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बिहार के रोहतास में खिली ब्रोकली की कली, तेजी से हो रही बिक्री

ब्रोकली का उत्पादन 15 से 20 डिग्री तापमान पर किया जाता है. ऐसे में जलवायु का अनकूल होना खास मायने रखता है. बिहार में इसके इतर ब्रोकली की खेती की जा रही है.

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Published : Mar 10, 2019, 12:02 AM IST

बिहार में ब्रोकली

रोहतास: ब्रोकली, ये नाम आपने बहुत कम ही सुना होगा. लेकिन नए दौर में इसका मांग तेजी से हो रही है. हरी गोभी के रूप में पहचानी जाने वाली इस सब्जी की पैदावार बहुत कम ही जगह होती है. वहीं, बिहार के लिए खुशखबर है क्योंकि यहां रोहतास में ब्रोकली का उत्पादन जोरों पर होने लगा है.

धान का कटोरा कहा जाने वाला रोहतास अब उन्नत किस्म की फसलों के लिए प्रसिद्ध होने लगा है. क्योंकि यहां के किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर मॉडर्न खेती कर लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. वहीं, इसके चलते ब्रोकली का उत्पादन जोरों पर हो रहा है.

ब्रोकली के उत्पादन के बारे में बताता किसान

यहां पैदा हो रही यूरोपियन सब्जी
यूरोपियन सब्जी ब्रोकली का उत्पादन सासाराम प्रखंड से महज 10 किलोमीटर दूर अकाशी गांव के मनोज यादव ने कर दिखाया है. मनोज रोहतास के पहले ऐसे किसान हैं, जिन्होंने ब्रोकली की खेती शुरू की और देखते ही देखते हैं अपनी एक अलग पहचान बना ली. यही पहचान उन्हें राज्यपाल से इनाम देने तक को मजबूर कर दिया.

यह भी पढ़ें-पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी दारोगा, लाखों रुपये की ठगी मामले में आरोपी

नकद रुपये मिलते हैं
गौरतलब है कि पिछले दिनों पटना में आयोजित कृषि मेला में मनोज कुमार के ब्रोकली को पूरे बिहार में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था. मनोज कुमार बताते हैं कि ब्रोकली की खेती कर उन्हें काफी फायदा हो रहा है. क्योंकि ब्रोकली की खेती से उन्हें नकद के रूप में पैसा मिलता है.

लाखों की कमाई
ब्रोकली की मांग भी काफी अधिक है. यह बिहार राज्य के अलावा देश के अन्य कई राज्यों में भी इसकी सप्लाई करते हैं. मनोज कुमार पहले परंपरिक धान की खेती किया करते थे. लेकिन उस खेती से उन्हें कुछ ज्यादा मुनाफा नहीं होता था. लिहाजा उन्होंने कुछ अलग करने की सोची जिसके बाद उन्होंने ब्रोकली जैसे सब्जी की खेती की और आज वो उससे लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं.

सरकार करे प्रोत्साहित
मनोज कुमार का सपना है कि इस तरह की खेती तमाम किसानों करें ताकि किसान इसका लाभ ले सकें. वहीं उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई खास तवज्जो नहीं दिया जा रहा है. जिससे वह अपनी खेती में और चार-चांद लगा सकें. उन्हें न तो अब तक अनुदान मिला है और ना ही सरकार की तरफ से कोई सहायता मिली है.

ब्रोकली खाने के फायदे

  • ब्रोकली हार्ट अटैक से बचाती है.
  • ब्रोकली खाने से कैंसर से बचाव होता है.
  • ब्लड प्रेशर के लिए फायदेमंद है ब्रोकली.
  • डायबिटीज के मरीज़ों के लिए लाभदायक.
  • गर्भवती महिलाओं के लिए पौष्टिक
  • एल्जाइमर के मरीज़ों के लिए उपयोगी.
  • भूख बढ़ाने का में मददगार है.
  • मोतियाबिंद की समस्या में लाभदायक.
  • बढ़ती उम्र में युवा बनाए रखने में मददगार.
  • शरीर की सूजन होती है खत्म.

रोहतास: ब्रोकली, ये नाम आपने बहुत कम ही सुना होगा. लेकिन नए दौर में इसका मांग तेजी से हो रही है. हरी गोभी के रूप में पहचानी जाने वाली इस सब्जी की पैदावार बहुत कम ही जगह होती है. वहीं, बिहार के लिए खुशखबर है क्योंकि यहां रोहतास में ब्रोकली का उत्पादन जोरों पर होने लगा है.

धान का कटोरा कहा जाने वाला रोहतास अब उन्नत किस्म की फसलों के लिए प्रसिद्ध होने लगा है. क्योंकि यहां के किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर मॉडर्न खेती कर लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. वहीं, इसके चलते ब्रोकली का उत्पादन जोरों पर हो रहा है.

ब्रोकली के उत्पादन के बारे में बताता किसान

यहां पैदा हो रही यूरोपियन सब्जी
यूरोपियन सब्जी ब्रोकली का उत्पादन सासाराम प्रखंड से महज 10 किलोमीटर दूर अकाशी गांव के मनोज यादव ने कर दिखाया है. मनोज रोहतास के पहले ऐसे किसान हैं, जिन्होंने ब्रोकली की खेती शुरू की और देखते ही देखते हैं अपनी एक अलग पहचान बना ली. यही पहचान उन्हें राज्यपाल से इनाम देने तक को मजबूर कर दिया.

