पटना: बिहार के 4 शहरों को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया था लेकिन इनका हाल यह है कि 5 साल के समय सीमा खत्म होने पर भी प्रोजेक्ट से जुड़ी योजनाएं जमीन पर नहीं दिख रही हैं. इसे देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.
प्रधान सचिव को बनाया गया बोर्ड का अध्यक्ष
अब स्मार्ट सिटी के लिए गठित कंपनी के बोर्ड में परिवर्तन करते हुए नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को चारों कंपनियों के बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है. ईटीवी भारत ने आपको सबसे पहले यह खबर दिखाई थी कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की लचर व्यवस्था को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला किया है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत
बिहार के उपमुख्यमंत्री और नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री तार किशोर प्रसाद ने ईटीवी भारत को बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के रूप में सबसे पहले भागलपुर का चयन 2016 में हुआ था जबकि पटना और मुजफ्फरपुर 2017 में और बिहार शरीफ का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चयन 2018 में हुआ. इन चारों स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्य के संचालन के लिए स्पेशल परपज व्हीकल(SPV) का गठन किया गया. लेकिन अब तक एसपीवी वी के पदाधिकारियों के सारे पद भी भरे नहीं जा सके हैं. जिसके कारण स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में यह सभी शहर अत्यंत पीछे चल रहे हैं और यही वजह है कि सरकार को यह फैसला लेना पड़ा है.
'बिहार के चार शहर पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बिहार शरीफ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चयनित हैं. स्मार्ट सिटी मिशन पीरियड 5 साल का है यानी 5 साल में सभी योजनाएं पूरी करनी होंगी यदि योजनाएं 5 साल की अवधि में पूरी नहीं हुई तो स्मार्ट सिटी के विकास के लिए केंद्र से मिलने वाली राशि से वंचित होना पड़ सकता है. विभिन्न प्रमंडल की समीक्षा के दौरान यह सामने आया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का काम अब तक इन शहरों में जमीन पर भी नहीं नजर आ रहा. इसे देखते हुए अब सरकार ने सभी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की कमान अपने हाथ में ले ली है.'- तार किशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री
क्या होगा असर
अब चारों स्मार्ट सिटी के बोर्ड के अध्यक्ष नगर विकास और आवास विभाग के प्रधान सचिव होंगे. जिसके बाद इन योजनाओं की समीक्षा शुरू हो गई है और ऐसे में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम में तेजी आने की उम्मीद है. नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव सह स्मार्ट सिटी बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के निदेशक मंडल की बैठक के दौरान सभी कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि 2 माह में राज्य के चारों स्मार्ट सिटी के 70 फीसदी काम शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया है जबकि 4 महीने में स्मार्ट सिटी के सौ फीसदी काम शुरू हो जाएंगे.