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पटना के विभिन्न अस्पतालों में बढ़ाई जा रही है PICU और NICU वार्ड में बेड की संख्या

कोरोना संक्रमण का तीसरा लहर जल्द ही आनेवाला है. एहतियातन पटना के अस्पतालों में पीकू और नीकू वार्ड के बेड बढ़ाए जा रहे हैं. पीकू में 0 से 30 दिन के नवजात शिशु का इलाज चलता है. जबकि नीकू में 1 माह से 12 साल के बच्चे का इलाज चलता है. पढ़ें रिपोर्ट.

हॉस्पिटल में बच्चे
हॉस्पिटल में बच्चे
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Published : May 28, 2021, 8:53 PM IST

Updated : May 28, 2021, 9:20 PM IST

पटना: कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर का पिक टाइम टल चुका है. चिकित्सा जगत से जुड़े विशेषज्ञ इस बात की प्रबल आशंका जाहिर कर रहे हैं कि जल्द ही देश में कोरोना संक्रमण का तीसरा लहर (Third wave of Corona) आएगा. विशेषज्ञों की मानें तो तीसरे लहर में संक्रमण का अगर सबसे अधिक किसी पर खतरा है तो वह 18 से कम उम्र के बच्चों पर है. ऐसे में सरकार ने अस्पतालों को शिशु विभाग में पर्याप्त तैयारी करने के निर्देश दिए हैं. अस्पतालों में पीकू और नीकू के बेड बढ़ाए जा रहे हैं. पीकू में 0 से 30 दिन के नवजात शिशु का इलाज चलता है. जबकि नीकू में 1 माह से 12 साल के बच्चे का इलाज चलता है.

यह भी पढ़ें- बेतिया: कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों में अफवाह, डफली बजाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं सरपंच

पटना के अस्पतालों में बेड की संख्या
पीएमसीएच में पीकू के 6 बेड हैं. जबकि नीकू के 11 बेड हैं. पीकू और नीकू के बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध रहती है. इसके अलावा पीएमसीएच में 52 जेनरल आईसीयू बेड हैं, जो ऑक्सीजन युक्त हैं. पटना एम्स की बात करें तो यहां पीकू के 20 बेड हैं. जबकि नीकू के दस बेड मौजूद हैं.

बच्चा वार्ड
बच्चा वार्ड

एनएमसीएच में सार्वाधिक बेड
पटना के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में बच्चों के लिए गंभीर स्थिति के सार्वाधिक बेड एनएमसीएच में हैं, जहां पीकू के 23 बेड हैं. निकू के 24 बेड हैं. अस्पताल में नीकू और पीकू के 15 से 20 बेड बढ़ाए जाने पर काम भी चल रहा है. पटना के प्राइवेट हॉस्पिटलों की बात करें तो विभिन्न प्राइवेट हॉस्पिटल में पीकू और निकू के लगभग 50 से 60 बेड उपलब्ध हैं.

हॉस्पिटल
हॉस्पिटल

यह भी पढ़ें- 'इंग्लिशपुर' में देसी शादी: परंपरा का फेर, लॉकडाउन के नियम 'ढेर'

अस्पतालों में बढ़ाई जा रही है बेड की संख्या
संक्रमण के तीसरे लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका को देखते हुए इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस यानी कि आईजीआईएमएस में बच्चों के लिए 30 बेड तैयार कर लिए गए हैं. सभी अस्पतालों में बच्चों के लिए आईसीयू बेड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है.

