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दिल्ली में किसानों पर लाठीचार्ज, पटना में प्रदर्शन, कृषि कानून को वापस लेने की मांग

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Published : Nov 27, 2020, 7:42 PM IST

किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध और धान खरीद की गारंटी की मांग को लेकर बिहार में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहा है. प्रदर्शन के दौरान लोगों ने कृषि और किसानो से संबंधित पारित तीनों कानून को वापस लेने की मांग की.

पटना
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पटना: दिल्ली में किसानों पर हुए हमले के खिलाफ पटना में विभिन्न जन संगठनों ने बुद्धा स्मृति पार्क के पास प्रदर्शन किया. केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज किया. इस दौरान सीटू नेता गणेश शंकर सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों, खेत मजदूरों की जिंदगी को तबाह करना चाहती है और कॉरपोरेट पूंजीपतियों को मालामाल करना चाहती है. इसलिए किसान विरोधी काला कानून लाया गया है.

किसानों पर हुए हमले की कड़ी निंदा
सीटू नेता ने कहा कि जब किसान इसके खिलाफ प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें मारा जाता है उनके ऊपर आंसू गैस छोड़े जाते हैं जो सरासर गलत है. किसानों पर हुए हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि हम सरकार को यह चेतावनी देते हैं कि सरकार अपने इस काले कानून को जल्द से जल्द वापस लें. हमारी सरकार से मांग है कि जो किसान विरोधी और श्रम विरोधी कानून लागू किया गया उसे सरकार वापस लें.

किसानों पर अत्याचार कर रही सरकार
वहीं, राजद नेता श्याम रजक ने कहा कि कॉर्पोरेट घराने की सरकार लगातार किसानों पर अत्याचार कर रही है. उन्होंने कहा कि कृषि बिल जब लाया गया था उस समय ही हम लोगों ने इसका विरोध किया था. लोकसभा में भी कृषि बिल का पुरजोर विरोध हुआ. इसके बावजूद भी इसे लागू किया गया और अब जब किसान अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाह रहे हैं तो उन्हें रोका जा रहा है. राजद नेता ने कहा कि जिस तरह से किसानों पर इस ठंड के मौसम में पानी की बौछार की जा रही है यह गलत है. उन्होंने कहा कि पूरे देश को कारपोरेट के हाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दे दिया है और कहीं ना कहीं कॉर्पोरेट घराना को फायदा पहुंचाने के लिए ही इस तरह का कृषि बिल लाया गया है. जिससे किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

देशव्यापी हड़ताल के तहत प्रदर्शन
जमुई में किसान से संबंधित पारित कानून को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से देशव्यापी हड़ताल के तहत झाझा प्रखंड कार्यालय में किसान संगठन के नेताओं ने धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे किसान नेता रमेश ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसान से संबंधित पारित कानून को वापस लेने की मांग की. किसान नेता रमेश यादव ने कहा कि कृषि और किसानों से संबंधित पारित तीनों कानून वापस लिया जाये. उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश कहलाता है और किसान भारत की रीढ़ है. सरकार ने किसान से संबंधित जो कानून लागू किया है. उससे किसान अपना सबकुछ खो देगा.

पटना: दिल्ली में किसानों पर हुए हमले के खिलाफ पटना में विभिन्न जन संगठनों ने बुद्धा स्मृति पार्क के पास प्रदर्शन किया. केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज किया. इस दौरान सीटू नेता गणेश शंकर सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों, खेत मजदूरों की जिंदगी को तबाह करना चाहती है और कॉरपोरेट पूंजीपतियों को मालामाल करना चाहती है. इसलिए किसान विरोधी काला कानून लाया गया है.

किसानों पर हुए हमले की कड़ी निंदा
सीटू नेता ने कहा कि जब किसान इसके खिलाफ प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें मारा जाता है उनके ऊपर आंसू गैस छोड़े जाते हैं जो सरासर गलत है. किसानों पर हुए हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि हम सरकार को यह चेतावनी देते हैं कि सरकार अपने इस काले कानून को जल्द से जल्द वापस लें. हमारी सरकार से मांग है कि जो किसान विरोधी और श्रम विरोधी कानून लागू किया गया उसे सरकार वापस लें.

किसानों पर अत्याचार कर रही सरकार
वहीं, राजद नेता श्याम रजक ने कहा कि कॉर्पोरेट घराने की सरकार लगातार किसानों पर अत्याचार कर रही है. उन्होंने कहा कि कृषि बिल जब लाया गया था उस समय ही हम लोगों ने इसका विरोध किया था. लोकसभा में भी कृषि बिल का पुरजोर विरोध हुआ. इसके बावजूद भी इसे लागू किया गया और अब जब किसान अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाह रहे हैं तो उन्हें रोका जा रहा है. राजद नेता ने कहा कि जिस तरह से किसानों पर इस ठंड के मौसम में पानी की बौछार की जा रही है यह गलत है. उन्होंने कहा कि पूरे देश को कारपोरेट के हाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दे दिया है और कहीं ना कहीं कॉर्पोरेट घराना को फायदा पहुंचाने के लिए ही इस तरह का कृषि बिल लाया गया है. जिससे किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

देशव्यापी हड़ताल के तहत प्रदर्शन
जमुई में किसान से संबंधित पारित कानून को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से देशव्यापी हड़ताल के तहत झाझा प्रखंड कार्यालय में किसान संगठन के नेताओं ने धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे किसान नेता रमेश ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसान से संबंधित पारित कानून को वापस लेने की मांग की. किसान नेता रमेश यादव ने कहा कि कृषि और किसानों से संबंधित पारित तीनों कानून वापस लिया जाये. उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश कहलाता है और किसान भारत की रीढ़ है. सरकार ने किसान से संबंधित जो कानून लागू किया है. उससे किसान अपना सबकुछ खो देगा.

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