पटना: बिहार में एईएस से सैकड़ों बच्चों की मौत पर पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मामले में अभी तक कोई बयान नहीं दिया है. इसको लेकर राजधानी के लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. लोगों ने कहा कि मासूमों की मौत पर पीएम का खामोश रहना संवेदनहीनता वाला नजर आ रहा है.
लोगों ने कहा कि नेताओं को सिर्फ चुनाव के वक्त चिंता आती है. प्रधानमंत्री जी को कम से कम इस मामले में पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जतानी चाहिए थी. वह एक तरफ शिखर धवन की चोट पर ट्वीट कर देते हैं. योग दिवस के मौके पर झारखंड पहुंच जाते हैं. लेकिन मुजफ्फरपुर में सैकड़ों बच्चों की मौत पर उन्होंने न ही एक ट्वीट किए और न ही यहां आएं.
'सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की जरूरत'
लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर विश्व में आर्किटेक्ट के क्षेत्र में एक नया इतिहास बना सकते हैं. इसी तरह उन्हे स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाना चाहिए. इस अस्पताल का पूरे विश्व में एक अलग मुकाम हो. प्रधानमंत्री के इस रवैया को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है. उन्होंने इस घटना को लेकर अपनी संवेदना तक प्रकट नहीं किए.
एईएस से अब तक 173 बच्चों की मौत
बता दें कि मुजफ्फरपुर व आसपास के जिले में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की मौत का सिलसिला 20 दिनों से जारी है. चमकी बुखार से अब तक 173 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मुद्दों को लेकर पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. वहीं, डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी बीमारी की सटीक प्रकृति और कारण के बारे में अंधेरे में हैं. राज्य और केंद्र सरकारों के पास भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.