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भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे BPSC के पूर्व सदस्य राम किशोर सिंह ने दोबारा थामा BJP का हाथ - बीजेपी प्रवक्ता अजफर शम्सी

बीजेपी से जेडीयू में जाने के बाद नीतीश कुमार ने राम किशोर सिंह को बीपीएससी में सदस्य बना कर तोहफा दिया था. अब एक बार फिर से उन्होंने बीजेपी का दामन थामने की बात कही.

राम किशोर सिंह
राम किशोर सिंह
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Published : Dec 15, 2019, 8:01 PM IST

पटना: बीपीएससी में नियुक्ति के नाम पर पैसे लेनदेन के आरोप में फंसे राम किशोर सिंह एक बार फिर से बीजेपी में शामिल हो गए. राम किशोर सिंह बीजेपी के एमएलसी रह चुके हैं. लेकिन, नीतीश कुमार के बीजेपी से अलग होने के बाद राम किशोर सिंह ने भी जेडीयू का दामन थाम लिया था.

नीतीश कुमार ने उन्हें बीपीएससी में चयन समिति का सदस्य बनाया. लेकिन, राम किशोर सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे. उन्हें सदस्य से इस्तीफा देना पड़ा. राम किशोर सिंह रविवार को बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे. मोबाइल से मिस कॉल के जरिए उन्होंने सदस्यता लेने की बात कही.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

जेडीयू ने बनाया था बीपीएससी का अध्यक्ष
बीजेपी से जेडीयू में जाने के बाद नीतीश कुमार ने राम किशोर सिंह को बीपीएससी में सदस्य बना कर तोहफा दिया था. लेकिन, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरने के बाद राम किशोर सिंह को बीपीएससी की चयन समिति से इस्तीफा देना पड़ा. तब नीतीश कुमार से भी दूरियां बढ़ गई. ऐसे में एक बार फिर से उन्होंने बीजेपी का दामन थामने की बात कही.

'बीजेपी छोड़ना मेरी सबसे बड़ी भूल थी'
राम किशोर सिंह ने बीजेपी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल, जगन्नाथ गुप्ता और उनके समर्थकों को मोबाइल नंबर डायल कर सदस्यता लेने की सलाह दी. राम किशोर सिंह ने कहा कि बीजेपी छोड़ना मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल थी.

शीर्ष नेतृत्व करेगा सदस्यता पर विचार- अजफर शम्सी
हालांकि, राम किशोर सिंह के बीजेपी में शामिल होने की बात पर बीजेपी प्रवक्ता अजफर शम्सी ने कहा कि राम किशोर सिंह ने संस्था के लिए आवेदन दिया है तो पार्टी के नेता विचार करेंगे. अजफर शम्सी ने कहा कि बीजेपी ऐसी पार्टी है जिसे सब ज्वाइन करना चाहते हैं. लेकिन, अंतिम फैसला अभी तय नहीं है.

PATNA
अजफर शम्सी, बीजेपी प्रवक्ता

ये भी पढ़ें: फिर छलके लालू की बहू ऐश्वर्या के आंसू, सास राबड़ी पर लगाया मारपीट का आरोप

क्या है राम किशोर सिंह पर आरोप?
राम किशोर सिंह पर बीपीएससी 56 वीं और 59 वीं बैच के लिखित परीक्षा में पास उम्मीदवारों से इंटरव्यू में ज्यादा नंबर देने के नाम पर 25 -25 लाख रुपये वसूलने का आरोप लगा था. विजिलेंस ने जांच के बाद इस साल प्राथमिकी भी दर्ज की थी. जिसके बाद मामला कोर्ट में चला गया.

पटना: बीपीएससी में नियुक्ति के नाम पर पैसे लेनदेन के आरोप में फंसे राम किशोर सिंह एक बार फिर से बीजेपी में शामिल हो गए. राम किशोर सिंह बीजेपी के एमएलसी रह चुके हैं. लेकिन, नीतीश कुमार के बीजेपी से अलग होने के बाद राम किशोर सिंह ने भी जेडीयू का दामन थाम लिया था.

नीतीश कुमार ने उन्हें बीपीएससी में चयन समिति का सदस्य बनाया. लेकिन, राम किशोर सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे. उन्हें सदस्य से इस्तीफा देना पड़ा. राम किशोर सिंह रविवार को बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे. मोबाइल से मिस कॉल के जरिए उन्होंने सदस्यता लेने की बात कही.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

जेडीयू ने बनाया था बीपीएससी का अध्यक्ष
बीजेपी से जेडीयू में जाने के बाद नीतीश कुमार ने राम किशोर सिंह को बीपीएससी में सदस्य बना कर तोहफा दिया था. लेकिन, भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरने के बाद राम किशोर सिंह को बीपीएससी की चयन समिति से इस्तीफा देना पड़ा. तब नीतीश कुमार से भी दूरियां बढ़ गई. ऐसे में एक बार फिर से उन्होंने बीजेपी का दामन थामने की बात कही.

