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पटना विश्वविद्यालय का सैदपुर हॉस्टल बना असामाजिक तत्वों का अड्डा, सुरक्षा राम भरोसे

पटना विश्वविद्यालय का सैदपुर हॉस्टल इन दिनों असामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है. बिना एलॉटमेंट के भी कई छात्र यहां अवैध रूप से रह रहे हैं. इस पर ना तो प्रशासन का ही ध्यान जा रहा है और ना ही विश्वविद्यालय प्रशासन ही कोई ठोस कदम उठा रहा है.

पटना विश्वविद्यालय सैदपुर हॉस्टल
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Published : Jul 27, 2019, 2:22 PM IST

पटना: जिले के पटना विश्वविद्यालय के सैदपुर कैंपस और हॉस्टल की सुरक्षा इन दिनों राम भरोसे है. ये असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है. बिना एलॉटमेंट के ही यहां कई छात्र अवैध रूप से रह रहे हैं, इस पर न तो प्रशासन का ध्यान जा रहा है और ना ही विश्वविद्यालय प्रशासन कोई ठोस कदम उठा रहा है.

36 आर्म्स फोर्स की तैनाती का प्रस्ताव
आए दिन राजधानी पटना में कई तरह के अपराधिक घटनाओं में सैदपुर हॉस्टलों में रहने वाले लड़कों के भी नाम आ रहे हैं जो कि इस हॉस्टल के छात्र नहीं होते है. पीयू प्रशासन ने हाल में ही 36 आर्म्स फोर्स की तैनाती का प्रस्ताव तैयार किया है, जो तीन शिफ्ट में यानी एक शिफ्ट में 12 आर्म्स फोर्स गार्ड की तैनाती रहेगी. कुछ दिनों पहले सैदपुर कैंपस में छापेमारी कर लौटी टीम ने यह प्रस्ताव तैयार किया है और उसे कुलपति प्रोफेसर रास बिहारी के समक्ष रखा गया है. इसके लिए फाइनेंस कमिटी की स्वीकृति भी जरूरी होगी.

पीयू का सैदपुर हॉस्टल बना असामाजिक तत्वों का अड्डा

स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन नहीं दिखती सक्रिय
पटना विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर नागेंद्र कुमार झा ने कहा कि जब तक यहां आम लोगों का आना-जाना बंद नहीं होगा तब तक यह संभव नहीं है. यहां कुछ लोगों ने मकान बना लिया है उनका रास्ता रोका नहीं जा सकता. प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन का भी उस तरह से सहयोग नहीं है इसलिए बिना रोक-टोक के लोग आते जाते हैं. पूरे कैंपस में दो ही गार्ड हैं वे सब से लड़ने में सक्षम नहीं है लेकिन बहुत जल्द एक कमेटी के तहत सैदपुर कैंपस की सुरक्षा के लिए 36 आर्म्स फोर्स की तैनाती की जा रही है.

पटना सीनियर एसपी को भी पत्र लिखा गया है. जिलाधिकारी को भी इस संबंध में जानकारी दे दी गई है. राजधानी पटना में इन दिनों सैदपुर हॉस्टल सुर्खियों में है. राजधानी में जब कभी भी कहीं कोई घटना होती है तो सबसे पहले पुलिस सैदपुर हॉस्टल पर छापेमारी करती है. पुलिस को ऐसा अंदेशा है कि कैंपस में कई असामाजिक छात्र रहते हैं. इसके बावजूद स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन कभी भी इस संबंध में सक्रिय नहीं दिखती हैं

पटना: जिले के पटना विश्वविद्यालय के सैदपुर कैंपस और हॉस्टल की सुरक्षा इन दिनों राम भरोसे है. ये असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है. बिना एलॉटमेंट के ही यहां कई छात्र अवैध रूप से रह रहे हैं, इस पर न तो प्रशासन का ध्यान जा रहा है और ना ही विश्वविद्यालय प्रशासन कोई ठोस कदम उठा रहा है.

36 आर्म्स फोर्स की तैनाती का प्रस्ताव
आए दिन राजधानी पटना में कई तरह के अपराधिक घटनाओं में सैदपुर हॉस्टलों में रहने वाले लड़कों के भी नाम आ रहे हैं जो कि इस हॉस्टल के छात्र नहीं होते है. पीयू प्रशासन ने हाल में ही 36 आर्म्स फोर्स की तैनाती का प्रस्ताव तैयार किया है, जो तीन शिफ्ट में यानी एक शिफ्ट में 12 आर्म्स फोर्स गार्ड की तैनाती रहेगी. कुछ दिनों पहले सैदपुर कैंपस में छापेमारी कर लौटी टीम ने यह प्रस्ताव तैयार किया है और उसे कुलपति प्रोफेसर रास बिहारी के समक्ष रखा गया है. इसके लिए फाइनेंस कमिटी की स्वीकृति भी जरूरी होगी.

