पटना: जेल प्रशासन और चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू साइन हुआ है. इसके तहत जेल प्रशासन और जेल के ऑफिसर को चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के फैकेल्टी के द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी. इस ट्रेनिंग के तहत दूसरे राज्यों और दूसरे देशों में बंद कैदियों के साथ वहां का प्रशासन कैसा व्यवहार करता है, यह बताया जाएगा.
कैदियों के फंडामेंटल राइट लॉ की जानकारी जेल प्रशासन के अधिकारियों को दी जाएगी. साथ ही साथ चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा बिहार के जेलों में बंद कैदियों पर भी रिसर्च किया जाएगा. जिसके तहत यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि जेलों में रहने के बाद जब बाहर जाते हैं तो उनकी मेंटालिटी में कितनी चेंजिंग हो जाती है या बाहर से जब जेल में वह आते हैं तो उनकी क्या सोच होती है.
कैदियों को दी जाती है शिक्षा
जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा से मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार के कुल 59 जेल में से 17 जेलों में इग्नू का ब्रांच भी चल रहा है. जिसके तहत बिहार के जिलों में बंद कैदी खुद को ग्रेजुएट पास कर सकते हैं. अब तक कुल 257 कैदियों ने BPP कोर्स इग्नू के तहत जेल से ही पढ़ाई कर ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है. साथ ही साथ बिहार के कुल 59 जेलों में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के तहत स्कूल लेवल की शिक्षा दी गयी है. जो साक्षर कैदी नहीं है, जिन्हें नाम पता तक लिखना नहीं आता है, वैसे कैदियों को भी पढ़ाया लिखाया जाता है. अनपढ़ बंदियों के लिए 'प्रेरणा' जो कि शिक्षा विभाग का कार्यक्रम है बंदियों के लिए बिहार के सभी जिलों में चल रहा है.
कैदियों को दी जाती है ट्रेनिंग
जेल प्रशासन की तरफ से बिहार के 16 जेलों में बंद कैदियों को बिहार सरकार के विभिन्न योजना के तहत जैसे कौशल विकास मिशन स्किल डेवलपमेंट के तहत प्लंबर, कारपेंटर इत्यादि की ट्रेनिंग दी जा रही है. ताकि जब कैदी छूट कर वापस अपने घर जाएं तो उन्हें रोजगार पाने की किसी भी तरह के कोई समस्या ना हो. वहीं, यह कैदी के ऊपर निर्भर करता है कि वह किस तरह का कोर्स करने में दिलचस्पी रखते हैं. उन्हें उसी तरह के ट्रेनिंग जेल प्रशासन और बिहार सरकार के तरफ से दी जा रही है.
- बिहार में कुल 59 जेल हैं.
- इन जेलो में कुल 44 हजार कैदी को रखने की क्षमता है.
- बिहार में कुल आठ सेंट्रल जेल हैं.
- बिहार में कुल 32 डिस्ट्रिक्ट जेल है.
- बिहार में कुल 17 सब जेल हैं.
- बिहार में एक खुला जेल जिसमें कैदी परिवार के साथ रह सकते हैं.
- महिला कैदियों के लिए एक के जेल है.
वहीं, कोरोना काल के दौरान मामले की सुनवाई कम हो रही है जिस वजह से कैदियों की संख्या क्षमता से अधिक बढ़कर 47 हजार पहुंच गया है.