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मसौढ़ी में स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा अभियान, 8-14 जनवरी तक बच्चों को किया जाएगा चिह्निंत - etv bharat news

मसौढ़ी में स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा अभियान को लेकर तैयारी शुरू कर दी गयी. कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए सेविकाओं और सहायिकाओं को प्रशिक्षण (Training for Identify Malnourished Children) दिया जा रहा है.

Swasth Balak Balika Spardha Abhiyan in Masaurhi
मसौढ़ी में स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा अभियान
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Published : Dec 28, 2021, 7:39 PM IST

पटना (मसौढ़ी): राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा अभियान (Swasth Balak Balika Spardha Abhiyan in Masaurhi) चलाया जाना है. इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. इसके माध्यम से 8 से 14 जनवरी तक 6 वर्ष के स्वस्थ बच्चों की पहचान (Identification of Healthy Children in Masaurhi) पूरे बिहार के आंगनवाड़ी केंद्रों, स्कूल पंचायतों में किया जाएगा. उनके पोषण स्तर की पहचान भी की जाएगी. जिसको लेकर मसौढ़ी अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों के समेकित बाल विकास परियोजना केंद्र पर आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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बता दें कि पोषण अभियान के तहत आगामी 8-14 जनवरी तक बिहार के तमाम आंगनबाड़ी केंद्रों पर बालक-बालिका स्पर्धा कार्यक्रम की शुरुआत होनी है. इसमें पोषण अभियान के तहत जागरुकता लाने के साथ जन भागीदारी और पोषण के स्तर में सुधार लाने के लिए व्यवहार परिवर्तन पर जोर दिया जाना है. इस अभियान को जन आंदोलन बनाने की दिशा में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर इन दिनों सेविका, सहायकों का प्रशिक्षित किया जा रहा है. इस पूरी सूची को पोषण ट्रैकर पर अपलोड किया जाएगा, जहां कोई भी उसे देख सकता है.

देखें वीडियो

पोषण अभियान के तहत प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत, स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर विशेष कैंप का आयोजन कर स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा कार्यक्रम चलाया जाना है. जहां स्वस्थ बच्चे की पहचान कर, उनके परिजनों को सम्मानित भी किया जाएगा. अभिभावकों के बीच बच्चे को स्वस्थ एवं सुपोषित रखने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करना, 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों की लंबाई-ऊंचाई और उसका वजन को मापा जाएगा. बच्चे के कुपोषित होने पर उपचार के लिए अनुमंडल अस्पताल मसौढ़ी एनआरसी में एडमिट कराया जाएगा.

स्वस्थ बच्चों की पहचान को लेकर भारत सरकार द्वारा आगामी 8 जनवरी से 14 जनवरी तक बिहार के तमाम आंगनवाड़ी केंद्रों पर स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा कार्यक्रम चलाया जाएगा. जहां कुपोषित बच्चों की पहचान की जाएगी और कुपोषित होने पर एनआरसी में एडमिट किया जाएगा. जिसको लेकर सभी सेविकाओं और सहायिकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. -ममता कुमारी, सीडीपीओ मसौढ़ी

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बता दें कि पोषण अभियान के तहत आगामी 8-14 जनवरी तक बिहार के तमाम आंगनबाड़ी केंद्रों पर बालक-बालिका स्पर्धा कार्यक्रम की शुरुआत होनी है. इसमें पोषण अभियान के तहत जागरुकता लाने के साथ जन भागीदारी और पोषण के स्तर में सुधार लाने के लिए व्यवहार परिवर्तन पर जोर दिया जाना है. इस अभियान को जन आंदोलन बनाने की दिशा में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर इन दिनों सेविका, सहायकों का प्रशिक्षित किया जा रहा है. इस पूरी सूची को पोषण ट्रैकर पर अपलोड किया जाएगा, जहां कोई भी उसे देख सकता है.

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पोषण अभियान के तहत प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत, स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर विशेष कैंप का आयोजन कर स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा कार्यक्रम चलाया जाना है. जहां स्वस्थ बच्चे की पहचान कर, उनके परिजनों को सम्मानित भी किया जाएगा. अभिभावकों के बीच बच्चे को स्वस्थ एवं सुपोषित रखने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करना, 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों की लंबाई-ऊंचाई और उसका वजन को मापा जाएगा. बच्चे के कुपोषित होने पर उपचार के लिए अनुमंडल अस्पताल मसौढ़ी एनआरसी में एडमिट कराया जाएगा.

स्वस्थ बच्चों की पहचान को लेकर भारत सरकार द्वारा आगामी 8 जनवरी से 14 जनवरी तक बिहार के तमाम आंगनवाड़ी केंद्रों पर स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा कार्यक्रम चलाया जाएगा. जहां कुपोषित बच्चों की पहचान की जाएगी और कुपोषित होने पर एनआरसी में एडमिट किया जाएगा. जिसको लेकर सभी सेविकाओं और सहायिकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. -ममता कुमारी, सीडीपीओ मसौढ़ी

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