पटना: एक महिला वकील ने IAS संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव पर रेप का आरोप (Former MLA Gulab Yadav Accused Of Rape) लगाया है. जिसको लेकर बीते शुक्रवार को ACJM (दानापुर) व्यवहार न्यायालय में सुनवाई हुई थी. जिसके बाद शनिवार को कोर्ट की तरफ से लिखित में आदेश जारी हुआ है. कोर्ट ने इस मामले में IAS और पूर्व MLA के खिलाफ पटना के रुपसपुर थाना में FIR दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है. हालांकि, पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि अभी तक पुलिस को कोर्ट का लिखित आदेश नहीं मिला है. कार्ट का आदेश मिलते ही उसका पालन किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: महिला वकील से गैंग रेप मामले में बुरे फंसे IAS संजीव हंस और पूर्व MLA गुलाब यादव
एक साल से पहले शिकायत, FIR अब: दरअसल, करीब एक साल पहले इस मामले में पीड़ित महिला वकील ने पटना पुलिस से मिलकर FIR दर्ज कराने की कोशीश की थी. लेकिन कामियाब न हो सकी, जिसके बाद महिला वकील ने दानापुर व्यवहार न्यायालय में कंप्लेन किया था. लेकिन वहां से उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था. इसके बाद ही महिला वकील पटना हाईकोर्ट की शरण में गईं. पीड़िता के अनुसार तब इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने माना था कि दानापुर कोर्ट ने सही तरीके से जांच कराए बिना केस को खारिज कर दिया. जो सही नहीं था. फिर इसके बाद पुलिस को जांच करने का आदेश जारी हुआ.
क्या है पूरा मामला : महिला वकील अपने बेटे की पहचान के लिए एक कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं. पीड़िता का आरोप है कि 6 साल पहले झंझारपुर से राजद के पूर्व MLA गुलाब यादव ने राज्य महिला आयोग में सदस्य बनाने के नाम पर अपने आवास बुलाकर उन्हें पिस्तौल की नोक पर उसके साथ बलात्कार किया था. इस मामले में जब महिला वकील ने केस करने की बात कही तब गुलाब यादव ने उसे शादी करने का झांसा देकर रोक लिया.म हिला वकील का आरोप है कि इसके बाद गुलाब यादव ने उन्हें पुणे बुलाया था और होटल में खाने-पीने की चीजों में नशीला पदार्थ मिलाकर गुलाब यादव के साथ IAS संजीव हंस ने मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया.
"बेटे के हक के लिए लड़ाई": महिला वकील के मुताबिक गुलाब यादव और संजीव हंस अपने रसूख के दम पर अक्सर महिला वकील (पीड़िता) को धमकाते थे. इतना ही नहीं दुष्कर्म की तस्वीर को वायरल करने की धमकी देने लगे. इस लंबे अंतराल के दरम्यान महिला वकील प्रेग्नेंट हुई थी. महिला वकील ने बताया की पहले बच्चे का अबॉर्शन भी ये लोग जबदस्ती करवा चुके हैं. अब दूसरा बेटा है. इसके अबॉर्शन के लिए भी पहले बहुत प्रेशर बनाया गया था. लेकिन उसने कानूनी लड़ाई लड़ने का मन बनाया है.
"अभी तक रूपसपुर थाने को कोर्ट से संबंधित कोई आदेश नहीं मिला है, अगर ऐसा आदेश दिया जाता हैं तो निश्चित तौर से अनुसंधान के दृष्टिकोण से विधि सम्मत कानूनी कार्रवाई की जाएगी" - मानवजीत सिंह ढिल्लो, एसएसपी, पटना