पीयू का सैदपुर हॉस्टल बना असामाजिक तत्वों का अड्डा

स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन नहीं दिखती सक्रिय
पटना विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर नागेंद्र कुमार झा ने कहा कि जब तक यहां आम लोगों का आना-जाना बंद नहीं होगा तब तक यह संभव नहीं है. यहां कुछ लोगों ने मकान बना लिया है उनका रास्ता रोका नहीं जा सकता. प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन का भी उस तरह से सहयोग नहीं है इसलिए बिना रोक-टोक के लोग आते जाते हैं. पूरे कैंपस में दो ही गार्ड हैं वे सब से लड़ने में सक्षम नहीं है लेकिन बहुत जल्द एक कमेटी के तहत सैदपुर कैंपस की सुरक्षा के लिए 36 आर्म्स फोर्स की तैनाती की जा रही है.

पटना सीनियर एसपी को भी पत्र लिखा गया है. जिलाधिकारी को भी इस संबंध में जानकारी दे दी गई है. राजधानी पटना में इन दिनों सैदपुर हॉस्टल सुर्खियों में है. राजधानी में जब कभी भी कहीं कोई घटना होती है तो सबसे पहले पुलिस सैदपुर हॉस्टल पर छापेमारी करती है. पुलिस को ऐसा अंदेशा है कि कैंपस में कई असामाजिक छात्र रहते हैं. इसके बावजूद स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन कभी भी इस संबंध में सक्रिय नहीं दिखती हैं

Intro:पटना विश्वविद्यालय का सैदपुर कैंपस एवं हॉस्टल की सुरक्षा है राम भरोसे
न तो प्रशासन ध्यान दे रहा है और ना ही विश्वविद्यालय प्रशासन इनदिनों सैदपुर कैंपस असामाजिक तत्वों का बना हुआ है अड्डा


Body:पटना विश्वविद्यालय का सैदपुर कैंपस और उसके हॉस्टलों की सुरक्षा इन दिनों राम भरोसे हैं, क्योंकि ना तो प्रशासन के द्वारा ही उस और ध्यान दिया जा रहा है और ना ही विश्वविद्यालय प्रशासन ही कुछ ठोस पहल कर पा रही है
हॉस्टल का हाल यह है कि बिना एलॉटमेंट के भी वहां कई छात्र अवैध रूप से रह रहे हैं और उनके साथ कई बाहरी लोग भी बड़े आराम से रह रहे हैं
आए दिन राजधानी पटना में कई तरह के अपराधिक घटनाओं में सैदपुर हॉस्टलों में रहने वाले लड़कों के भी नाम आ रहे हैं जो कि इस हॉस्टल के वह छात्र नहीं होते है।

बताया जाता है कि सैदपुर कैंपस में असामाजिक तत्वों का प्रवेश इन दिनों जारी है
पीयू प्रशासन ने हाल मे ही वहां 36 आर्म्स फोर्स की तैनाती का प्रस्ताव दिया गया है, जो तीन शिफ्ट में यानी एक शिफ्ट में 12 आर्म्स फोर्स गार्ड की तैनाती रहेगी,पीयू प्रशासन ने कुछ दिन पूर्व सैदपुर कैंपस में छापामारी कर लौटी टीम ने भी यह प्रस्ताव तैयार किया है और उसे कुलपति प्रोफेसर रास बिहारी के समक्ष रखा है,हलांकी इन पर अच्छी खासी राशि का खर्च भी उनके वेतन पर आएगा
इसके लिए फाइनेंस कमिटी की स्वीकृति भी जरूरी होगी लेकिन यहां सवाल यह है कि क्या इसके बाद भी उक्त कैंपस की सुरक्षा सुधर जाएगी


Conclusion:पटना विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर नागेंद्र कुमार झा ने कहा कि जब तक वहां आम लोगों का आवागमन बंद नहीं होगा तब तक यह संभव नहीं लगता है और यह संभव इसलिए नहीं है क्योंकि यहां कुछ लोगों ने मकान बना लिया है उनका रास्ता है जिन्हें हम रोक नहीं सकते हैं प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन का भी उस तरह से सहयोग नहीं है इसलिए बिना रोक-टोक के वहां लोग आते जाते हैं पूरे कैंपस में दो गार्ड हैं वे सब से लड़ने में सक्षम नहीं है लेकिन बहुत जल्द एक कमेटी के तहत सैदपुर कैंपस की सुरक्षा के लिए 36 आर्म्स फोर्स की तैनाती की जा रही है पटना सीनियर एसपी को भी पत्र लिखा गया है और जिलाधिकारी को भी इस संबंध में जानकारी दी गई है गौरतलब है कि आपको बता दें कि राजधानी पटना में इन दिनों सैदपुर हॉस्टल सुर्खियों में है राजधानी में जब कभी भी कहीं भी घटना होती है तो सबसे पहले पुलिस सैदपुर हॉस्टल पर छापेमारी करती हैं चुकी पुलिस को ऐसा अंदेशा है इसनपुर कैंपस में कई असामाजिक छात्र रहते है
बावजूद स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन कभी भी इस संबंध में सक्रिय नहीं दिखती हैं


बाईट:--प्रोफेसर नागेंद्र कुमार झा
डीन,पटना विश्वविद्यालय
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