पटना: बिहार में शिक्षा विभाग (Education Department Bihar) के दायरे में अब तक नहीं आए निजी स्कूलों को 30 नवंबर तक शिक्षा विभाग के पोर्टल से रजिस्ट्रेशन कराने का वक्त दिया गया है. इसके लिए सभी निजी स्कूलों को विभाग के ई संबंधन पोर्टल (E-Sambandhan Portal) पर रजिस्ट्रेशन कराना है, जिसके बाद शिक्षा विभाग ऐसे सभी स्कूलों का वेरिफिकेशन कराएगा. वेरिफाइड स्कूलों को एक खास कोड दिया जाएगा, जिसके बाद इन सभी स्कूलों में आरटीई के प्रावधान लागू किए जाएंगे.
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एक अनुमान के मुताबिक बिहार में 10,000 से ज्यादा निजी स्कूलों का संचालन हो रहा है. लेकिन बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के पास इन सभी स्कूलों का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. अब सरकार ने ई संबंधन पोर्टल के जरिए सभी निजी स्कूलों को अपना रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया है.
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30 नवंबर तक इन्हें रजिस्ट्रेशन कराना है. रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद सभी जिलों में संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी निजी स्कूलों का वेरिफिकेशन करेंगे और उन्हें क्यूआर कोड सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया के बाद शिक्षा विभाग के पास बिहार में चलने वाले सभी स्कूलों की पूरी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी.
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पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि इससे ना सिर्फ ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी, बल्कि स्कूल की पूरी जानकारी शिक्षा विभाग के पास होगी. निजी स्कूलों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का पूरा ब्योरा शिक्षा विभाग के पास एक क्लिक पर उपलब्ध होगा. ऐसे में इन स्कूलों में आरटीई के प्रावधान लागू कराना आसान होंगे.
आपको बता दें कि पहले रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार ने 30 सितंबर तक का वक्त दिया था. लेकिन इसके बाद प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन (Private School And Children Welfare Association) ने सरकार से इस समय सीमा को बढ़ाने की मांग की थी. जिसके बाद इसे 30 नवंबर कर दिया गया है. प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने बताया कि समय सीमा बढ़ाने की वजह से बिहार के निजी स्कूलों को फॉर्म अपलोड करने का समय मिल गया है. जिससे वह अपने कागजात को दुरुस्त कर अपलोड कर सकेंगे.
आपको बता दें कि राइट टू एजुकेशन के तहत सभी स्कूलों में 25 प्रतिशत गरीब परिवार के बच्चों का नामांकन अनिवार्य है. ऐसे बच्चों का पूरा खर्च सरकार उठाती है और निजी स्कूलों को ऐसे नामांकित बच्चों पर आए खर्च की भरपाई करती है. 15 नवंबर से मिड डे मील शुरू होगा. मिड डे मील, पीएम पोषण योजना के तहत सरकारी स्कूलों में बच्चों को स्वयं सहायता समूह के जरिए भोजन उपलब्ध होगा. कोरोना की वजह से लंबे समय से बंद पड़े मिड डे मील को 15 नवंबर से फिर से शुरू किया जाएगा.