यह भी पढ़ें-पुलिस के हत्थे चढ़ा फर्जी दारोगा, लाखों रुपये की ठगी मामले में आरोपी

नकद रुपये मिलते हैं
गौरतलब है कि पिछले दिनों पटना में आयोजित कृषि मेला में मनोज कुमार के ब्रोकली को पूरे बिहार में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था. मनोज कुमार बताते हैं कि ब्रोकली की खेती कर उन्हें काफी फायदा हो रहा है. क्योंकि ब्रोकली की खेती से उन्हें नकद के रूप में पैसा मिलता है.

लाखों की कमाई
ब्रोकली की मांग भी काफी अधिक है. यह बिहार राज्य के अलावा देश के अन्य कई राज्यों में भी इसकी सप्लाई करते हैं. मनोज कुमार पहले परंपरिक धान की खेती किया करते थे. लेकिन उस खेती से उन्हें कुछ ज्यादा मुनाफा नहीं होता था. लिहाजा उन्होंने कुछ अलग करने की सोची जिसके बाद उन्होंने ब्रोकली जैसे सब्जी की खेती की और आज वो उससे लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं.

सरकार करे प्रोत्साहित
मनोज कुमार का सपना है कि इस तरह की खेती तमाम किसानों करें ताकि किसान इसका लाभ ले सकें. वहीं उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई खास तवज्जो नहीं दिया जा रहा है. जिससे वह अपनी खेती में और चार-चांद लगा सकें. उन्हें न तो अब तक अनुदान मिला है और ना ही सरकार की तरफ से कोई सहायता मिली है.

ब्रोकली खाने के फायदे

  • ब्रोकली हार्ट अटैक से बचाती है.
  • ब्रोकली खाने से कैंसर से बचाव होता है.
  • ब्लड प्रेशर के लिए फायदेमंद है ब्रोकली.
  • डायबिटीज के मरीज़ों के लिए लाभदायक.
  • गर्भवती महिलाओं के लिए पौष्टिक
  • एल्जाइमर के मरीज़ों के लिए उपयोगी.
  • भूख बढ़ाने का में मददगार है.
  • मोतियाबिंद की समस्या में लाभदायक.
  • बढ़ती उम्र में युवा बनाए रखने में मददगार.
  • शरीर की सूजन होती है खत्म.
Intro:रोहतास.धान का कटोरा कहा जाने वाला रोहतास अब उन्नत किस्म की फसलों के लिए प्रसिद्ध होने लगा है. क्योंकि यहां के किसान ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर मॉडर्न खेती कर लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं.


Body:गौरतलब है कि रोहतास को धान का कटोरा कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि यहां धान की खेती बहुत उम्दा तरीके से की जाती है. क्योंकि इस इलाके में नहरों का जाल बिछा है. जिससे किसान धान की खेती आसानी से कर लेते हैं. लेकिन जिले में एक ऐसा किसान है जिसने ट्रेडिशनल खेती के परिभाषा को ही बदल दिया. हम आपको बता दें कि सासाराम प्रखंड से महज 10 किलोमीटर दूर अकाशी गांव के मनोज यादव ने सारे मिथक को तोड़कर एक उन्नत के फसल को उपज करना शुरू. वह फसल जिसे ब्रोकली के नाम से जाना जाता है. दूसरे शब्दों में ब्रोकली को आम भाषा में हरे गोभी के नाम से भी जाना जाता है. मनोज कुमार रोहतास के पहले ऐसे किसान हैं जिन्होंने ब्रोकली की खेती शुरू की और देखते ही देखते हैं अपनी एक अलग पहचान बना ली. यही पहचान उन्हें राज्यपाल से इनाम देने तक को मजबूर कर दिया. गौरतलब है कि पिछले दिनों पटना में आयोजित कृषि मेला में मनोज कुमार के ब्रोकली को पूरे बिहार में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था. मनोज कुमार बताते हैं कि ब्रोकली की खेती कर उन्हें काफी फायदा हो रहा है. क्योंकि ब्रोकली की खेती से उन्हें नगद के रूप में पैसा मिलता है और इसकी मांग भी काफी अधिक है. यह बिहार राज्य के अलावा देश के अन्य कई राज्यों में भी इसकी सप्लाई करते हैं. मनोज कुमार पहले परंपरिक धान की खेती किया करते थे. लेकिन उस खेती से उन्हें कुछ ज्यादा मुनाफा नहीं होता था. लिहाजा उन्होंने कुछ अलग करने की सोची जिसके बाद उन्होंने ब्रोकली जैसे सब्जी की खेती की और आज वो उससे लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं.


Conclusion:मनोज कुमार का सपना है कि इस तरह की खेती तमाम किसानों करें ताकि किसान इसका लाभ ले सकें. वहीं उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई खास तवज्जो नहीं दिया जा रहा है. जिससे वह अपनी खेती में और चार-चांद लगा सकें. उन्हें ना तो अब तक अनुदान मिला है और ना ही सरकार की तरफ से कोई सहायता मिली है.


बाइट- मनोज कुमार किसान
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