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कई क्रांतियों का गवाह है PU का व्हीलर सीनेट हॉल, नामचीन हस्तियां दे चुके हैं दस्तक - व्हीलर सीनेट हॉल

बिहार में संपूर्ण क्रांति की पूरी पटकथा इसी सीनेट हॉल में लिखी गई थी. पटना विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ लोकनायक जयप्रकाश नारायण और उस दौर के बड़े नेताओं की सभा व्हीलर सीनेट हॉल में हुआ करती थी.

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Published : Sep 11, 2019, 11:13 AM IST

पटना: पटना विश्वविद्यालय को उत्तर भारत का तीसरा सबसे बड़ा विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है. यह विश्वविद्यालय शैक्षणिक और सामाजिक आंदोलन का गढ़ रहा है. इसका इतिहास 100 साल पुराना है. इसके अतीत के आईने में आज भी कई यादें और इतिहास दफन है. इसी में से एक है पटना विश्वविद्यालय के प्रांगण में बने व्हीलर सीनेट हॉल, जिसमें कई क्रांति की कहानी लिखी गई है.

PATNA
व्हीलर सीनेट हॉल

व्हीलर सीनेट हॉल का निर्माण मुंगेर के तत्कालीन राजा देवकीनंदन सिंह ने कराया था. निर्माण कार्य में लगभग एक लाख 75 हजार रूपये खर्च हुए थे. 1925 में निर्माण प्रारंभ हुआ था और 1928 में इसका उद्घाटन बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री और उड़ीसा के गवर्नर सर हेनरी व्हीलर ने किया था. बनावट ऐसी की गई है कि हर कोने में सूर्य की रोशनी पहुंच जाती है.

PATNA
PU का व्हीलर सीनेट हॉल

कई बड़े नेता यहां कर चुके है सभा
बिहार में संपूर्ण क्रांति की पूरी पटकथा इसी सीनेट हॉल में लिखी गई थी. पटना विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ लोकनायक जयप्रकाश नारायण और उस दौर के बड़े नेताओं की सभा व्हीलर सीनेट हॉल में हुआ करती थी. देश भर के शायद ही कोई बड़े नेता होंगे, जिनकी यादें इस हॉल से नहीं जुड़ी होगी.

PATNA
दरभंगा हाउस

'विश्वविद्यालय का इतिहास काफी पुराना'
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी प्रसाद ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय में कई ऐतिहासिक भवन है. जिसका इतिहास काफी पुराना है. जिसमें एक दरभंगा हाउस है जो दरभंगा महाराज महाराज काममेश्वर सिंह का भवन था. इसमे अभी फिलहाल कई स्तर पर काम कर रहा है. दरभंगा हाउस जहां जवाहरलाल नेहरू आए थे और दरभंगा महाराज के साथ उन्होंने इसका शुभारंभ किया था. दरभंगा महाराज ने 1956 में इस भवन को पटना विश्वविद्यालय को सुपुर्द किया था. इस भवन के पूर्वी भाग में रानी और पश्चिमी भाग को राजा ब्लॉक कहा जाता है.

पेश है ये रिपोर्ट

'सभी क्षेत्रों के नामचीन हस्ती यहां दे चुके हैं दस्तक'
जानकार बताते हैं कि इस व्हीलर सीनेट हॉल में लगभग सभी क्षेत्रों के नामचीन हस्ती दस्तक दे चुके हैं. इसमें पंडित जवाहरलाल नेहरु, रविंद्र नाथ टैगोर, सरोजनी नायडू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, जयप्रकाश नारायण, सर सीवी रमन, जगदीश चंद्र बोस, मेघनाथ साहा, सत्येन्द्र नाथ बोस, गंगानाथ झा सहित कई नामचीन हस्ती यहां पर अपनी सभा कर चुके हैं. गौरतलब यह है कि पटना विश्वविद्यालय का व्हीलर सीनेट हॉल और दरभंगा हाउस इतिहास के कई याद को गोद में समेटे हुए है.

पटना: पटना विश्वविद्यालय को उत्तर भारत का तीसरा सबसे बड़ा विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है. यह विश्वविद्यालय शैक्षणिक और सामाजिक आंदोलन का गढ़ रहा है. इसका इतिहास 100 साल पुराना है. इसके अतीत के आईने में आज भी कई यादें और इतिहास दफन है. इसी में से एक है पटना विश्वविद्यालय के प्रांगण में बने व्हीलर सीनेट हॉल, जिसमें कई क्रांति की कहानी लिखी गई है.

PATNA
व्हीलर सीनेट हॉल

व्हीलर सीनेट हॉल का निर्माण मुंगेर के तत्कालीन राजा देवकीनंदन सिंह ने कराया था. निर्माण कार्य में लगभग एक लाख 75 हजार रूपये खर्च हुए थे. 1925 में निर्माण प्रारंभ हुआ था और 1928 में इसका उद्घाटन बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री और उड़ीसा के गवर्नर सर हेनरी व्हीलर ने किया था. बनावट ऐसी की गई है कि हर कोने में सूर्य की रोशनी पहुंच जाती है.

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PU का व्हीलर सीनेट हॉल

कई बड़े नेता यहां कर चुके है सभा
बिहार में संपूर्ण क्रांति की पूरी पटकथा इसी सीनेट हॉल में लिखी गई थी. पटना विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ लोकनायक जयप्रकाश नारायण और उस दौर के बड़े नेताओं की सभा व्हीलर सीनेट हॉल में हुआ करती थी. देश भर के शायद ही कोई बड़े नेता होंगे, जिनकी यादें इस हॉल से नहीं जुड़ी होगी.