डॉ. अजय अरुण, कोविड 19 वार्ड के प्रभारी चिकित्सक, पीएमसीएच
डॉ. अजय अरुण, कोविड 19 वार्ड के प्रभारी चिकित्सक, पीएमसीएच

'जिस प्रकार से विशेषज्ञ तीसरे लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की संभावना जता रहे हैं, ऐसे में पहले से ही बच्चों के लिए आईसीयू बेड बढ़ाए जाने पर काम शुरू हो जाने चाहिए. अस्पताल में काम शुरू भी हो चुका है. ताकि गंभीर स्थिति में जब बच्चे अस्पताल पहुंचें, तो उन्हें बेड मिलने में दिक्कत ना हो और तत्काल उनका इलाज शुरू हो सके.' -डॉ. अजय अरुण, कोविड 19 वार्ड के प्रभारी चिकित्सक, पीएमसीएच

यह भी पढ़ें- रोहतास: लॉकडाउन में बने गरीबों का सहारा, जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचा रहे युवा

पटना: कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर का पिक टाइम टल चुका है. चिकित्सा जगत से जुड़े विशेषज्ञ इस बात की प्रबल आशंका जाहिर कर रहे हैं कि जल्द ही देश में कोरोना संक्रमण का तीसरा लहर (Third wave of Corona) आएगा. विशेषज्ञों की मानें तो तीसरे लहर में संक्रमण का अगर सबसे अधिक किसी पर खतरा है तो वह 18 से कम उम्र के बच्चों पर है. ऐसे में सरकार ने अस्पतालों को शिशु विभाग में पर्याप्त तैयारी करने के निर्देश दिए हैं. अस्पतालों में पीकू और नीकू के बेड बढ़ाए जा रहे हैं. पीकू में 0 से 30 दिन के नवजात शिशु का इलाज चलता है. जबकि नीकू में 1 माह से 12 साल के बच्चे का इलाज चलता है.

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पटना के अस्पतालों में बेड की संख्या
पीएमसीएच में पीकू के 6 बेड हैं. जबकि नीकू के 11 बेड हैं. पीकू और नीकू के बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध रहती है. इसके अलावा पीएमसीएच में 52 जेनरल आईसीयू बेड हैं, जो ऑक्सीजन युक्त हैं. पटना एम्स की बात करें तो यहां पीकू के 20 बेड हैं. जबकि नीकू के दस बेड मौजूद हैं.

बच्चा वार्ड
बच्चा वार्ड

एनएमसीएच में सार्वाधिक बेड
पटना के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में बच्चों के लिए गंभीर स्थिति के सार्वाधिक बेड एनएमसीएच में हैं, जहां पीकू के 23 बेड हैं. निकू के 24 बेड हैं. अस्पताल में नीकू और पीकू के 15 से 20 बेड बढ़ाए जाने पर काम भी चल रहा है. पटना के प्राइवेट हॉस्पिटलों की बात करें तो विभिन्न प्राइवेट हॉस्पिटल में पीकू और निकू के लगभग 50 से 60 बेड उपलब्ध हैं.

हॉस्पिटल
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अस्पतालों में बढ़ाई जा रही है बेड की संख्या
संक्रमण के तीसरे लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका को देखते हुए इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस यानी कि आईजीआईएमएस में बच्चों के लिए 30 बेड तैयार कर लिए गए हैं. सभी अस्पतालों में बच्चों के लिए आईसीयू बेड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है.

डॉ. अजय अरुण, कोविड 19 वार्ड के प्रभारी चिकित्सक, पीएमसीएच
डॉ. अजय अरुण, कोविड 19 वार्ड के प्रभारी चिकित्सक, पीएमसीएच

'जिस प्रकार से विशेषज्ञ तीसरे लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की संभावना जता रहे हैं, ऐसे में पहले से ही बच्चों के लिए आईसीयू बेड बढ़ाए जाने पर काम शुरू हो जाने चाहिए. अस्पताल में काम शुरू भी हो चुका है. ताकि गंभीर स्थिति में जब बच्चे अस्पताल पहुंचें, तो उन्हें बेड मिलने में दिक्कत ना हो और तत्काल उनका इलाज शुरू हो सके.' -डॉ. अजय अरुण, कोविड 19 वार्ड के प्रभारी चिकित्सक, पीएमसीएच

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Last Updated : May 28, 2021, 9:20 PM IST
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