-पंडित प्रेम सागर पांडेय, ज्योतिषाचार्य
राशि के अनुसार विशेष क्या करें: मेष और वृश्चिक राशि के व्यक्ति भगवान सूर्य को रोड़ी या केशर युक्त जल से अर्घ्य दें. इसके बाद भोजन ग्रहण से पहले तिल और गुड़ का दान करें. वृषभ और तुला राशि के व्यक्ति जल में चावल के कुछ साबुत दाना डाल कर अर्ध्य दें. इसके बाद भोजन ग्रहण से पहले तिल और गुड़ का दान करें. मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ राशि के व्यक्ति तुलसी पत्र युक्त जल से अर्ध्य दें. इसके बाद भोजन ग्रहण से पहले तिल और गुड़ का दान करें.
तिल और गुड़ का करें दान: कर्क राशि के व्यक्ति गौ दुध या गौ दुध मिश्रित जल से अर्घ्य दें. इसके बाद भोजन ग्रहण से पहले तिल और गुड़ का दान करें. धनु और मीन के राशि के व्यक्ति पीला पुष्प या पीला चन्दन मिश्रित जल से अर्घ्य दें. इससे दैहिक, दैविक और भौतिक संतापों का समन होता है. साथ ही मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा. इसके बाद भोजन ग्रहण से पहले तिल और गुड़ का दान करें.
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