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दरभंगा हाउस

'विश्वविद्यालय का इतिहास काफी पुराना'
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी प्रसाद ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय में कई ऐतिहासिक भवन है. जिसका इतिहास काफी पुराना है. जिसमें एक दरभंगा हाउस है जो दरभंगा महाराज महाराज काममेश्वर सिंह का भवन था. इसमे अभी फिलहाल कई स्तर पर काम कर रहा है. दरभंगा हाउस जहां जवाहरलाल नेहरू आए थे और दरभंगा महाराज के साथ उन्होंने इसका शुभारंभ किया था. दरभंगा महाराज ने 1956 में इस भवन को पटना विश्वविद्यालय को सुपुर्द किया था. इस भवन के पूर्वी भाग में रानी और पश्चिमी भाग को राजा ब्लॉक कहा जाता है.

पेश है ये रिपोर्ट

'सभी क्षेत्रों के नामचीन हस्ती यहां दे चुके हैं दस्तक'
जानकार बताते हैं कि इस व्हीलर सीनेट हॉल में लगभग सभी क्षेत्रों के नामचीन हस्ती दस्तक दे चुके हैं. इसमें पंडित जवाहरलाल नेहरु, रविंद्र नाथ टैगोर, सरोजनी नायडू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, जयप्रकाश नारायण, सर सीवी रमन, जगदीश चंद्र बोस, मेघनाथ साहा, सत्येन्द्र नाथ बोस, गंगानाथ झा सहित कई नामचीन हस्ती यहां पर अपनी सभा कर चुके हैं. गौरतलब यह है कि पटना विश्वविद्यालय का व्हीलर सीनेट हॉल और दरभंगा हाउस इतिहास के कई याद को गोद में समेटे हुए है.

Intro:पटना विश्वविद्यालय का व्हीलर सीनेट हॉल कई क्रांतियों का रहा है गवाह,
लोकनायक जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति की पूरी पटकथा सीनेट हॉल से शुरू हुई थी ,

रविंद्र नाथ टैगोर, रामधारी सिंह दिनकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू, जगदीश चंद्र बोस, मेघनाथ साहा, सत्येंद्र नाथ बोस, गंगानाथ झा आदी कई महापुरुष सीनेट हॉल में सभा कर चुके है


Body: पूरे उत्तर भारत में यह देश का तिसरा सबसे बड़ा विश्वविद्यालय पटना विश्वविद्यालय रहा है, जहां पर शैक्षणिक और सामाजिक आंदोलन का गढ़ रहा था, पटना विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास 100 साल पुराना है जिसके अतीत के आईने में आज भी कई यादें और इतिहास दफन है ऐसे में ही एक है पटना विश्वविद्यालय के प्रांगण में बने व्हीलर सीनेट हॉल का

व्हीलर सीनेट हॉल का निर्माण मुंगेर के तत्कालीन राजा देवकीनंदन सिंह ने कराया था, लगभग ₹1 लाख 75 हजार उसके निर्माण में खर्च हुए थे, 1925 में निर्माण प्रारंभ हुआ था, 1928 में इसका उद्घाटन तत्कालीन बिहार और उड़ीसा के गवर्नर सर हेनरी व्हीलर ने किया था, बनावट ऐसी की हर कोने में सूर्य की रोशनी पहुंच जाती हैं,

बिहार में संपूर्ण क्रांति की पूरी पटकथा इसी सीनेट हॉल में लिखी गई थी, पटना विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ लोकनायक जयप्रकाश नारायण और उस दौर के बड़े नेताओं की सभा व्हीलर सीनेट हॉल में होती थी, पटना विश्वविद्यालय यह व्हीलर सीनेट हॉल आज विरोध प्रदर्शन का पसंदीदा स्थल रहा है, देश भर के शायद ही कोई बड़े नेता होंगे जिनकी यादें इससे से नहीं जुड़ी होगी,
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रासबिहारी प्रसाद ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय में कई ऐतिहासिक भवन है,जिसका इतिहास पुराना है,जिसमे एक दरभंगा हाउस है जो दरभंगा महाराज महाराज काममेश्वर सिंह का भवन भी है,जिस पर अभी फिलहाल कई स्तर पर काम कर रहा है,सरकार का सहयोग मिल रहा है, दरभंगा हाउस जहां जवाहरलाल नेहरू आए थे और दरभंगा महाराज के साथ लंच किया था, दरभंगा महाराज ने 1956 में पटना विश्वविद्यालय को सुपुर्द किया था, भवन के पूर्वी भाग में रानी और पश्चिमी भाग को राजा ब्लॉक कहा जाता है, दोनों ब्लॉक को काली मंदिर अलग करता है
राजा और रानी चौक में घाट से जाने के लिए सिढीयां बनी है मरम्मत कार्य के लिए कई दशक बाद सिढीयों के दरवाजे खोले गए हैं
बहरहाल बताया जाता है कि इस व्हीलर सीनेट हॉल में कमोबेश हर क्षेत्र के नामचीन हस्ती दस्तक दे चुके हैं, पंडित जवाहरलाल नेहरु, रविंद्र नाथ टैगोर, सरोजनी नायडू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, जयप्रकाश नारायण, सर सी वी रमन, जगदीश चंद्र बोस, मेघनाथ साहा,सत्येन्द्र नाथ बोस, गंगानाथ झा आदि यहां अपनी सभा कर चुके हैं


Conclusion:गौरतलब है कि पटना विश्वविद्यालय का व्हीलर सीनेट हॉल और दरभंगा हाउस कई मायनो में ऐतिहासिक हैं और कई यादो को गोद में समेटे हुए हैं,



इंटरव्यू:-
प्रो.रासबिहारी
कुलपती, पटना विश्वविद्यालय
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