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पटना: श्रम कानून में हुए बदलाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, पुराने नियम लागू करने की मांग

श्रम कानून हुए संसोधन कि मजदूरों से 8 घंटे काम के जगह 12 घंटे काम लेने के नियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना है कि मजदूर श्रम कानून में जो बदलाव किया गया है उसे समाप्त किया जाए और पुराने नियम को बहाल किए जांए. वहीं, महिला मजदूरों के लिए विशेष सुविधा दी जाए.

पटना
श्रम कानून में बदलाव के खिलाफ सरड़कों पर उतर रहे लोग
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Published : May 22, 2020, 7:09 PM IST

Updated : May 24, 2020, 4:56 PM IST

पटना: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में मजदूरों को काफी परेशानी हो रही है. उन्हें काम नहीं मिल रहा है. इस कारण से खाने के लाले पड़े हुए हैं. वही, सिटीजन फोरम के कार्यकर्ताओं ने श्रम कानूनों में हुए संशोधन के विरोध में एक मार्च निकाला.

पटना
बुद्धा पार्क के पास प्रदर्शन कर रहे सिटीजन फोरम के कार्यकर्ता

बता दें कि ये विरोध मार्च पटना जंक्शन के पास बुद्ध पार्क के सामने निकाला गया. इस मार्च के दौरान सभी लेफ्ट कार्यकर्ता ने जमकर नारेबाजी भी की. वहीं, इन लोगों ने अपनी मांगों को लेकर कहा कि जिन मजदूरों को काम दिया जा रहा है. उसमें सरकार काफी कटौती कर रही है. जहां 8 घंटे काम होता था, वहीं 12 घंटे काम लिए जा रहे हैं. जो सरकार तत्काल वापस करे. साथ ही कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार मजदूरों के वेतन में कटौती कर रही है.

पटना
श्रम कानून में बदलाव के खिलाफ प्रदर्शन

'बढ़ाए गए काम के समय को करें कम'
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मजदूरों ने कहा कि केंद्र सरकार, सभी राज्य सरकारों की ओर से किए गए श्रम कानूनों में संशोधन को रद्द कर उन्हें फिर से बहाल करें. वहीं, सरकार की ओर से बढ़ाए गए काम के घंटों को वापस लिया जाए. साथ ही मजदूरों को सही से भुगतान किए जाएं. इसके अलावे प्रवासी मजदूरों, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कर्मियों का लंबित वेतन का भुगतान किया जाए. इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा के लिए समुचित किट मुहैया कराया जाए. भारत सरकार आंगनवाड़ी कर्मचारियों के लिए भी समुचित व्यवस्था करे.

पेश है रिपोर्ट

'मजदूरों पर हो रहा है अत्याचार'
बिहार महिला प्रकोष्ठ की कार्यकारी अध्यक्ष निवेदिता झा ने बताया कि मजदूर पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ हम धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारी सरकार से मांग है कि मजदूर श्रम कानून में जो बदलाव किया गया है उसे समाप्त किया जाए और पुराने नियम को बहाल किया जाए. वहीं, महिला मजदूरों के लिए विशेष सुविधा दी जाए.

पटना: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है. ऐसे में मजदूरों को काफी परेशानी हो रही है. उन्हें काम नहीं मिल रहा है. इस कारण से खाने के लाले पड़े हुए हैं. वही, सिटीजन फोरम के कार्यकर्ताओं ने श्रम कानूनों में हुए संशोधन के विरोध में एक मार्च निकाला.

पटना
बुद्धा पार्क के पास प्रदर्शन कर रहे सिटीजन फोरम के कार्यकर्ता

बता दें कि ये विरोध मार्च पटना जंक्शन के पास बुद्ध पार्क के सामने निकाला गया. इस मार्च के दौरान सभी लेफ्ट कार्यकर्ता ने जमकर नारेबाजी भी की. वहीं, इन लोगों ने अपनी मांगों को लेकर कहा कि जिन मजदूरों को काम दिया जा रहा है. उसमें सरकार काफी कटौती कर रही है. जहां 8 घंटे काम होता था, वहीं 12 घंटे काम लिए जा रहे हैं. जो सरकार तत्काल वापस करे. साथ ही कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार मजदूरों के वेतन में कटौती कर रही है.

पटना
श्रम कानून में बदलाव के खिलाफ प्रदर्शन

'बढ़ाए गए काम के समय को करें कम'
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मजदूरों ने कहा कि केंद्र सरकार, सभी राज्य सरकारों की ओर से किए गए श्रम कानूनों में संशोधन को रद्द कर उन्हें फिर से बहाल करें. वहीं, सरकार की ओर से बढ़ाए गए काम के घंटों को वापस लिया जाए. साथ ही मजदूरों को सही से भुगतान किए जाएं. इसके अलावे प्रवासी मजदूरों, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कर्मियों का लंबित वेतन का भुगतान किया जाए. इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों को सुरक्षा के लिए समुचित किट मुहैया कराया जाए. भारत सरकार आंगनवाड़ी कर्मचारियों के लिए भी समुचित व्यवस्था करे.

पेश है रिपोर्ट

'मजदूरों पर हो रहा है अत्याचार'
बिहार महिला प्रकोष्ठ की कार्यकारी अध्यक्ष निवेदिता झा ने बताया कि मजदूर पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ हम धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारी सरकार से मांग है कि मजदूर श्रम कानून में जो बदलाव किया गया है उसे समाप्त किया जाए और पुराने नियम को बहाल किया जाए. वहीं, महिला मजदूरों के लिए विशेष सुविधा दी जाए.

Last Updated : May 24, 2020, 4:56 PM IST
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