'बीजेपी छोड़ना मेरी सबसे बड़ी भूल थी'
राम किशोर सिंह ने बीजेपी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल, जगन्नाथ गुप्ता और उनके समर्थकों को मोबाइल नंबर डायल कर सदस्यता लेने की सलाह दी. राम किशोर सिंह ने कहा कि बीजेपी छोड़ना मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल थी.

शीर्ष नेतृत्व करेगा सदस्यता पर विचार- अजफर शम्सी
हालांकि, राम किशोर सिंह के बीजेपी में शामिल होने की बात पर बीजेपी प्रवक्ता अजफर शम्सी ने कहा कि राम किशोर सिंह ने संस्था के लिए आवेदन दिया है तो पार्टी के नेता विचार करेंगे. अजफर शम्सी ने कहा कि बीजेपी ऐसी पार्टी है जिसे सब ज्वाइन करना चाहते हैं. लेकिन, अंतिम फैसला अभी तय नहीं है.

PATNA
अजफर शम्सी, बीजेपी प्रवक्ता

ये भी पढ़ें: फिर छलके लालू की बहू ऐश्वर्या के आंसू, सास राबड़ी पर लगाया मारपीट का आरोप

क्या है राम किशोर सिंह पर आरोप?
राम किशोर सिंह पर बीपीएससी 56 वीं और 59 वीं बैच के लिखित परीक्षा में पास उम्मीदवारों से इंटरव्यू में ज्यादा नंबर देने के नाम पर 25 -25 लाख रुपये वसूलने का आरोप लगा था. विजिलेंस ने जांच के बाद इस साल प्राथमिकी भी दर्ज की थी. जिसके बाद मामला कोर्ट में चला गया.

Intro:पटना-- बीपीएससी में नियुक्ति के नाम पर पैसे के लेनदेन के भ्रष्टाचार में फंसे जदयू नेता राम किशोर सिंह आज एक बार फिर से बीजेपी में शामिल हो गए। राम किशोर सिंह बीजेपी के एमएलसी रह चुके हैं लेकिन नीतीश कुमार के बीजेपी से अलग होने के बाद राम किशोर सिंह भी जदयू में चले गए। नीतीश कुमार ने उन्हें बीपीएससी में चयन समिति का सदस्य बनाया लेकिन राम किशोर सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे और उन्हें सदस्य से इस्तीफा देना पड़ा। राम किशोर सिंह आज बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे और मोबाइल से मिस कॉल मार कर उन्होंने सदस्यता लेने की बात कही।
देखिए खास रिपोर्ट


Body:वीओ1
बीजेपी से जदयू में जाने के बाद नीतीश कुमार ने राम किशोर सिंह को बीपीएससी मे selection committee के सदस्य बना कर तोहफा दिया था । लेकिन भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरने के बाद राम किशोर सिंह को बीपीएससी के चयन समिति की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा और नीतीश कुमार से भी दूरियां बढ़ गई ऐसे में एक बार फिर से उन्होंने बीजेपी का दामन थामने की बात कही है । राम किशोर सिंह आज बीजेपी कार्यालय में जब प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल जगन्नाथ गुप्ता और उनके समर्थकों को मोबाइल नंबर डायल कर सदस्यता लेने की सलाह दे रहे थे उसी समय सदस्यता लेने की बात कही । राम किशोर सिंह ने कहा कि बीजेपी छोड़ना मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल थी।
बाईट--राम किशोर सिंह, बीपीएससी में भ्रष्टाचार में घीरे पूर्व एमएलसी
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बीपीएससी में भ्रष्टाचार के आरोप पर राम किशोर सिंह ने सफाई देते हुए कहा जो सफाई करता है उसी पर आरोप लगता है आज बीपीएससी सबसे साफ-सुथरी संस्था बन चुकी है।
बाईट--राम किशोर सिंह, बीपीएससी में भ्रष्टाचार में घिरे पूर्व एमएलसी
वीओ3
हालांकि बीजेपी प्रवक्ता अजहर शमसी ने कहा यदि राम किशोर सिंह ने संस्था के लिए आवेदन दिया है तो पार्टी नेता विचार करेंगे।
बाईट--अजफर शमसी, प्रवक्ता बीजेपी


Conclusion: भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप में घिरे राम किशोर सिंह पर गिरफ्तारी की भी तलवार लटकी है ऐसे में उन्होंने अपने पुराने पार्टी बीजेपी का फिर से दामन थामने की बात कही है लेकिन अब देखना है बीजेपी नेतृत्व उनकी सदस्यता को लेकर किस तरह का फैसला लेते हैं।
राम किशोर सिंह पर बीपीएससी 56 वीं और 59 वीं बैच के लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवारों से साक्षात्कार में अधिक अंक दिलाने के नाम पर 25 -25 लाख लेने का आरोप लगा था विजिलेंस ने जांच के बाद इस साल प्राथमिकी भी दर्ज की थी मामला कोर्ट में चला गया हाईकोर्ट ने प्राथमिकी रद्द करने से इनकार भी कर दिया था लेकिन पूरे मामले की जांच चल रही है।
अविनाश, पटना।
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