पटना: आरजेडी ने अपने दफ्तर के बाहर रामचरितमानस की चौपाई लिखी पोस्टर लिखकर विवाद को और गहरा दिया है. इस मामले को सुशील मोदी ने समाज को बांटने वाला 'चरित्र' बताया है. उन्होंने कहा कि इस तरह आरजेडी समाज में अगड़े और पिछड़े की लड़ाई की साजिश रच रहा है. जबकि हकीकत ये है कि आरजेडी ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बायन का समर्थन करके पूरे हिन्दू समाज को आहत किया है.
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शिक्षा मंत्री के विरुद्ध 30 जिलों में दायर हुए मुकदमे: राज्यसभा के सांसद सुशील मोदी ने कहा कि 'मानस' में सभी हिंदुओं की आस्था है. आज मंडल-कमंडल दोनों भाजपा के साथ हैं. अब लालू प्रसाद बिहार को 1990 के दौर में नहीं लौटा सकेंगे. वह जमाना लद चुका है. उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर के विरुद्ध 30 से अधिक जिलों की सीजेएम अदालत में धारा 153-ए, 153-बी, 205-ए और 505 के तहत मुकदमे दर्ज हो चुके हैं.
धार्मिक भावनाएं आहत करने पर सजा का प्रावधान: सुशील मोदी ने कहा कि भारतीय दंड विधान संहिता की इन धाराओं के अन्तर्गत बोल कर या लिख कर धार्मिक भावनाएँ आहत करने, समाज में धर्म-जाति के आधार नफरत फैलाने और राष्ट्रीय अखंडता पर चोट करने जैसे अपराध में तीन साल तक के कारावास, जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है.
नीतीश और तेजस्वी ने क्यों नहीं की निंदा? : उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर के विरुद्ध दायर ये मुकदमें कई संवेदनशील व्यक्तियों एवं सामाजिक संगठनों की ओर से दायर किये गए हैं. पूरे हिंदू समाज में रोष है, लेकिन नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने ऐसे बयान की निंदा तक नहीं की. मोदी ने कहा कि भाजपा महिला मोर्चा की ओर से हर जिले में मानस पाठ कर मानस-विरोधी शिक्षा मंत्री के लिए सद्बुद्धि की कामनाएँ की जा रही हैं.
आरजेडी का बीजेपी पर पोस्टरवार: गौरतलब है कि आरजेडी दफ्तर के बाहर लगे बोर्ड में वह चौपाई भी लिखी गई है जो शिक्षा चंद्रशेखर ने अपने बयान में कहा था. पोस्टर में लिखा गया है कि 85 फीसदी हिंदुओं का अपमान कब तक सहेगा हिंदुस्तान? क्या भाजपा को पचासी परसेंट हिंदुओं यानी दलित, अति पिछड़े का अपमान मंजूर है बताएं भाजपा एंड..''