पटना: बीपीएससी में नियुक्ति के नाम पर पैसे लेनदेन के आरोप में फंसे राम किशोर सिंह एक बार फिर से बीजेपी में शामिल हो गए. राम किशोर सिंह बीजेपी के एमएलसी रह चुके हैं. लेकिन, नीतीश कुमार के बीजेपी से अलग होने के बाद राम किशोर सिंह ने भी जेडीयू का दामन थाम लिया था.
नीतीश कुमार ने उन्हें बीपीएससी में चयन समिति का सदस्य बनाया. लेकिन, राम किशोर सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे. उन्हें सदस्य से इस्तीफा देना पड़ा. राम किशोर सिंह रविवार को बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे. मोबाइल से मिस कॉल के जरिए उन्होंने सदस्यता लेने की बात कही.
जेडीयू ने बनाया था बीपीएससी का अध्यक्ष
बीजेपी से जेडीयू में जाने के बाद नीतीश कुमार ने राम किशोर सिंह को बीपीएससी में सदस्य बना कर तोहफा दिया था. लेकिन, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरने के बाद राम किशोर सिंह को बीपीएससी की चयन समिति से इस्तीफा देना पड़ा. तब नीतीश कुमार से भी दूरियां बढ़ गई. ऐसे में एक बार फिर से उन्होंने बीजेपी का दामन थामने की बात कही.
'बीजेपी छोड़ना मेरी सबसे बड़ी भूल थी'
राम किशोर सिंह ने बीजेपी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल, जगन्नाथ गुप्ता और उनके समर्थकों को मोबाइल नंबर डायल कर सदस्यता लेने की सलाह दी. राम किशोर सिंह ने कहा कि बीजेपी छोड़ना मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल थी.
शीर्ष नेतृत्व करेगा सदस्यता पर विचार- अजफर शम्सी
हालांकि, राम किशोर सिंह के बीजेपी में शामिल होने की बात पर बीजेपी प्रवक्ता अजफर शम्सी ने कहा कि राम किशोर सिंह ने संस्था के लिए आवेदन दिया है तो पार्टी के नेता विचार करेंगे. अजफर शम्सी ने कहा कि बीजेपी ऐसी पार्टी है जिसे सब ज्वाइन करना चाहते हैं. लेकिन, अंतिम फैसला अभी तय नहीं है.
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क्या है राम किशोर सिंह पर आरोप?
राम किशोर सिंह पर बीपीएससी 56 वीं और 59 वीं बैच के लिखित परीक्षा में पास उम्मीदवारों से इंटरव्यू में ज्यादा नंबर देने के नाम पर 25 -25 लाख रुपये वसूलने का आरोप लगा था. विजिलेंस ने जांच के बाद इस साल प्राथमिकी भी दर्ज की थी. जिसके बाद मामला कोर्ट में चला गया.