पटना: प्रथम चरण के मतदान और द्वितीय चरण के मतदान में कोई खास अंतर देखने को नहीं मिला है. पहले चरण में भी 54% के आसपास मतदान हुआ और दूसरे चरण में भी. लेकिन शहरी क्षेत्रों में मतदान जरूर कम हुआ है. खासकर बात करें पटना की तो वोट प्रतिशत में जरूर गिरावट आई है.
पटना में वोट प्रतिशत कम
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल के सदस्य रामबाबू कुमार ने कहा कि पटना में वोट प्रतिशत कम होने की मुख्यता दो वजह है. कोरोना संक्रमण का सबसे अधिक असर पटना में देखने को मिला है. जिस कारण लोग थोड़े डरे हुए थे और मतदान करने के लिए अपने घरों से बाहर कम निकले.
गांव में करते हैं मतदान
इस बार पटना में 36% मतदान हुआ है. जो पिछले बार की अपेक्षा कम है. दूसरी प्रमुख वजह यह है कि पटना में ज्यादातर रहने वाले लोग ग्रामीण क्षेत्रों के हैं. जो रहते तो पटना में जरूर हैं. लेकिन उनका वोटर आईडी गांव का है और वह मतदान भी गांव में ही करते हैं. यही दो प्रमुख वजह है कि इस बार पटना में वोट प्रतिशत में गिरावट आई है.
लेकिन इससे महागठबंधन को कोई असर नहीं होने वाला है. क्योंकि इन क्षेत्रों में ज्यादातर भाजपा के वोटर हैं. जो अपने घरों से बाहर वोट देने आये.