पटना: राजधानी पटना में कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रसाशन ने सार्वजनिक स्थलों और पूजा पंडालों पर मां सरस्वती की प्रतिमा (Corona Guidelines Impact On Saraswati Puja) स्थापित करने पर रोक लगा दी है. इस आदेश के विरोध में स्थानीय पूजा समिति के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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कोविड के बढ़ते संक्रमण के खतरे के बीच जिला प्रसाशन ने समाचार पत्रों,न्यूज़ चैनलों और दूरभाष के माध्यम से सार्वजनिक स्थलों पर मां सरस्वती ( Saraswati Puja 2022 ) की प्रतिमा रखने और पूजा पर रोक लगा दी है. कोरोना काल में एक जगह भीड़ जमा न हो और कोरोना गाइडलाइन का पालन हो सके इसके लिए यह निर्णय लिया गया है. लेकिन प्रशासन के इस आदेश का स्थानीय पूजा समिति की ओर से विरोध किया जा रहा है.
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जिला प्रशासन के विरोध में स्थानीय पूजा समिति के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर नारेबाजी की. त्रिपोलिया मोड़ अशोक राजपथ पर दर्जनों पूजा पंडाल समिति के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रसाशन और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. उन लोगों का कहना है कि, राजनीति गतिविधियों पर चर्चा, सार्वजनिक बैठक,चुनावी सभा,रैली में कोविड का संक्रमण नहीं होता है. पूजा पाठ वाले स्थलों पर कोरोना का हवाला देकर उन्हें बन्द कर दिया गया है. यह आस्था के साथ खिलवाड़ है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
साथ पूजा समिति से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि,अगर प्रसाशन मां सरस्वती की प्रतिमा बैठाने का आदेश नहीं देगी तो सड़क पर उतड़कर उग्र आंदोलन किया जाएगा. बता दें कि बिहार में सरस्वती पूजा की तैयारी शुरू हो गई है. 5 फरवरी को सरस्वती पूजा लेकर सभी पूजा समिति भी तैयारियां कर रही थी. लेकिन प्रशासनिक आदेश के बाद इन लोगों में मायूसी छाई है.
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