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PFI पर बैन का पारस की पार्टी RLJP ने किया स्वागत, कहा- राज्य सरकार भी लें कड़े फैसले

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल (Spokesperson Shravan Agarwal) ने कहा कि पीएफआई पर जिस तरह से केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पाबंदी लगाई गई है, यह सराहनीय कदम है.

पशुपति कुमार पारस, केंद्रीय मंत्री
पशुपति कुमार पारस, केंद्रीय मंत्री
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Published : Sep 28, 2022, 10:56 AM IST

Updated : Sep 28, 2022, 1:12 PM IST

पटनाः राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (Rashtriya Lok Janshakti Party On PFI Ban) ने केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई आतंकी संगठन को बैन (PFI Ban In India) करने का लिया गया निर्णय स्वागत योग्य बताया गया है. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई जैसे संगठनों पर बैन लगाने का निर्णय बिल्कुल सही है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी तो पहले ही केंद्र सरकार से इसको बैन लगाने की मांग कर रही थी.

ये भी पढे़ंः केंद्र सरकार ने PFI पर 5 साल का बैन लगाया

पीएफआई की मंशा उजागर: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि देश की अखंडता और एकता को खंड खंड करने की साजिश पीएफआई के द्वारा रची जा रही थी. उन्होंने ये भी कहा कि देश के उत्थान के लिए पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर जिस तरह से केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा बंदी लगाई गई है, यह सराहनीय कदम है. हाल के दिनों में जिस तरह से पीएफआई की मंशा उजागर हुई है और जुलाई महीने में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को टारगेट बनाने की साजिश रची गई थी, उसके शहर से पीएफआई जैसे आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करना अति आवश्यक था.

"केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार को भी ऐसे फैसले लेने चाहिए. सीमांचल के क्षेत्रों में पीएफआई के सक्रिय सदस्य द्वारा उन्माद फैलाने की कोशिश की जा रही है. यह बिहार की अखंडता को बर्बाद कर रही है, ऐसे सक्रिय सदस्यों को अविलंब गिरफ्तार कर उनकी मंशा को तोड़ने की जरूरत है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई करें"- श्रवण अग्रवाल, प्रवक्ता, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी

पीएफआई के खिलाफ मिले पर्याप्त सबूतः आपको बता दें कि 22 सितंबर और 27 सितंबर को एनआईए, ईडी और राज्यों की पुलिस ने पीएफआई पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार हुए थे. दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए. जांच एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले. इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी. जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने पीएफआई (PFI) पर बैन लगाने का फैसला किया है.

पटनाः राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (Rashtriya Lok Janshakti Party On PFI Ban) ने केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई आतंकी संगठन को बैन (PFI Ban In India) करने का लिया गया निर्णय स्वागत योग्य बताया गया है. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई जैसे संगठनों पर बैन लगाने का निर्णय बिल्कुल सही है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी तो पहले ही केंद्र सरकार से इसको बैन लगाने की मांग कर रही थी.

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पीएफआई की मंशा उजागर: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि देश की अखंडता और एकता को खंड खंड करने की साजिश पीएफआई के द्वारा रची जा रही थी. उन्होंने ये भी कहा कि देश के उत्थान के लिए पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर जिस तरह से केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा बंदी लगाई गई है, यह सराहनीय कदम है. हाल के दिनों में जिस तरह से पीएफआई की मंशा उजागर हुई है और जुलाई महीने में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को टारगेट बनाने की साजिश रची गई थी, उसके शहर से पीएफआई जैसे आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करना अति आवश्यक था.

"केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार को भी ऐसे फैसले लेने चाहिए. सीमांचल के क्षेत्रों में पीएफआई के सक्रिय सदस्य द्वारा उन्माद फैलाने की कोशिश की जा रही है. यह बिहार की अखंडता को बर्बाद कर रही है, ऐसे सक्रिय सदस्यों को अविलंब गिरफ्तार कर उनकी मंशा को तोड़ने की जरूरत है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई करें"- श्रवण अग्रवाल, प्रवक्ता, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी

पीएफआई के खिलाफ मिले पर्याप्त सबूतः आपको बता दें कि 22 सितंबर और 27 सितंबर को एनआईए, ईडी और राज्यों की पुलिस ने पीएफआई पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार हुए थे. दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए. जांच एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले. इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी. जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने पीएफआई (PFI) पर बैन लगाने का फैसला किया है.

Last Updated : Sep 28, 2022, 1:12 PM IST
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