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पुलवामा आतंकी हमले की तीसरी बरसी: शहीद हुए थे बिहार के दो लाल, जानिए देशभक्तों के गौरवगाथा की कहानी - Two soldiers of Bihar martyred in Pulwama attack

आज पुलवामा आतंकी हमले की तीसरी बरसी है. 14 फरवरी, 2019 को हुई इस आतंकी घटना के तीन बरस बीत चुके हैं. इस हमले में बिहार के भी दो जवान शहीद हुए थे. भागलपुर के जवान रतन ठाकुर (Sahid Ratan Kumar Thakur From Bhagalpur) और पटना के मसौढ़ी के संजय सिन्हा (Shaheed Sanjay Sinha From Masaurhi ) को पूरा देश नमन कर रहा है.

Pulwama Terror Attack Third Anniversary
Pulwama Terror Attack Third Anniversary
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Published : Feb 14, 2022, 1:01 PM IST

Updated : Feb 14, 2022, 2:13 PM IST

पटना: 14 फरवरी 2022 को पुलवामा आतंकी हमले की तीसरी बरसी (Pulwama Terror Attack Third Anniversary) है. इस दिन सीआरपीएफ जवानों के बलिदान को पूरा देश याद करता है. 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था, इस हमले में सुरक्षा बलों को ले जा रही एक बस में IED लदी गाड़ी से टक्कर मारी गई थी. आतंकियों के इस कायराना करतूत में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे. जिसमें बिहार के 2 जवान भागलपुर के जवान रतन कुमार ठाकुर और मसौढ़ी के जवान संजय सिन्हा भी शामिल थे.

पढ़ें- रतनपुर गांव पहुंचे CM नीतीश, शहीद रतन ठाकुर को दी श्रद्धांजलि

भागलपुर के लाल हुए थे शहीद: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में भागलपुर निवासी सीआरपीएफ जवान रतन ठाकुर वीरगति को प्राप्त हुए थे. शहीद रतन ठाकुर का पूरा परिवार आज भी उस मंजर को याद कर फफक पड़ता है. पिता उस दिन को याद कर कहते हैं कि, घटना हुई थी तो कंट्रोल रूम से फोन आया कि रतन का कोई अन्य नंबर है क्या? जो नंबर है वो बंद बता रहा है. कंट्रोल रूम से फोन कुछ घटना होने के बाद ही आती है. इसके बाद रतन ठाकुर के पिता बेचैन होने लगे. शहीद रतन के पिता ने सीओ से कई बार पूछा कि कुछ बात है तो बताइए. लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई. फिर उन्होंने टीवी पर न्यूज देखा तो वे समझ गए कि, उनका सपूत अब नहीं रहा. दूसरे दिन सुबह सात बजे फोन कर घटना के बारे में बताया गया और कहा गया कि रतन का पार्थिव शरीर निकल गया है.

पढ़ें- एयर स्ट्राइक पर बोलीं शहीद रतन ठाकुर की पत्नी- इसी तरह पूरे पाक को खत्म कर देना चाहिए

शहीद रतन के दो बेटे हैं. एक बेटा कृष्णा 6 वर्ष का है तो दूसरा रामचरित 3 वर्ष का है. हमले के वक्त रामचरित मां की कोख में था. उस समय कृष्णा 3 वर्ष का था. कृष्णा ने ही अपने पिता को मुखाग्नि दी थी. वो अभी माउंट असीसी स्कूल में पहली कक्षा का छात्र है. कृष्णा अपने पिता की तरह ही फौजी बनना चाहता है.

पटना (मसौढ़ी) के वीर संजय सिंहा: देश की खातिर शहीदों ने अपनी जान देकर देश का मान बढ़ाया है. ऐसे ही एक शहीद की कहानी पटना के मसौढ़ी से जुड़ी है. हम बात शहीद संजय सिन्हा की कर रहे हैं जो पुलवामा हमले में शहीद हुए थे. शहीद संजय सिन्हा देशभक्ति के जज्बे के कारण सीआरपीएफ में भर्ती हुए. मसौढ़ी के इस वीर सपूत ने कई सालों तक देश की सेवा की. लेकिन एक पल ऐसा भी आया यह वीर सपूत देश की खातिर पुलवामा में शहीद हो गया.

