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Mahashivratri 2023: पटना का 137 साल पुराना मनोकामना शिवालय, यहां होती है हर इच्छा पूरी

महाशिवरात्रि को लेकर 137 साल पुराने पटना के खाजपुरा शिव मंदिर की को खास तरीके से सजाया गया है. मान्यताओं के अनुसार सच्चे मन से मांगने पर भोलेनाथ सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. यही कारण है कि खाजपुरा शिव मंदिर को लोग मनोकामना शिवालय के नाम से भी जानते हैं.

khajpura shiva mandir
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Published : Feb 16, 2023, 5:01 PM IST

खाजपुरा शिव मंदिर में खास तैयारी

पटना: 18 फरवरी को महाशिवरात्रि है. इसको लेकर राजधानी के सभी शिवालयों को काफी खूबसूरत तरीके से सजाया धजाया गया है. शिवभक्त महाशिवरात्रि को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं. ऐसे में पटना के बेली रोड स्थित खाजपुरा शिव मंदिर में भी महाशिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है. खाजपुरा शिव मंदिर के विशेष महत्व के कारण दूर-दूर से लोग यहां मत्था टेकने पहुंचते हैं.

पढ़ें- Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि में राशि के अनुसार करें भगवान शिव की पूजा, सभी मनोकामना होगी पूरी

महाशिवरात्रि को लेकर खाजपुरा शिव मंदिर में खास तैयारी: खाजपुरा शिव मंदिर विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए 18 फरवरी को सुबह से खोल दिया जाएगा और श्रद्धालु सुबह से ही पहुंच कर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करेंगे. ऐसा मान्यता है कि खाजपुरा शिव मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना करते हैं, उनकी मनोकामना पूर्ण होती है. बेली रोड इलाके के सबसे पुराने और प्रसिद्ध शिवालय में शामिल खाजपुरा शिव मंदिर प्रेम सौहार्द के लिए भी मिसाल है.

हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक: दरअसल खाजपुरा शिव मंदिर के समीप मस्जिद भी है और सभी हिंदू मुस्लिम प्रेम पूर्वक सभी धर्मों को मानते हैं. इसका नतीजा है कि आज खाजपुरा शिव मंदिर की भव्यता लोगों को आकर्षित करती है. सावन से लेकर महाशिवरात्रि तक में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ यहां जुटती है. खाजपुरा शिव मंदिर के महंत राजेश दुबे ने बताया कि फागुन मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को महाशिवरात्रि बड़े ही धूमधाम से भक्त मनाते हैं.

"इस बार 18 फरवरी शनिवार के दिन सभी शिवालय में श्रद्धालु सुबह से ही पहुंच करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करेंगे. खाजपुरा शिव मंदिर की विशेष महत्ता है. इस मंदिर के शिवालय की 1886 ईस्वी में प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. बहुत ही पुराना शिवालय है और अब आस्था के केंद्र के रूप में यह जाना जाता है. मंदिर की भव्यता देखने दूर-दूर से भी लोग आते हैं."- राजेश,महंत

मनोकामना शिवालय के नाम से भी प्रसिद्ध: इस मंदिर के ऊपरी छोर का निर्माण 1992 में हुआ था जहां पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती एक साथ विराजमान है. साथ ही 2009 में राम दरबार भी बनाया गया है. मान्यता है कि यहां सच्चे दिल से भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसलिए खाजपुरा शिव मंदिर को मनोकामना शिवालय के रूप में भी भक्त जानते हैं.

सीएम नीतीश करेंगे भोलेनाथ की पूजा: खाजपुरा शिव मंदिर में इस बार महाशिवरात्रि को लेकर के विशेष इंतजाम किया जा रहे हैं. सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने के कारण मंदिर ट्रस्ट की तरफ से विशेष व्यवस्था की जाती है. सदस्यों को खास जिम्मेदारी दी जाती है. पूजा अर्चना के लिए भक्तों को सदस्य ही प्रवेश दिलाते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचेंगे और भक्तों के लिए मंदिर ट्रस्ट की तरफ से प्रसाद का भी इंतजाम किया गया है. रात्रि में शिव विवाह को लेकर भी पूजा अर्चना के साथ महामृत्युंजय और रुद्राभिषेक की जाती है. बहुत पुराना शिवालय होने के कारण यहां पर 10 से 15 हजार श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान है.

