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मिशन रफ्तार: ट्रेनों की सुरक्षित परिचालन के लिए स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली से लैस होंगे रेलवे स्टेशन

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Published : Dec 18, 2022, 8:19 PM IST

भारतीय रेलवे मिशन रफ्तार (Indian Railway Mission Raftaar) के तहत इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग इंटरलॉकिंग सिस्टम को मजबूत कर रही है, ताकि ट्रेनों की गति बढ़ाया जा सके. इसके साथ ही सुरक्षित ट्रेन परिचालन में भी यह सिस्टम उपयोगी साबित होगा. पढ़ें पूरी खबर...

स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली
स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली

पटना: पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) ट्रेनों की गति तेज करने और सुरक्षित सफर के लिए सिग्नल सिस्टम को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य कर रही है. सुरक्षित ट्रेन परिचालन के लिए सिग्नलिंग सिस्टम को आधुनिकीकरण किया जा रहा है. अब तक 464 स्टेशनों में से 162 स्टेशनों को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग इंटरलॉकिंग सिस्टम से स्टेशनों को लैस किया जा चुका है. बिजी रेल मार्गों पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली को (Automatic Block Signaling System) लगाया गया है. 'कवच' प्रणाली नाम के सिस्टम का भी उपयोग किया जा रहा है, जो आपता स्थित में खतरे की सूचना तत्काल लोको पालयट को देगी.

यह भी पढ़ें: कुहासे के दिनों में स्वविवेक से ट्रेनों का परिचालन करते हैं लोको पायलट

मिशन रफ्तार के तहत हो रहा कार्य: दरअसल, भारतीय रेलवे मिशन रफ्तार के तहत सिग्नल सिस्टम को मजबूत करने को लेकर कार्य कर रही है. पूर्व मध्य रेल के कई रेलखंडों को लैस करने के लिए वर्तमान में यह प्रणाली प्रारंभिक चरण में है. अभी एब्सल्यूट ब्लाक सिस्टम (परंपरागत) के तहत कार्य चल रहा है. जिसमें एक ब्लाक सेक्शन में ट्रेन के अगले स्टेशन पर पहुंच जाने के बाद ही पीछे वाली ट्रेन को आगे बढ़ने के लिए ग्रीन सिग्नल मिलता है. जिससे खाली रेल लाइनों की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है.

आपात स्थिति में मिलेगा तत्काल सूचना: पूर्व मध्य रेल के विभिन्न रेलखंड पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली के साथ-साथ ‘कवच‘ प्रणाली से भी युक्त किया जाएगा. इससे ट्रेनों के आवागमन में काफी आसानी होने के साथ ही यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी. ‘कवच‘ प्रणाली किसी भी आपात स्थिति में स्टेशन और लोको ड्राईवर को तत्काल कार्रवाई के लिए सचेत करने, साइड-टक्कर, आमाने-सामाने की टक्कर और पीछे से होने वाली टक्करों की रोकथाम करने में यह प्रणाली पूर्णत सक्षम है.

पटना: पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) ट्रेनों की गति तेज करने और सुरक्षित सफर के लिए सिग्नल सिस्टम को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य कर रही है. सुरक्षित ट्रेन परिचालन के लिए सिग्नलिंग सिस्टम को आधुनिकीकरण किया जा रहा है. अब तक 464 स्टेशनों में से 162 स्टेशनों को आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग इंटरलॉकिंग सिस्टम से स्टेशनों को लैस किया जा चुका है. बिजी रेल मार्गों पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली को (Automatic Block Signaling System) लगाया गया है. 'कवच' प्रणाली नाम के सिस्टम का भी उपयोग किया जा रहा है, जो आपता स्थित में खतरे की सूचना तत्काल लोको पालयट को देगी.

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मिशन रफ्तार के तहत हो रहा कार्य: दरअसल, भारतीय रेलवे मिशन रफ्तार के तहत सिग्नल सिस्टम को मजबूत करने को लेकर कार्य कर रही है. पूर्व मध्य रेल के कई रेलखंडों को लैस करने के लिए वर्तमान में यह प्रणाली प्रारंभिक चरण में है. अभी एब्सल्यूट ब्लाक सिस्टम (परंपरागत) के तहत कार्य चल रहा है. जिसमें एक ब्लाक सेक्शन में ट्रेन के अगले स्टेशन पर पहुंच जाने के बाद ही पीछे वाली ट्रेन को आगे बढ़ने के लिए ग्रीन सिग्नल मिलता है. जिससे खाली रेल लाइनों की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पाता है.

आपात स्थिति में मिलेगा तत्काल सूचना: पूर्व मध्य रेल के विभिन्न रेलखंड पर स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली के साथ-साथ ‘कवच‘ प्रणाली से भी युक्त किया जाएगा. इससे ट्रेनों के आवागमन में काफी आसानी होने के साथ ही यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी. ‘कवच‘ प्रणाली किसी भी आपात स्थिति में स्टेशन और लोको ड्राईवर को तत्काल कार्रवाई के लिए सचेत करने, साइड-टक्कर, आमाने-सामाने की टक्कर और पीछे से होने वाली टक्करों की रोकथाम करने में यह प्रणाली पूर्णत सक्षम है.

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