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PMCH की लापरवाही पर प्रधान सचिव की सफाई- अस्पताल पहुंचने से पहले ही वशिष्ठ नारायण का हो गया था देहांत

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि पीएमसीएच लाने से पहले ही वशिष्ठ नारायण सिंह का देहांत हो चुका था. चूंकि यह मामला मीडिया में आया है, इसलिये स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले की जांच करेगा.

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Published : Nov 14, 2019, 2:58 PM IST

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार

पटना: महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. पीएमसीएच में उन्होंने अंतिम सांस ली. इस दौरान एक बेहद ही मार्मिक तस्वीर देखने को मिली. इतने बड़े शख्सियत के निधन के बाद पीएमसीएच प्रशासन ने बिना किसी व्यवस्था के शव को अस्पताल परिसर में वैसे ही छोड़ दिया.

उनके शव को स्ट्रेचर पर बाहर रखने के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पर जमकर हमला हो रहा है. पीएमसीएच प्रशासन ने उनके परिजनों को सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट सौंपकर अपना पल्ला झाड़ लिया. इस पूरे मामले के बाद मचे बवाल पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सफाई दी है.

पीएमसीएच की उपेक्षा पर सफाई देते स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार

अस्पताल प्रशासन से नहीं हुई चूक
संजय कुमार ने बताया कि पीएमसीएच लाने से पहले ही वशिष्ठ नारायण सिंह की मृत्यु हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट ने यह जानकारी दी है. अस्पताल प्रशासन उनके शव का पोस्टमार्टम करने या नहीं करने के मामले पर विचार कर रहा था तभी उनके शव को बाहर रखा देख सवाल खड़े होने लगे.

मामले की होगी जांच
संजय कुमार ने कहा कि मुझे भी ऐसा लगता है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से किसी तरह की कोई चूक नहीं हुई है. प्रधान सचिव ने बताया कि एंबुलेंस के सवाल पर पीएमसीएच प्रशासन ने सफाई दी है कि ऐसी कोई समस्या नहीं थी. उन्होंने कहा कि चूंकि यह मामला मीडिया में आया है, इसलिये स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले की जांच करेगा.
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पटना: महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. पीएमसीएच में उन्होंने अंतिम सांस ली. इस दौरान एक बेहद ही मार्मिक तस्वीर देखने को मिली. इतने बड़े शख्सियत के निधन के बाद पीएमसीएच प्रशासन ने बिना किसी व्यवस्था के शव को अस्पताल परिसर में वैसे ही छोड़ दिया.

उनके शव को स्ट्रेचर पर बाहर रखने के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पर जमकर हमला हो रहा है. पीएमसीएच प्रशासन ने उनके परिजनों को सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट सौंपकर अपना पल्ला झाड़ लिया. इस पूरे मामले के बाद मचे बवाल पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सफाई दी है.

पीएमसीएच की उपेक्षा पर सफाई देते स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार

अस्पताल प्रशासन से नहीं हुई चूक
संजय कुमार ने बताया कि पीएमसीएच लाने से पहले ही वशिष्ठ नारायण सिंह की मृत्यु हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट ने यह जानकारी दी है. अस्पताल प्रशासन उनके शव का पोस्टमार्टम करने या नहीं करने के मामले पर विचार कर रहा था तभी उनके शव को बाहर रखा देख सवाल खड़े होने लगे.

मामले की होगी जांच
संजय कुमार ने कहा कि मुझे भी ऐसा लगता है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से किसी तरह की कोई चूक नहीं हुई है. प्रधान सचिव ने बताया कि एंबुलेंस के सवाल पर पीएमसीएच प्रशासन ने सफाई दी है कि ऐसी कोई समस्या नहीं थी. उन्होंने कहा कि चूंकि यह मामला मीडिया में आया है, इसलिये स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले की जांच करेगा.
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Intro:महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के लंबी बीमारी के बाद आज मृत्यु हो गया। इसके बाद पीएमसीएच प्रशासन द्वारा डेथ सर्टिफिकेट दे दिया गया है।
लेकिन उनके शव को स्ट्रेचर पर बाहर रखने के बाद जमकर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पर हमला हो रहा है।


Body:इस पूरे मामले पर जब स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार से सवाल किया गया तो। उन्होंने बताया गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को पीएमसीएच लाने से पहले उनकी मृत्यु हो चुकी थी। शाहदरा के प्रधान सचिव पीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट से पूरे मामले की जानकारी ले यह बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि उनकी मृत्यु के बाद अस्पताल प्रशासन उनके शव का पोस्टमार्टम करने या नहीं करने के मामले पर विचार कर ही रहा था। तभी उनके सबको बाहर देख सवाल खड़े होने लगे।


Conclusion:प्रधान सचिव ने बताया कि एंबुलेंस के सवाल पर पीएमसीएच प्रशासन ने सफाई दी है कि ऐसी कोई समस्या नहीं थी।
स्वास्थ्य भाग पूरे मामले की जांच करेगा।
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