पढ़ें- पुलवामा आतंकी हमले में शहीद संजय सिन्हा पर बनी भोजपुरी फिल्म रिलीज, 3 बच्चों की संघर्ष की है कहानी

उस पल ने सबकी आंखों को नम कर दिया था. देश को इस वीर सपूत पर नाज रहेगा. पुलवामा में आतंकियों की कायराना हरकत ने देश को झकझोर दिया था. हालांकि सरकार ने जवाबी करवाई में कई बड़े फैसले लिए. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का भारत ने बदला भी लिया. भारतीय वायुसेना ने LOC पर जैश के आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया था, जिसमें 200 से 300 आतंकी मारे गए थे. इस हमले की शहीद जवानों के परिजनों ने सराहना की थी. लेकिन आज भी इन परिवारों को अपने को खोने का दर्द रुला जाता है. नम आंखों से सभी इन्हें याद कर रहे हैं. आज भी परिवार इन्हें याद कर फफक पड़ता है. ईटीवी भारत भी देश के इन वीर जवानों को शत-शत नमन करता है.

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पटना: 14 फरवरी 2022 को पुलवामा आतंकी हमले की तीसरी बरसी (Pulwama Terror Attack Third Anniversary) है. इस दिन सीआरपीएफ जवानों के बलिदान को पूरा देश याद करता है. 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था, इस हमले में सुरक्षा बलों को ले जा रही एक बस में IED लदी गाड़ी से टक्कर मारी गई थी. आतंकियों के इस कायराना करतूत में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे. जिसमें बिहार के 2 जवान भागलपुर के जवान रतन कुमार ठाकुर और मसौढ़ी के जवान संजय सिन्हा भी शामिल थे.

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भागलपुर के लाल हुए थे शहीद: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में भागलपुर निवासी सीआरपीएफ जवान रतन ठाकुर वीरगति को प्राप्त हुए थे. शहीद रतन ठाकुर का पूरा परिवार आज भी उस मंजर को याद कर फफक पड़ता है. पिता उस दिन को याद कर कहते हैं कि, घटना हुई थी तो कंट्रोल रूम से फोन आया कि रतन का कोई अन्य नंबर है क्या? जो नंबर है वो बंद बता रहा है. कंट्रोल रूम से फोन कुछ घटना होने के बाद ही आती है. इसके बाद रतन ठाकुर के पिता बेचैन होने लगे. शहीद रतन के पिता ने सीओ से कई बार पूछा कि कुछ बात है तो बताइए. लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई. फिर उन्होंने टीवी पर न्यूज देखा तो वे समझ गए कि, उनका सपूत अब नहीं रहा. दूसरे दिन सुबह सात बजे फोन कर घटना के बारे में बताया गया और कहा गया कि रतन का पार्थिव शरीर निकल गया है.

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शहीद रतन के दो बेटे हैं. एक बेटा कृष्णा 6 वर्ष का है तो दूसरा रामचरित 3 वर्ष का है. हमले के वक्त रामचरित मां की कोख में था. उस समय कृष्णा 3 वर्ष का था. कृष्णा ने ही अपने पिता को मुखाग्नि दी थी. वो अभी माउंट असीसी स्कूल में पहली कक्षा का छात्र है. कृष्णा अपने पिता की तरह ही फौजी बनना चाहता है.

पटना (मसौढ़ी) के वीर संजय सिंहा: देश की खातिर शहीदों ने अपनी जान देकर देश का मान बढ़ाया है. ऐसे ही एक शहीद की कहानी पटना के मसौढ़ी से जुड़ी है. हम बात शहीद संजय सिन्हा की कर रहे हैं जो पुलवामा हमले में शहीद हुए थे. शहीद संजय सिन्हा देशभक्ति के जज्बे के कारण सीआरपीएफ में भर्ती हुए. मसौढ़ी के इस वीर सपूत ने कई सालों तक देश की सेवा की. लेकिन एक पल ऐसा भी आया यह वीर सपूत देश की खातिर पुलवामा में शहीद हो गया.

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उस पल ने सबकी आंखों को नम कर दिया था. देश को इस वीर सपूत पर नाज रहेगा. पुलवामा में आतंकियों की कायराना हरकत ने देश को झकझोर दिया था. हालांकि सरकार ने जवाबी करवाई में कई बड़े फैसले लिए. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का भारत ने बदला भी लिया. भारतीय वायुसेना ने LOC पर जैश के आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया था, जिसमें 200 से 300 आतंकी मारे गए थे. इस हमले की शहीद जवानों के परिजनों ने सराहना की थी. लेकिन आज भी इन परिवारों को अपने को खोने का दर्द रुला जाता है. नम आंखों से सभी इन्हें याद कर रहे हैं. आज भी परिवार इन्हें याद कर फफक पड़ता है. ईटीवी भारत भी देश के इन वीर जवानों को शत-शत नमन करता है.

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Last Updated : Feb 14, 2022, 2:13 PM IST
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