खाजपुरा शिव मंदिर में खास तैयारी

पटना: 18 फरवरी को महाशिवरात्रि है. इसको लेकर राजधानी के सभी शिवालयों को काफी खूबसूरत तरीके से सजाया धजाया गया है. शिवभक्त महाशिवरात्रि को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं. ऐसे में पटना के बेली रोड स्थित खाजपुरा शिव मंदिर में भी महाशिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है. खाजपुरा शिव मंदिर के विशेष महत्व के कारण दूर-दूर से लोग यहां मत्था टेकने पहुंचते हैं.

पढ़ें- Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि में राशि के अनुसार करें भगवान शिव की पूजा, सभी मनोकामना होगी पूरी

महाशिवरात्रि को लेकर खाजपुरा शिव मंदिर में खास तैयारी: खाजपुरा शिव मंदिर विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए 18 फरवरी को सुबह से खोल दिया जाएगा और श्रद्धालु सुबह से ही पहुंच कर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करेंगे. ऐसा मान्यता है कि खाजपुरा शिव मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना करते हैं, उनकी मनोकामना पूर्ण होती है. बेली रोड इलाके के सबसे पुराने और प्रसिद्ध शिवालय में शामिल खाजपुरा शिव मंदिर प्रेम सौहार्द के लिए भी मिसाल है.

हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक: दरअसल खाजपुरा शिव मंदिर के समीप मस्जिद भी है और सभी हिंदू मुस्लिम प्रेम पूर्वक सभी धर्मों को मानते हैं. इसका नतीजा है कि आज खाजपुरा शिव मंदिर की भव्यता लोगों को आकर्षित करती है. सावन से लेकर महाशिवरात्रि तक में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ यहां जुटती है. खाजपुरा शिव मंदिर के महंत राजेश दुबे ने बताया कि फागुन मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को महाशिवरात्रि बड़े ही धूमधाम से भक्त मनाते हैं.

"इस बार 18 फरवरी शनिवार के दिन सभी शिवालय में श्रद्धालु सुबह से ही पहुंच करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करेंगे. खाजपुरा शिव मंदिर की विशेष महत्ता है. इस मंदिर के शिवालय की 1886 ईस्वी में प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. बहुत ही पुराना शिवालय है और अब आस्था के केंद्र के रूप में यह जाना जाता है. मंदिर की भव्यता देखने दूर-दूर से भी लोग आते हैं."- राजेश,महंत

मनोकामना शिवालय के नाम से भी प्रसिद्ध: इस मंदिर के ऊपरी छोर का निर्माण 1992 में हुआ था जहां पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती एक साथ विराजमान है. साथ ही 2009 में राम दरबार भी बनाया गया है. मान्यता है कि यहां सच्चे दिल से भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसलिए खाजपुरा शिव मंदिर को मनोकामना शिवालय के रूप में भी भक्त जानते हैं.

सीएम नीतीश करेंगे भोलेनाथ की पूजा: खाजपुरा शिव मंदिर में इस बार महाशिवरात्रि को लेकर के विशेष इंतजाम किया जा रहे हैं. सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने के कारण मंदिर ट्रस्ट की तरफ से विशेष व्यवस्था की जाती है. सदस्यों को खास जिम्मेदारी दी जाती है. पूजा अर्चना के लिए भक्तों को सदस्य ही प्रवेश दिलाते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचेंगे और भक्तों के लिए मंदिर ट्रस्ट की तरफ से प्रसाद का भी इंतजाम किया गया है. रात्रि में शिव विवाह को लेकर भी पूजा अर्चना के साथ महामृत्युंजय और रुद्राभिषेक की जाती है. बहुत पुराना शिवालय होने के कारण यहां पर 10 से 15 हजार श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान है.

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