पटना: महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. पीएमसीएच में उन्होंने अंतिम सांस ली. इस दौरान एक बेहद ही मार्मिक तस्वीर देखने को मिली. इतने बड़े शख्सियत के निधन के बाद पीएमसीएच प्रशासन ने बिना किसी व्यवस्था के शव को अस्पताल परिसर में वैसे ही छोड़ दिया.
उनके शव को स्ट्रेचर पर बाहर रखने के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पर जमकर हमला हो रहा है. पीएमसीएच प्रशासन ने उनके परिजनों को सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट सौंपकर अपना पल्ला झाड़ लिया. इस पूरे मामले के बाद मचे बवाल पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सफाई दी है.
अस्पताल प्रशासन से नहीं हुई चूक
संजय कुमार ने बताया कि पीएमसीएच लाने से पहले ही वशिष्ठ नारायण सिंह की मृत्यु हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट ने यह जानकारी दी है. अस्पताल प्रशासन उनके शव का पोस्टमार्टम करने या नहीं करने के मामले पर विचार कर रहा था तभी उनके शव को बाहर रखा देख सवाल खड़े होने लगे.
मामले की होगी जांच
संजय कुमार ने कहा कि मुझे भी ऐसा लगता है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से किसी तरह की कोई चूक नहीं हुई है. प्रधान सचिव ने बताया कि एंबुलेंस के सवाल पर पीएमसीएच प्रशासन ने सफाई दी है कि ऐसी कोई समस्या नहीं थी. उन्होंने कहा कि चूंकि यह मामला मीडिया में आया है, इसलिये स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले की जांच करेगा.
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