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सभी जिलों की कृषि जलवायु परिस्थिति के मुताबिक बनेगी योजना- प्रेम कुमार - एसआरइपी विषय पर कार्यशाला आयोजन

प्रेम कुमार ने कहा कि एसआरईपी को तैयार करने में प्रत्येक जिला के कृषि प्रणाली की विशेषता या अभिनवता की पहचान कर उस जिले में कृषि के विविधिकरण पर विशेष बल दिया जाना चाहिए.

कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने एसआरइपी विषय पर कार्यशाला का किया उद्घाटन
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Published : Oct 16, 2019, 10:06 PM IST

पटना: कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बुधवार को पटना के सभागार में सामरिक अनुसंधान और विस्तार योजना, एसआरईपी विषय पर मास्टर ट्रेनर के लिए आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन किया. उन्होंने इस मौके पर प्रत्येक जिले के लिए अलग योजना बनाने पर निर्णय लिया. इसी को लेकर ये प्रशिक्षण किया जा रहा है. इस मौके पर मंत्री ने कहा कि जिला में कृषि विकास में तेजी लाने के लिए एसआरईपी का निर्माण आवश्यक है.

सभी जिले का अलग है कृषि जलवायु परिस्थिति
कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार राज्य के सभी जिले की अलग-अलग कृषि जलवायु परिस्थिति है. इसलिए ये आवश्यक है कि प्रत्येक जिले के जलवायु के अनुसार कृषि कार्य, पशुधन और कृषि प्रणालियों को विकसित करने के लिए उस जिले के संसाधन की उपलब्धता, सामाजिक और आर्थिक स्थिति, बाजार की व्यवस्था उत्पादन उपलब्ध कराने वाले केंन्द्रों की संख्या के अनुसार सामरिक अनुसंधान और विस्तार योजना तैयार की जाए.

कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार का बयान

'किसानों का विकास ही सरकार का लक्ष्य'
प्रेम कुमार ने कहा कि एसआरईपी को तैयार करने में प्रत्येक जिला के कृषि प्रणाली की विशेषता या अभिनवता की पहचान कर उस जिले में कृषि के विविधिकरण पर विशेष बल दिया जाना चाहिए. जिसके फलस्वरूप किसानों की आय में वृद्धि होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों का विकास ही सरकार का लक्ष्य है. जिसे पूरा करने में कृषि विभाग कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता. उन्होंने बताया कि मास्टर ट्रेनर्स को दिए गए इस प्रशिक्षण के बाद किसानों के विकास में काफी फायदा होगा, जो विभाग के लिए एक और मिल का पत्थर साबित होगा.

पटना: कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बुधवार को पटना के सभागार में सामरिक अनुसंधान और विस्तार योजना, एसआरईपी विषय पर मास्टर ट्रेनर के लिए आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन किया. उन्होंने इस मौके पर प्रत्येक जिले के लिए अलग योजना बनाने पर निर्णय लिया. इसी को लेकर ये प्रशिक्षण किया जा रहा है. इस मौके पर मंत्री ने कहा कि जिला में कृषि विकास में तेजी लाने के लिए एसआरईपी का निर्माण आवश्यक है.

सभी जिले का अलग है कृषि जलवायु परिस्थिति
कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार राज्य के सभी जिले की अलग-अलग कृषि जलवायु परिस्थिति है. इसलिए ये आवश्यक है कि प्रत्येक जिले के जलवायु के अनुसार कृषि कार्य, पशुधन और कृषि प्रणालियों को विकसित करने के लिए उस जिले के संसाधन की उपलब्धता, सामाजिक और आर्थिक स्थिति, बाजार की व्यवस्था उत्पादन उपलब्ध कराने वाले केंन्द्रों की संख्या के अनुसार सामरिक अनुसंधान और विस्तार योजना तैयार की जाए.

कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार का बयान

'किसानों का विकास ही सरकार का लक्ष्य'
प्रेम कुमार ने कहा कि एसआरईपी को तैयार करने में प्रत्येक जिला के कृषि प्रणाली की विशेषता या अभिनवता की पहचान कर उस जिले में कृषि के विविधिकरण पर विशेष बल दिया जाना चाहिए. जिसके फलस्वरूप किसानों की आय में वृद्धि होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों का विकास ही सरकार का लक्ष्य है. जिसे पूरा करने में कृषि विभाग कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता. उन्होंने बताया कि मास्टर ट्रेनर्स को दिए गए इस प्रशिक्षण के बाद किसानों के विकास में काफी फायदा होगा, जो विभाग के लिए एक और मिल का पत्थर साबित होगा.

Intro:कृषि मंत्री डॉ॰ प्रेम कुमार ने बुधवार को बामेती, पटना के सभागार में सामरिक अनुसंधान एवं विस्तार योजना, एस॰आर॰ई॰पी॰ विषय पर मास्टर ट्रेनर के लिए आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन किया । उन्होने इस मौके पर प्रत्योक जिले के लिये अलग योजना बनाने पर निर्णय लिया है और उसी को लेकर यह प्रशिक्षण किया जा रहा है । इस मौके पर मंत्री ने कहा कि जिला में कृषि विकास में तेजी लाने के लिए एस॰आर॰ई॰पी॰ का निर्माण आवश्यक है। बिहार राज्य का प्रत्येक जिला का अलग-अलग कृषि जलवायु पारिस्थितिकी है। इसलिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक जिला के जलवायु के अनुसार कृषि कार्य, पशुधन तथा कृषि प्रणालियों को विकसित करने के लिए उस जिला के संसाधन की उपलब्धता, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति, बाजार की व्यवस्था उपादान उपलब्ध कराने वाले केन्द्रों की संख्या तथा अन्य सेवा सुविधाओं के अनुसार सामरिक अनुसंधान एवं विस्तार योजना तैयार की जाये। Body:अतः एसआरईपी को तैयार करने में प्रत्येक जिला के कृषि प्रणाली की विशेषता अथवा अभिनवता की पहचान कर उस जिला में कृषि के विविधिकरण पर विशेष बल दिया जाना चाहिए जिसके फलस्वरूप किसानों की आय में वृद्धि होना चाहिए ,प्रत्येक कृषि जलवायु प्रक्षेत्र के अंतर्गत ही सतत् उत्पादन प्रणालियों का निर्माण और अनुरक्षण करने के लिए उपयुक्त प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन योजना को प्रोत्साहित करना चाहिए। जिससे किसान ज्ञान को प्राप्त कर फसलों की पैदावार को बढ़ाते हुए अपने आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकता है।
Conclusion:उन्होंने कहा कि किसानों का विकास ही सरकार का लक्ष्य है जिसे पूरा करने में कृषि विभाग कोई कसर नही छोड़ना चाहता। उन्होंने बताया कि मास्टर ट्रेनर्स को दिए गए इस प्रशिक्षण के बाद किसानों के विकास में काफी फायदा होगा जो विभाग के लिए एक और मिल का पत्थर साबित होगा।
बाईट - प्रेम कुमार - कृषि मंत्री - बिहार
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