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बाढ़ नगर परिषद में कार्यपालक अधिकारी के खिलाफ धरना पर बैठा पक्ष-विपक्ष, तबादले की मांग

इस धरना में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने एक स्वर में कार्यपालक पदाधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाए. अध्यक्ष शकुंतला देवी ने बताया कि 9 महीने पहले यहां कार्यपालक पदाधिकारी जया ने पदभार संभाला है. लेकिन बाढ़ क्षेत्र के विकास में लगातर आड़े आ रही है.

बाढ़ नगर परिषद
कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ धरना
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Published : Nov 28, 2019, 3:18 PM IST

बाढ़: नगर परिषद में पक्ष और विपक्ष एक साथ कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ धरने पर बैठ गई है. दरअसल, इस लड़ाई में एक खेमा नगर अध्यक्ष शकुंतला देवी और दुसरा अपने गर्म तेवर को लेकर पहचान बनाए महिला कार्यपालक पदाधिकारी जया के बीच है. हैरत की बात यह है इन दोनों की आपसी झगड़े में परिषद का सारा का सारा विकास कार्य बाधित है और जनता इन दोनों के बीच पीस रही है.

कार्यपालक पदाधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप
इस घरने में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने एक स्वर में कार्यपालक पदाधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाए. अध्यक्ष शकुंतला देवी ने बताया कि 9 महीने पहले यहां कार्यपालक पदाधिकारी जया ने पदभार संभाला है. लेकिन बाढ़ क्षेत्र के विकास में लगातर आड़े आ रही है. जिस कारण इलाके में विकास की धार बिल्कुल मंद हो चुकी है. वहीं, नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद अनिल गुप्ता बताते है कि जब तक कार्यपालक अधिकारी का तबादला नहीं हो जाता तब तक धरना जारी रहे

पेश है एक खास रिपोर्ट

क्या है मामला?
शकुंतला देवी महिला पदाधिकारी के ऊपर मनमानी और तानाशाही का आरोप लगा रही है. वहीं, दूसरी तरफ कार्यपालक पदाधिकारी मुख्य वार्ड पार्षद और उनके पति पर गंभीर आरोप लगा रही है. जिसको लेकर पूरा नगर परिषद इन दिनों जंग की मैदान बन कर रह गया है और इसका नतीजा क्षेत्र की बेगुनाह जनता भुगत रही है.

बाढ़ नगर परिषद
शकुंतला देवी, मुख्य वार्ड पार्षद

पहले भी बैठ चुकी है धरने पर
बता दें कि मुख्य वार्ड पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी के इस जंग में विगत 22 नवंबर को भी शकुंतला देवी पार्षद के सभी सदस्यों के साथ धरने पर बैठ चुकी है. हालांकि धरना-प्रदशर्न की सूचना प्रशासन जिला प्रशासन को नहीं देने के कारण उनको धरना समाप्त करना पड़ा था. लेकिन इस बार मुख्य वार्ड पार्षद सभी तैयारी पूरी कर मैदान में उतरी है.

बाढ़: नगर परिषद में पक्ष और विपक्ष एक साथ कार्यपालक पदाधिकारी के खिलाफ धरने पर बैठ गई है. दरअसल, इस लड़ाई में एक खेमा नगर अध्यक्ष शकुंतला देवी और दुसरा अपने गर्म तेवर को लेकर पहचान बनाए महिला कार्यपालक पदाधिकारी जया के बीच है. हैरत की बात यह है इन दोनों की आपसी झगड़े में परिषद का सारा का सारा विकास कार्य बाधित है और जनता इन दोनों के बीच पीस रही है.

कार्यपालक पदाधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप
इस घरने में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने एक स्वर में कार्यपालक पदाधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाए. अध्यक्ष शकुंतला देवी ने बताया कि 9 महीने पहले यहां कार्यपालक पदाधिकारी जया ने पदभार संभाला है. लेकिन बाढ़ क्षेत्र के विकास में लगातर आड़े आ रही है. जिस कारण इलाके में विकास की धार बिल्कुल मंद हो चुकी है. वहीं, नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद अनिल गुप्ता बताते है कि जब तक कार्यपालक अधिकारी का तबादला नहीं हो जाता तब तक धरना जारी रहे

पेश है एक खास रिपोर्ट

क्या है मामला?
शकुंतला देवी महिला पदाधिकारी के ऊपर मनमानी और तानाशाही का आरोप लगा रही है. वहीं, दूसरी तरफ कार्यपालक पदाधिकारी मुख्य वार्ड पार्षद और उनके पति पर गंभीर आरोप लगा रही है. जिसको लेकर पूरा नगर परिषद इन दिनों जंग की मैदान बन कर रह गया है और इसका नतीजा क्षेत्र की बेगुनाह जनता भुगत रही है.

बाढ़ नगर परिषद
शकुंतला देवी, मुख्य वार्ड पार्षद

पहले भी बैठ चुकी है धरने पर
बता दें कि मुख्य वार्ड पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी के इस जंग में विगत 22 नवंबर को भी शकुंतला देवी पार्षद के सभी सदस्यों के साथ धरने पर बैठ चुकी है. हालांकि धरना-प्रदशर्न की सूचना प्रशासन जिला प्रशासन को नहीं देने के कारण उनको धरना समाप्त करना पड़ा था. लेकिन इस बार मुख्य वार्ड पार्षद सभी तैयारी पूरी कर मैदान में उतरी है.

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Body:बाढ़:किसी भी नगर परिषद में अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के विरुद्ध विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव धरना प्रदर्शन के बाद तो लोगों ने देखी भी होगी और सुनी भी होगी। लेकिन बाद में यह पहली घटना है जिसमें पक्ष-विपक्ष से लेकर अध्यक्ष अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं।वह भी कार्यपालक पदाधिकारी के विरुद्ध में। शादी विवाह का मौसम शुरू होते ही बाढ़ नगर परिषद द्वारा इस तरह का धरना प्रदर्शन बाढ़ के सेहत के लिए उचित नहीं है।लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी के रवैए से परेशान नगर सभी वार्ड पार्षद गण के पास भी कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कार्यपालक पदाधिकारी के ऊपर विगत 9 माह से कई संगीन आरोप लगा रहे हैं कि 9 माह पहले यहां के कार्यपालक पदाधिकारी जया ने पदभार संभाला है और शुरू से ही कार्यपालक पदाधिकारी और नगर परिषद कर्मी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा।जिसके कारण बाढ़ विकास की धार बिल्कुल मंद हो चुकी है।

आपको बता दें कि 22 तारीख को भी अनिश्चितकालीन धरना पर बाढ़ पार्षद के सभी सदस्य गण बैठे थे। लेकिन प्रशासन के दबिश के कारण उन्होंने धरना को बंद कर दिया।क्योंकि इन्होंने धरना का कोई भी सूचना प्रशासन को नहीं दिया था। इस बार उन्होंने धरना की सूचना जिलाधिकारी बाढ़ अनुमंडल अधिकारीबाढ़ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सहित कई जगह पर देकर इस बार अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं अब देखना यह है कि आगे क्या होता है।


वाइट- शकुंतला देवी (मुख्य पार्षद)
वाइट- अनिल गुप्ता( उप मुख्य पार्षद)


Conclusion:
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