पटना: बिहार(Bihar) सरकार में सभी विभागों में तबादले( Transfer in all departments) की तैयारी चल रही है. कोरोना महामारी(Corona Pndemic) का असर विभागों में तबादलों पर भी देखने को मिल रहा है. लेकिन अभी इस महीने में 19 दिन और बचे हैं. पिछले साल जून के अंतिम दिन लगभग 700 अधिकारियों अभियंताओं और अन्य पदों पर तबादले हुए थे. उससे पहले भी बड़े पैमाने पर तबादले किए गए थे.
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पोस्टिंग को लेकर खींचतान
पिछले साल नीतीश सरकार (Nistish Government) बनने के बाद कई जिलों के डीएम-एसपी बदले गए थे. अब एक बार फिर से मनपसंद अधिकारियों को एनडीए(NDA) के घटक दल पोस्टिंग करवाना चाह रहे हैं और चर्चा है कि इसके लिए भी खासकर जदयू(JDU) और बीजेपी(BJP) में खटपट है. हालांकि बीजेपी(BJP) के नेता इससे इंकार कर रहे हैं.
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एक रिपोर्ट..
मनपसंद अधिकारियों की पोस्टिंग
लालू प्रसाद यादव(Laloo yadav) के साथ जब पिछली बार नीतीश कुमार(Nitish Kumar) गए थे और महागठबंधन की सरकार बनी थी तो उस समय भी लालू यादव पर आरोप लगा था. इस बार जदयू तीसरे नंबर की पार्टी है और इसके बावजूद बीजेपी ने नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाया है. लेकिन सरकार में बीजेपी अपनी भूमिका कारगर बनाना चाहती है.
सभी पदों पर चल रही तबादले की तैयारी
जून का महीना तबादलों वाला होता है. मंत्री स्तर पर सभी विभाग में इसी महीने में तबादले होते हैं और उसकी तैयारी इस बार भी शुरू है. अधिकारी, अभियंता, डॉक्टर से लेकर सभी पदों पर तबादले की तैयारी हो रही है. स्वास्थ्य, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, समाज कल्याण, राजस्व एवं भूमि सुधार, गृह विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग सहित अन्य विभागों में लिस्ट बनने लगी है. कोरोना के कारण असर जरूर पड़ा है लेकिन आने वाले कुछ दिनों में तबादले शुरू होने के संकेत हैं.
'ऐसी कोई बात नहीं है एनडीए में सब कुछ सामान्य है और तबादले भी सब कुछ सामान्य तरीके से ही होंगे. जो नियम कायदे हैं उसी को फॉलो किया जाएगा'.-विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता
NDA में दिख रही खटपट
एनडीए में खटपट का एक बड़ा कारण मनपसंद अधिकारियों के तबादले को भी माना जा रहा है. चर्चा है कि बीजेपी ने बड़े अधिकारियों के तबादले की एक सूची मुख्यमंत्री को भेज दी है. पिछले साल मंत्री स्तर पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए बड़े पैमाने पर तबादले को मुख्यमंत्री ने रोक दिया था. मुख्यमंत्री ने कुछ और विभागों के तबादले पर भी नाराजगी जताई थी बाद में मुख्यमंत्री की सहमति के बाद फिर अधिकारियों और अन्य पदों पर तबादले हुए.
फरवरी में हुआ था मंत्रिमंडल का विस्तार
जदयू कोटा में मुख्यमंत्री के साथ 13 मंत्री हैं तो बीजेपी कोटे में दो उप मुख्यमंत्री के साथ 16 मंत्री हैं. पिछले साल 16 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ 15 सदस्यी मंत्रिमंडल ने शपथ ली थी. बाद में मेवा लाल चौधरी को आरोपों के कारण इस्तीफा देना पड़ा था. तब सीएम समेत केवल 14 मंत्री रह गए थे. इस साल फरवरी में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और मंत्रिमंडल की संख्या नीतीश कुमार के साथ बढ़कर 31 हो गयी. इसमें बीजेपी के पास अधिक विभाग हैं.
बीजेपी विधानसभा चुनाव में इस बार 74 सीट लाकर एनडीए में सबसे बड़ा दल है. तो वहीं जदयू 44 सीट के साथ दूसरे स्थान पर है. हम और वीआईपी को चार-चार सीट मिले हैं. बीजेपी सरकार में मंत्रियों की संख्या अधिक होने और विधायकों की संख्या भी सबसे अधिक होने के कारण अपनी दावेदारी इस बार अधिक कर रही है और जदयू के नेता इस मामले में फिलहाल चुप्पी साध रखी है.