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'शिखर धवन की चोट पर चिंता और मासूमों की मौत पर चुप्पी, दिखाती है PM मोदी की संवेदनहीनता'

बिहार चमकी बुखार को लेकर पूरे देश में सुर्खियों में है. लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी बच्चों की मौत पर कोई ट्वीट न कर संवेदना नहीं जताया है. इसको लेकर लोगों ने प्रतिक्रिया दी है.

पटना
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Published : Jun 21, 2019, 9:45 PM IST

पटना: बिहार में एईएस से सैकड़ों बच्चों की मौत पर पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मामले में अभी तक कोई बयान नहीं दिया है. इसको लेकर राजधानी के लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. लोगों ने कहा कि मासूमों की मौत पर पीएम का खामोश रहना संवेदनहीनता वाला नजर आ रहा है.

लोगों ने कहा कि नेताओं को सिर्फ चुनाव के वक्त चिंता आती है. प्रधानमंत्री जी को कम से कम इस मामले में पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जतानी चाहिए थी. वह एक तरफ शिखर धवन की चोट पर ट्वीट कर देते हैं. योग दिवस के मौके पर झारखंड पहुंच जाते हैं. लेकिन मुजफ्फरपुर में सैकड़ों बच्चों की मौत पर उन्होंने न ही एक ट्वीट किए और न ही यहां आएं.

लोगों का बयान

'सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की जरूरत'
लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर विश्व में आर्किटेक्ट के क्षेत्र में एक नया इतिहास बना सकते हैं. इसी तरह उन्हे स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाना चाहिए. इस अस्पताल का पूरे विश्व में एक अलग मुकाम हो. प्रधानमंत्री के इस रवैया को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है. उन्होंने इस घटना को लेकर अपनी संवेदना तक प्रकट नहीं किए.

एईएस से अब तक 173 बच्चों की मौत
बता दें कि मुजफ्फरपुर व आसपास के जिले में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की मौत का सिलसिला 20 दिनों से जारी है. चमकी बुखार से अब तक 173 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मुद्दों को लेकर पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. वहीं, डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी बीमारी की सटीक प्रकृति और कारण के बारे में अंधेरे में हैं. राज्य और केंद्र सरकारों के पास भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.

पटना: बिहार में एईएस से सैकड़ों बच्चों की मौत पर पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मामले में अभी तक कोई बयान नहीं दिया है. इसको लेकर राजधानी के लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. लोगों ने कहा कि मासूमों की मौत पर पीएम का खामोश रहना संवेदनहीनता वाला नजर आ रहा है.

लोगों ने कहा कि नेताओं को सिर्फ चुनाव के वक्त चिंता आती है. प्रधानमंत्री जी को कम से कम इस मामले में पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जतानी चाहिए थी. वह एक तरफ शिखर धवन की चोट पर ट्वीट कर देते हैं. योग दिवस के मौके पर झारखंड पहुंच जाते हैं. लेकिन मुजफ्फरपुर में सैकड़ों बच्चों की मौत पर उन्होंने न ही एक ट्वीट किए और न ही यहां आएं.

लोगों का बयान

'सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की जरूरत'
लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर विश्व में आर्किटेक्ट के क्षेत्र में एक नया इतिहास बना सकते हैं. इसी तरह उन्हे स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाना चाहिए. इस अस्पताल का पूरे विश्व में एक अलग मुकाम हो. प्रधानमंत्री के इस रवैया को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है. उन्होंने इस घटना को लेकर अपनी संवेदना तक प्रकट नहीं किए.

एईएस से अब तक 173 बच्चों की मौत
बता दें कि मुजफ्फरपुर व आसपास के जिले में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की मौत का सिलसिला 20 दिनों से जारी है. चमकी बुखार से अब तक 173 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मुद्दों को लेकर पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. वहीं, डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी बीमारी की सटीक प्रकृति और कारण के बारे में अंधेरे में हैं. राज्य और केंद्र सरकारों के पास भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.

Intro:एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चिमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में लगभग डेढ़ सौ के करीब बच्चों की मौत हो चुकी है और पूरे बिहार में लगभग यह आंकड़ा 200 के करीब पहुंच गया है. लेकिन इस पूरे मामले में अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है. प्रधानमंत्री वर्ल्ड कप टीम से शिखर धवन के बाहर होने पर ट्वीट कर देते हैं लेकिन मुजफ्फरपुर में लगभग डेढ़ सौ मासूमों की मौत पर दो शब्द सहानुभूति के नहीं जताते हैं. लगभग 10-15 दिनों से रोजाना 20-25 बच्चों की मौत की खबरें आ रही है लेकिन प्रधानमंत्री ने अभी तक टि्वटर फेसबुक या अपने किसी भाषण के माध्यम से ही दो शब्द संवेदना के नहीं कहे हैं. प्रधानमंत्री के इस संवेदनहीन रवैए पर हमने पटना के लोगों की राय जानी.


Body:अमूमन हर छोटे से बड़े मसले पर ट्वीट करने वाले हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुजफ्फरपुर में सैकड़ों बच्चों की मौत पर खामोश हैं. दो शब्द सहानुभूति की जताने में भी वह असमर्थ प्रतीत हो रहे हैं. प्रधानमंत्री के इस रवैए पर पटना के लोगों ने कहा कि यह बहुत ही संवेदनहीन रवैया है. नेताओं को लोगों की चिंता बस चुनाव के वक्त होती है उसके बाद वह भूल ही जाते हैं. लोगों ने कहा कि एक ही जगह इतने बच्चों की मौत यह एक बहुत बड़ी त्रासदी है और प्रधानमंत्री जी को कम से कम इस मामले में पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जतानी चाहिए थी और सहानुभूति प्रकट करते हुए कुछ कहना चाहिए था. लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री को बच्चों के देखने के लिए जाना चाहिए था और नहीं तो अभी से भी जल्द से जल्द जाना चाहिए क्योंकि उनकी जाने का अपना इंपैक्ट पड़ेगा. लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर विश्व में आर्किटेक्ट के क्षेत्र में एक नया इतिहास बना सकते हैं लेकिन उनको चाहिए था कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई सुपर स्पेशलिटी वाला अस्पताल बने जो कि पूरे विश्व में अलग हो. लोगों ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री का रवैया इस मामले में काफी संवेदनहीनता वाला नजर आ रहा है और वह शिखर धवन की चोट पर ट्वीट कर देते हैं लेकिन मासूमों की मौत पर खामोश रहते हैं यह अपने आप में एक गंभीर प्रश्न है. प्रधानमंत्री जी को सभी के प्रति एक भाव होना चाहिए था.


Conclusion:लोकसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी रैलियों में वोट मांगते हुए कहते थे कि आपका एक-एक वोट मोदी को जाएगा. उनका साफ कहना था कि आप कैंडिडेट को मत देखिए आप नरेंद्र मोदी को देखकर वोट कीजिए. लोगों ने नरेंद्र मोदी को दोबारा सत्ता में ला दिया. लेकिन अब लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि मुजफ्फरपुर में इतना बड़ा त्रासदी हो गया और प्रधानमंत्री ने अपनी संवेदना तक प्रकट नहीं की.
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