बाढ़: नगर परिषद में पक्ष और विपक्ष एक साथ कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ धरने पर बैठ गई है. दरअसल, इस लड़ाई में एक खेमा नगर अध्यक्ष शकुंतला देवी और दुसरा अपने गर्म तेवर को लेकर पहचान बनाए महिला कार्यपालक पदाधिकारी जया के बीच है. हैरत की बात यह है इन दोनों की आपसी झगड़े में परिषद का सारा का सारा विकास कार्य बाधित है और जनता इन दोनों के बीच पीस रही है.
कार्यपालक पदाधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप
इस घरने में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने एक स्वर में कार्यपालक पदाधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाए. अध्यक्ष शकुंतला देवी ने बताया कि 9 महीने पहले यहां कार्यपालक पदाधिकारी जया ने पदभार संभाला है. लेकिन बाढ़ क्षेत्र के विकास में लगातर आड़े आ रही है. जिस कारण इलाके में विकास की धार बिल्कुल मंद हो चुकी है. वहीं, नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद अनिल गुप्ता बताते है कि जब तक कार्यपालक अधिकारी का तबादला नहीं हो जाता तब तक धरना जारी रहे
क्या है मामला?
शकुंतला देवी महिला पदाधिकारी के ऊपर मनमानी और तानाशाही का आरोप लगा रही है. वहीं, दूसरी तरफ कार्यपालक पदाधिकारी मुख्य वार्ड पार्षद और उनके पति पर गंभीर आरोप लगा रही है. जिसको लेकर पूरा नगर परिषद इन दिनों जंग की मैदान बन कर रह गया है और इसका नतीजा क्षेत्र की बेगुनाह जनता भुगत रही है.
पहले भी बैठ चुकी है धरने पर
बता दें कि मुख्य वार्ड पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी के इस जंग में विगत 22 नवंबर को भी शकुंतला देवी पार्षद के सभी सदस्यों के साथ धरने पर बैठ चुकी है. हालांकि धरना-प्रदशर्न की सूचना प्रशासन जिला प्रशासन को नहीं देने के कारण उनको धरना समाप्त करना पड़ा था. लेकिन इस बार मुख्य वार्ड पार्षद सभी तैयारी पूरी कर मैदान में उतरी है.