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अवैध बालू खनन में लिप्त अफसरों की संपत्ति की जांच कर रही है आर्थिक अपराध इकाई

बालू के अवैध खनन के कारोबार में संलिप्तता को लेकर जो अधिकारी रडार पर आये हैं, उनके खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई की जांच काफी तेजी से हो रही है. उन अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति की जांच की जा रही है. समझा जा रहा है कि पुख्ता सबूत मिलने के बाद छापे मारे जायेंगे.

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Published : Jul 27, 2021, 1:42 PM IST

पटना: आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit) ने अवैध बालू खनन (Illegal Sand Mining) में संलिप्त पाए गए पुलिसकर्मियों, खान, राजस्व एवं परिवहन विभाग के अफसरों और कर्मचारियों की संपत्ति की जांच शुरू कर दी है. अवैध बालू खनन मामले में बिहार सरकार ने 2 एसपी (SP) समेत 41 पुलिस अधिकारियों पर अब तक करवाई की है. इन अफसरों की अब मुश्किल बढ़ने वाली है.

ये भी पढ़ें: VIDEO: लाल बालू का काला खेल, पुलिस के जाते ही रात के अंधेरों में सैकड़ों नावों से ऐसे होती है लूट

दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इन सभी अधिकारियों की संपत्ति की जांच हो रही है. आर्थिक अपराध इकाई सबूत इकठ्ठा कर रहा है. सबूत मिलने के बाद मामला दर्ज कर एक साथ कई ठिकानों जांच होगी. इन कर्मचारियों-अफसरों पर विभागीय कार्रवाई भी होगी.

देखें वीडियो

आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जल्द ही अधिकारियों-कर्मचारियों को विभाग की ओर से शो-कॉज किया जायेगा. उन्हें 1 हफ्ते के अंदर अपना पक्ष रखना होगा. दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई ने दागी अफसरों की चल और अचल संपत्ति की जांच शुरू कर दी है. जिन पुलिस अधिकारियों या अन्य सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है, उन्हें बखूबी पता है कि आय से अधिक संपत्ति को कैसे, कहां और किस माध्यम से छिपाना है.

इस वजह से कहीं ना कहीं आर्थिक अपराध इकाई द्वारा इन अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति के बारे में ठोस सबूत इकट्ठा किया जा रहा है. बालू के अवैध खनन में फंसे 41 अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. मामला हाईप्रोफाइल होने की वजह से हर एक अफसर की संपत्ति की जांच के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है.

आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार दागी अफसरों और कर्मचारियों के बैंक खातों का डिटेल, बीमा, बॉन्ड और अन्य वित्तीय कंपनियों में किए गए निवेश के साथ-साथ हाल में ही उनके या उनके परिजनों के नाम पर खरीदी गई संपत्ति आदि की जानकारी जुटाई जा रही है. जैसे ही EOU को पूरी जानकारी मिल जाएगी, एक साथ कई जगहों पर छापेमारी होगी. इस कार्रवाई में गोपनीयता बरती जायेगी जिससे उन अधिकारियों या कर्मचारियों काे इसके बारे में अग्रिम सूचना नहीं मिले. आर्थिक अपराध इकाई में अधिकारियों की क्षमता और संख्या के आधार पर जांच टीम का गठन किया गया है. टीम के लिए पुलिस विभाग के अन्य शाखाओं से पुलिस अफसर लिए जाने की मांग की गई है.

ये भी पढ़ें: किसी हॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है यह नजारा, देखें कैसे हो रहा है रात के अंधेरे में बालू का अवैध खेल

हालांकि अवैध बालू खनन में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की आय से अधिक संपत्ति के मामले में पुलिस मुख्यालय की ओर खुलकर कुछ नहीं बताया जा रहा है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार (ADG Jitendra Kumar) की मानें तो भ्रष्टाचार के मामले में अगर हमें किसी भी कर्मचारी के बारे में सूचना मिलती है तो उसकी जांच कर विधिवत करवाई होती है. इसी कड़ी में इन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है. बिहार सरकार और पुलिस मुख्यालय जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करती है. जांच चल रही है. आगे जो भी करवाई होगी अगर वह मीडिया को बताने लायक हुई तो जरूर साझा किया जायेगा.

पटना: आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit) ने अवैध बालू खनन (Illegal Sand Mining) में संलिप्त पाए गए पुलिसकर्मियों, खान, राजस्व एवं परिवहन विभाग के अफसरों और कर्मचारियों की संपत्ति की जांच शुरू कर दी है. अवैध बालू खनन मामले में बिहार सरकार ने 2 एसपी (SP) समेत 41 पुलिस अधिकारियों पर अब तक करवाई की है. इन अफसरों की अब मुश्किल बढ़ने वाली है.

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दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इन सभी अधिकारियों की संपत्ति की जांच हो रही है. आर्थिक अपराध इकाई सबूत इकठ्ठा कर रहा है. सबूत मिलने के बाद मामला दर्ज कर एक साथ कई ठिकानों जांच होगी. इन कर्मचारियों-अफसरों पर विभागीय कार्रवाई भी होगी.

देखें वीडियो

आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जल्द ही अधिकारियों-कर्मचारियों को विभाग की ओर से शो-कॉज किया जायेगा. उन्हें 1 हफ्ते के अंदर अपना पक्ष रखना होगा. दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई ने दागी अफसरों की चल और अचल संपत्ति की जांच शुरू कर दी है. जिन पुलिस अधिकारियों या अन्य सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है, उन्हें बखूबी पता है कि आय से अधिक संपत्ति को कैसे, कहां और किस माध्यम से छिपाना है.

इस वजह से कहीं ना कहीं आर्थिक अपराध इकाई द्वारा इन अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति के बारे में ठोस सबूत इकट्ठा किया जा रहा है. बालू के अवैध खनन में फंसे 41 अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. मामला हाईप्रोफाइल होने की वजह से हर एक अफसर की संपत्ति की जांच के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है.

आर्थिक अपराध इकाई के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार दागी अफसरों और कर्मचारियों के बैंक खातों का डिटेल, बीमा, बॉन्ड और अन्य वित्तीय कंपनियों में किए गए निवेश के साथ-साथ हाल में ही उनके या उनके परिजनों के नाम पर खरीदी गई संपत्ति आदि की जानकारी जुटाई जा रही है. जैसे ही EOU को पूरी जानकारी मिल जाएगी, एक साथ कई जगहों पर छापेमारी होगी. इस कार्रवाई में गोपनीयता बरती जायेगी जिससे उन अधिकारियों या कर्मचारियों काे इसके बारे में अग्रिम सूचना नहीं मिले. आर्थिक अपराध इकाई में अधिकारियों की क्षमता और संख्या के आधार पर जांच टीम का गठन किया गया है. टीम के लिए पुलिस विभाग के अन्य शाखाओं से पुलिस अफसर लिए जाने की मांग की गई है.

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हालांकि अवैध बालू खनन में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की आय से अधिक संपत्ति के मामले में पुलिस मुख्यालय की ओर खुलकर कुछ नहीं बताया जा रहा है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार (ADG Jitendra Kumar) की मानें तो भ्रष्टाचार के मामले में अगर हमें किसी भी कर्मचारी के बारे में सूचना मिलती है तो उसकी जांच कर विधिवत करवाई होती है. इसी कड़ी में इन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है. बिहार सरकार और पुलिस मुख्यालय जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करती है. जांच चल रही है. आगे जो भी करवाई होगी अगर वह मीडिया को बताने लायक हुई तो जरूर साझा किया जायेगा.

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