पटना: राज्य में हाइस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 4 जनवरी से खुल चुके हैं. ये सभी शिक्षण संस्थान पिछले साल मार्च महीने से ही बंद पड़े थे. संक्रमण के घटते मामलों को देखते हुए हाई लेवल कमेटी की हरी झंडी के बाद 4 जनवरी से शिक्षण संस्थानों को खोला गया. लेकिन स्कूल खोलने के साथ ही मुंगेर, गया और पटना में संक्रमण के मामले सामने आए.
मुंगेर में जहां शिक्षक और छात्र बड़ी संख्या में संक्रमित हुए, तो वहीं गया में एक हाई स्कूल के प्रिंसिपल कोरोना संक्रमण के कारण पटना के अस्पताल में गंभीर हालत में इलाज करा रहे हैं. इधर, पटना के मिलर हाई स्कूल में भी एक शिक्षक संक्रमित हो गए. संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या सरकार छोटे बच्चों के लिए प्रारंभिक और मध्य विद्यालयों को खोलने पर फैसला लेगी.
सरकार सोच विचार कर करे फैसला
'स्कूल में साफ सफाई का काम चल रहा है. लेकिन स्कूलों को खोलने का फैसला सरकार का होगा. सरकार जब फैसला करेगी तो बच्चे स्कूल आएंगे लेकिन उसके पहले स्कूलों को सेनीटाइज कराना बहुत जरूरी है. वहीं, जो हाई स्कूल खुले हैं उनमें संक्रमण के मामले सामने आए हैं, ऐसे में सरकार को सोच विचार कर कोई फैसला करना चाहिए.'- असीम मिश्र, प्राचार्य, अदालतगंज बालक मध्य विद्यालय
बता दें कि सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों को खोलने का फैसला हाई लेवल कमेटी के अनुशंसा के बाद किया था. 4 जनवरी को स्कूल खोलने से पहले सरकार ने यह भी स्पष्ट किया था कि अगले 15 दिन के बाद हम एक बार फिर समीक्षा करेंगे कि स्कूलों को खोलने का फैसला किस तरह का रहा, गार्जियन का रिस्पांस कैसा है और बच्चों में कोरोना का कोई मामला तो सामने नहीं आया. इन सभी बातों को देखते हुए कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल खोलने को लेकर फैसला होगा.
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कोर कमेटी की होगी बैठक
इन सबके बीच बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने आज यह स्पष्ट किया है कि प्रारंभिक और मध्य विद्यालयों को खोलने को लेकर फैसला अगले 10 दिन में होगा. जब कोर कमेटी की बैठक होगी. कोर कमेटी हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल खुलने के बाद बच्चों की उपस्थिति और गार्जियन के रिस्पांस को देखते हुए कोई फैसला करेगी. तभी प्रारंभिक और मध्य विद्यालयों को खोलने को लेकर फैसला हो सकता है.