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बोले मंत्री प्रेम कुमार- जलवायु परिवर्तन को कृषि विभाग ने चुनौती के रूप में लिया - पटना कृषि अनुसंधान केंद्र

कृषि मंत्री ने आगे कहा कि अब जलवायु परिवर्तन को लेकर मुख्यमंत्री ने जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम की शुरुआत की है. इसमें फसल चक्र का रिसर्च किया जाएगा और उसके अनुसार फसलों का चयन होगा. ताकि यहां के किसानों को लाभ मिल सके.

प्रेम कुमार
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Published : Nov 20, 2019, 4:33 PM IST

पटना: कृषि विभाग की ओर से जलवायु के अनुकूल कृषि के लिए बड़े पैमाने पर काम शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री ने बुधवार को विधिवत रुप से इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया. कृषि विभाग कई कृषि विश्वविद्यालयों के साथ इस पर काम करने जा रहा है.

ये भी पढ़ें:- भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या का बिहार से है खास नाता- आचार्य किशोर कुणाल

पटना कृषि अनुसंधान केंद्र में भी इस पर काम होगा. वहीं, राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय भी इससे जुड़ा हुआ है. सभा को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को कृषि विभाग ने चुनौती के रूप में लिया है. बिहार में जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर है क्योंकि यहां 95% लोग आज भी कृषि पर किसी ना किसी रूप में निर्भर हैं.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'बारिश नहीं होने से किसान प्रभावित'
मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में आयोजित जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम में मंत्री प्रेम कुमार ने कहा बिहार के किसानों को जलवायु परिवर्तन का लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि समय पर बारिश नहीं होने के कारण 14 लाख से अधिक किसान इस साल प्रभावित हुए हैं. हालांकि, सरकार की तरफ से बड़ी राशि अनुदान के रूप में दी भी गई है. कृषि मंत्री ने आगे कहा कि अब जलवायु परिवर्तन को लेकर मुख्यमंत्री ने जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम की शुरुआत की है. इसमें फसल चक्र का रिसर्च किया जाएगा और उसके अनुसार फसलों का चयन होगा. ताकि यहां के किसानों को लाभ मिल सके.

patna
जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम में शामिल मंत्रीगण

पहले चरण में 8 जिलों में शुरू योजना
बता दें कि कृषि विभाग जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को पहले चरण में 8 जिलों में शुरू करने जा रहा है. उसके बाद आगे कई जिलों को इस कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा.

पटना: कृषि विभाग की ओर से जलवायु के अनुकूल कृषि के लिए बड़े पैमाने पर काम शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री ने बुधवार को विधिवत रुप से इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया. कृषि विभाग कई कृषि विश्वविद्यालयों के साथ इस पर काम करने जा रहा है.

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पटना कृषि अनुसंधान केंद्र में भी इस पर काम होगा. वहीं, राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय भी इससे जुड़ा हुआ है. सभा को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को कृषि विभाग ने चुनौती के रूप में लिया है. बिहार में जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर है क्योंकि यहां 95% लोग आज भी कृषि पर किसी ना किसी रूप में निर्भर हैं.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'बारिश नहीं होने से किसान प्रभावित'
मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में आयोजित जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम में मंत्री प्रेम कुमार ने कहा बिहार के किसानों को जलवायु परिवर्तन का लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि समय पर बारिश नहीं होने के कारण 14 लाख से अधिक किसान इस साल प्रभावित हुए हैं. हालांकि, सरकार की तरफ से बड़ी राशि अनुदान के रूप में दी भी गई है. कृषि मंत्री ने आगे कहा कि अब जलवायु परिवर्तन को लेकर मुख्यमंत्री ने जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम की शुरुआत की है. इसमें फसल चक्र का रिसर्च किया जाएगा और उसके अनुसार फसलों का चयन होगा. ताकि यहां के किसानों को लाभ मिल सके.

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जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम में शामिल मंत्रीगण

पहले चरण में 8 जिलों में शुरू योजना
बता दें कि कृषि विभाग जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को पहले चरण में 8 जिलों में शुरू करने जा रहा है. उसके बाद आगे कई जिलों को इस कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा.

Intro:पटना-- कृषि विभाग की ओर से जलवायु के अनुकूल कृषि के लिए बड़े पैमाने पर काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने आज विधिवत इस कार्यक्रम का उद्घाटन कर दिया है और कृषि विभाग कई कृषि विश्वविद्यालयों के साथ इस पर काम करने जा रहा है
कृषि अनुसंधान केंद्र पटना में भी इस पर काम होगा राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय भी इससे जुड़ा हुआ है। प्रेम कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को कृषि विभाग ने चुनौती के रूप में लिया है। बिहार में जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर है क्योंकि यहां 95% लोग आज भी कृषि पर किसी ना किसी रूप में निर्भर है।


Body:मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में आयोजित जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम में बोलते हुए कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा बिहार के किसानों को जलवायु परिवर्तन का लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है बिहार में 95% लोग किसी न किसी रूप में कृषि पर निर्भर है समय पर बारिश नहीं होने के कारण 14 लाख से अधिक किसान इस साल प्रभावित हुए हैं हालांकि सरकार की तरफ से बड़ी राशि अनुदान के रूप में दी गई है। अब जलवायु परिवर्तन को लेकर हैं मुख्यमंत्री ने आज जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम की शुरुआत की है इसमें फसल चक्र का रिसर्च किया जाएगा और उसके अनुसार फसलों का चयन होगा। इससे यहां के किसानों को लाभ मिल सके।
बाईट--प्रेम कुमार, कृषि मंत्री


Conclusion: कृषि विभाग जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम को पहले चरण में 8 जिलों में शुरू करने जा रहा है और उसके बाद आगे कई जिलों को इस कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
अविनाश, पटना।
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