पटनाः बिहार में रेप (Rape in bihar) की घटनाओं में तेजी आई है. आए दिन दरिंदगी की खबर सुनने को मिलती है. महिलाओं के साथ साथ बच्चे भी शामिल हैं, जो इस दरिंदगी से नहीं बची है, लेकिन यह क्यों हो रहा, इसपर किसी ने गौर नहीं किया? ईटीवी भारत इसका कारण जानना चाहा तो एक ही बात निकल कर सामने आई. वह है अश्लील सोशल साइट. जी हां हम PORN SITE की बात कर रहे हैं. बिहार में जितनी भी बच्चियों के साथ रेप का मामला सामने आया है, उसमें PORN SITE ही कारण है. आज के बच्चे सोशल मीडिया पर अश्लील फिल्म देखकर इस घटना को अंजाम देते हैं. जिसका उदाहरण भी देखने को मिला है. 2023 की बात करें तो लगभग 6 ऐसे मामले आए हैं. सिर्फ फरवरी में तीन मामले सामने आए हैं.
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बच्चों को लेकर लोगों में डरः फरवरी 2023 में समस्तीपुर में 12 साल के लड़के ने चार साल की मासूम के साथ दुष्कर्म किया. पूछे जाने पर बताया कि अश्लील साइट देखने के बाद वह घटना के लिए प्रेरित हुआ था. इसी तरह का दूसरा मामला रोहतास का है, जहां 5 साल की एक मासूम के साथ एक युवक ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. इस घटना के मूल में भी अश्लील साइट ही है. इसके अलावा बांका में 2 साल के मासूम के साथ एक हैवान ने दुष्कर्म कर हैवानियत की सारी हदें पार दी. इस तरह की घटना सामने आने के बाद लोगों में डर बैठ गया है. लोग अपनी बच्चियों को बाहर खेलने तक नहीं जाने दे रहे हैं.
बच्ची को खेलने के लिए नहीं भेज रहे परिजनः पटना की राजा बाजार की रहने वाली सुनीता की पांच वर्षीय बेटी है. आम तौर पर सुनीता अपनी बेटी को पार्क में खेलने भेजती थी, लेकिन हाल की घटनाओं से काफी डरी हुई हैं. वे अपनी बेटी को हर पल अपने निगरानी में रखने लगी हैं. कुछ ऐसा ही हाल बिरेन्द्र और उनकी पत्नी नयना का भी है. इस दम्पत्ति की 4 साल की बेटी है, ये भी ऐसी खबरों के बाद डर और संशय के वातावरण में जीने को मजबूर हैं. किसी पर भी विश्वास करना छोड़ चुके हैं. समाज में मासूमों के साथ दरिंदगी का परिणाम कुछ ऐसा ही होता है. पीड़ित परिवार को परेशानी होती ही है साथ में लाखों माता-पिता पर इसका कुप्रभाव पड़ता है.
अश्लील साइट का प्रभावः पटना के जाने माने मनोचिकित्सक डॉ बृन्दा सिंह ने कहा कि इसका कारण समाज में फैल रहे खराब वातावरण है. डॉ बृन्दा की माने तो अश्लील सोशल साइट का सबसे ज्यादा प्रभाव युवाओं पर पड़ा है. युवाओं में समझ कम होती है, ऐसे में अश्लील सोशल साइट देखने के बाद वे उत्तेजित हो जाते हैं. अश्लील साइट का प्रभाव सभी पर पड़ता है, लेकिन ज्यादा उम्र के लोग थोड़े समझदार होते हैं, इसलिए खुद को संभाल लेते हैं. हालांकि उन्होंने ज्यादा उम्र के लोगों द्वारा इस घटना को अंजाम देने वाले को घिनौनी मानसिकता वाला बताया. अश्लील सोशल साइट के अलावा अपने घर और समाज में चल रहे अवैध सम्बंध की अश्लील हरकतें इसका कारण है.
दोषियों को त्वरित सजा होः बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद मानते हैं कि इस एस तरह के मामले को रोकना असम्भव है. अभयानंद की माने तो अन्य अपराधों में एक से अधिक लोग शामिल रहते हैं. योजना बनाने के दौरान कोई न कोई सुराग छोड़ ही देते हैं. इस घिनौनी हरकत के दौरान एक व्यक्ति एक अपराध करता है और बातें उसके मन में आती है. पुलिस के पास माइन्ड रिडिंग की कोई व्यवस्था नहीं है. हालांकि उन्होंने ऐसे मामले रोकने का एक ही हथियार का हवाला दिया है. दोषियों को त्वरित सजा हो ताकि हैवानों के मन उठने वाले भाव सजा के डर त्वरित समाप्त हो सके.
अश्लील प्लेटफार्म को बंद किया जाएः 7 दिसम्बर 2019 को सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं के खिलाफ बढते यौन अपराधों के लिए अश्लील साइटों को जिम्मेवार ठहराया था. उन्होंने केन्द्र सरकार से अपील की थी कि ऐसे तमाम इंटनेट प्लेटफार्म को बंद किया जाए, जहां अश्लील और बलात्कार के वीडियो क्लिप डाले जाते हैं. ऐसा लग रहा था कि यह मुद्दा बनेगा और जेडीयू केन्द्र सरकार पर बैन लगाने का दबाव डालेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मुख्यमंत्री बोले और एक दो दिन मामला सुर्खियों में रहा और फिर ठंडा पड़ गया.
सोशल साइट पर प्रतिबंध लगेः जेडीयू प्रवक्ता डॉ सुनील सिंह की माने तो अश्लील सोशल साइट महिलाओं और मासूमों के साथ यौन अपराध की मूल वजह हैं. कहा कि केन्द्र सरकार को आईटी एक्ट में संशोधन कर ऐसे तमाम अश्लीलता फैलाने वाले सोशल साइट पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. उन्होंने अपनी इस मांग को प्रमुखता से उठाने का भी हवाला दिया है. बीजेपी प्रवक्ता अरबिन्द सिंह की माने तो पुलिस ऐसे अपराधों रोकने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी होती है. बीजेपी प्रवक्ता भी मानते हैं कि ऐसे अश्लील सोशल साइट पर प्रतिबंध लगना चाहिए. वरिष्ठ पत्रकार अरुण पाण्डेय की माने तो यौन अपराध के मूल में अश्लील सोशल साइट है.
कब तक होगी दरिंदगीः कुल मिलकार यह साफ हैं कि अश्लील सोशल साइट महिलाओं और मासूमो के साथ यौन अपराध को बढावा दे रहा है. हाल के दिनों में मामूसों के साथ यौन अपराध के मामले बढ़े हैं. इस पर चर्चा स्वभाविक है. सबकी चाहत है कि महिलाओं के साथ यौन अपराध के कारण पर प्रतिबंध लगाया जाए, लेकिन ये प्रतिबंध कब तक लगेगा या यूं ही चर्चा का विषय बनकर रह जाएगा. बिहार में मासूमों के साथ दरिंदगी होती रहेगी.